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प्रादेशिक

मोदी सरकार के मंत्री बोले- जो वंदे मातरम को स्वीकार नहीं कर सकते उन्हें भारत में रहने का अधिकार नहीं

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नई दिल्ली। मोदी सरकार के मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी ने एक सभा के दौरान कहा कि ऐसे में जो लोग वंदे मातरम को स्वीकार नहीं कर सकते हैं, उन्हें भारत में रहने का अधिकार नहीं है।

सारंगी ने ये बात भुवनेश्वर में आयोजित जनजागरण सभा में कही। उन्होंने अनुच्छेद 370 के हटाए जाने का विरोध करने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाने से टुकड़े-टुकड़े गैंग और आतंकियों के समर्थकों को सबसे अधिक दुख हुआ। कुछ लोग हैं जो फैसले को लेकर केंद्र सरकार के तरीके को गलत साबित करने में लगे हैं, जबकि पूरी दुनिया इसके लिए भारत की प्रशंसा कर रही है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा की विरोधी पार्टियों ने फैसले का समर्थन किया, लेकिन कांग्रेस ने इसका विरोध किया। कश्मीर में मानवाधिकार हनन के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिस समय कश्मीर में तैनात भारतीय सैनिकों को बारूदी सुरंगों में विस्फोट कर मारा गया तब किसी मानवाधिकार संगठन ने यह मुद्दा नहीं उठाया।

उन्होंने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने भी कहा है कि पीओके और अक्साई चिन भारत का हिस्सा हैं। पीएम मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने 72 साल के बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों को सभी अधिकार दिए हैं।

IANS News

महाकुंभ में बिछड़ने वालों को अपनों से मिलाएंगे एआई कैमरे, फेसबुक और एक्स भी करेंगे मदद

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प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार पहली बार इतने व्यापक स्तर पर महाआयोजन का डिजिटलाइजेशन कर रही है। यहां एआई की मदद से ऐसे कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो 45 करोड़ श्रद्धालुओं की हिफाजत में 24 घंटे तैनात रहेंगे। एआई लाइसेंस वाले इन कैमरों के साथ ही फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म भी बिछड़ने वाले परिजनों को खोजने में तत्काल मदद करेंगे।

मदद करेगा डिजिटल खोया पाया केंद्र

इस बार महाकुंभ में देश विदेश से बड़ी संख्या में आने वाले लोगों को अपनों को खोने का डर नहीं सताएगा। मेला प्रशासन ने इसकी व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इसके लिए डिजिटल खोया पाया केंद्र को एक दिसंबर से लाइव किया जाएगा। इसके माध्यम से 328 एआई लाइसेंस वाले कैमरे पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखेंगे। इन सभी कैमरों का परीक्षण कर लिया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को इन विशेष कैमरों से लैस किया जा रहा है। योगी सरकार के निर्देश पर बड़े पैमाने पर कैमरे इंस्टॉल करने का काम अपने अंतिम चरण में है। मेला क्षेत्र की चार लोकेशन पर इन विशेष एआई कैमरों का परीक्षण भी किया जा चुका है।
महाकुंभ में अब कोई भी अपना बिछड़ने नहीं पाएगा।

पलक झपकते काम करेगी तकनीक

महाकुंभ 2025 में शामिल होने वाले श्रृद्धालुओं के लिए सरकार ने ऐसे डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की है, जो तकनीक के सहारे चलेंगे और पलक झपकते ही अपनों से मिलाएंगे। इसमें हर खोए हुए व्यक्ति का डिजिटल पंजीकरण तुरंत किया जाएगा। पंजीकरण होने के बाद एआई कैमरे गुमशुदा की तलाश में जुट जाएंगे। यही नहीं, गुमशुदा की जानकारी को फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी शेयर किया जाएगा। यह व्यवस्था महाकुंभ मेले को न केवल सुरक्षित बनाएगी, बल्कि परिवारों को जल्दी और आसानी से अपने प्रियजनों से जोड़ने का काम करेगी।

फोटो से मिलान करेगा एआई

महाकुंभ में अपनों से बिछड़ने वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तत्काल काम करेगा। यहां 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। ऐसे में एआई कैमरे तत्काल फोटो खींचकर व्यक्ति की पहचान कर लेंगे। इस काम में सोशल मीडिया भी तत्पर रहेगा।

पहचान का देना होगा प्रमाण

जो भी व्यक्ति महाकुंभ मेले में अपनों से बिछड़ेगा, उसका सुरक्षित, व्यवस्थित और जिम्मेदार प्रणाली के तहत ख्याल भी रखा जाएगा। किसी भी वयस्क को बच्चे या महिला को ले जाने से पहले सुनिश्चित करना होगा कि वह उसे पहचानते हैं और उनकी पहचान प्रमाणिक है।

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