प्रादेशिक
लखनऊः होटल क्लार्क्स अवध में अजंता अस्पताल ने सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम का किया आयोजन
लखनऊ। वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर के कारण राष्ट्रीय राजधानी में स्वास्थ्य आपातकाल घोषित हो गया है, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के साथ ही राजधानी लखनऊ का भी हाल बुरा है, इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने भी बढ़ते वायु प्रदूषण रोकने के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिये हैं। श्वास रोगों के साथ ही दिल के रोगों के लिए भी वायु प्रदूषण बहुत जिम्मेदार है। यहां भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने होने के साथ, यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि यह हमारे देश में दिल के दौरे के कारणों में से एक है।
शनिवार को अजंता अस्पताल द्वारा यहां होटल क्लार्क्स अवध में आयोजित कार्डियक मैनेजमेंट में नई संभावनाओं’ विषय पर आयोजित सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) में इन विचारों को प्रस्तुत करते हुए, अजंता अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञों ने लोगों के स्वास्थ्य के प्रति चिंता व्यक्त की। इस सीएमई के सत्र में प्रदेश भर से आये 200 चिकित्सकों ने भाग लिया, जिनमें संजय गांधी पीजीआई, किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, सीजीएचस, ईसीएचएस, रेलवे के एनआर, एनईआर, एमसीएफ, आरडीएसओ अस्पतालों के विशेषज्ञों के साथ ही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, लखनऊ नर्सिंग होम एसोसिएशन व अन्य निजी चिकित्सक शामिल हैं।
अस्पताल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ कीर्तिमान सिंह ने कहा कि यह स्पष्ट है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को वहां प्रदूषण का स्तर कम होने के कारण दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है। उन्होंने कहा कि अब दिल की बीमारी उम्र से संबंधित कारक नहीं है और 25 साल से ऊपर के किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। साथ ही उन्होंने कहा कि “हालांकि, शुरुआती पहचान और उपचार से हृदय को नुकसान होने की संभावना कम हो जाती है। स्टडी में यह भी साबित हो चुका है कि भारतीयों को हमारे पश्चिमी समकक्षों की तुलना में कम से कम 10 साल पहले दिल की बीमारियां होती हैं।
सीएमई में इससे पूर्व अस्पताल के मुख्य कार्डियोलॉजिस्ट डॉ अभिषेक शुक्ल ने कहा कि दिल का दौरा पड़ने के एक घंटे के अंदर का समुचित उपचार एंजियोप्लास्टी सिर्फ 30 फीसदी मरीजों को ही मिल पाती है, शेष 70 प्रतिशत दिल के दौरे के रोगी इस उपचार से महरूम रह जाते हैं, और काल के गाल में समा जाते हैं। यह आंकड़ा भी अधिकतर मेट्रो शहरों तक ही सीमित है। समय पर इलाज न मिलने की बड़ी वजहों में समुचित उपचार की उपलब्ध सुविधाओं में कमी के साथ ही परिजनों की जागरूकता का अभाव है। अगर सुविधा मौजूद हों और परिजन मरीज को लेकर समय से कार्डियोलॉजिस्ट तक पहुंच जायें तो इन 70 प्रतिशत रोगियों को बचाया जा सकता है। हार्ट अटैक पड़ने के एक घंटे के अंदर इलाज का महत्व इतना है कि इस अवधि को ‘गोल्डन आवर’ यानी सुनहरा घंटा नाम दिया गया है।
डॉ अभिषेक शुक्ल ने कहा कि वैसे तो दिन प्रति दिन दिल के मरीज बढ़ते ही जा रहे हैं और इसमें जान का भी जोखिम है लेकिन अगर अटैक पड़ने के 60 मिनट के अंदर मरीज का उचित उपचार किया जाए तो उसे मौत के मुंह से बचाया जा सकता है। इस स्वर्णिम एक घंटे में दिल को हुई क्षति को कम किया जा सकता है और एक हृदय रोग विषेषज्ञ की देखरेख में दिया गया इलाज जान बचा सकता है।
डॉ. शुक्ल ने कहा कि कुछ ही कैथलैब हैं जो इस गोल्डन ऑवर में सफल इलाज सुनिश्चित करती हैं। उन्होंने बताया कि एक साल में देश में 21 लाख लोगों की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो जाती है। उन्होंने कहा कि त्वरित एंजियोप्लास्टी से दिल का दौरा पड़ने का खतरा 32 से लेकर 50 प्रतिशत तक कम हो जाता है और भविष्य में भी आशंका कम कर देता है। इस मौके पर अजंता हार्ट केयर एंड कैथ लैब की स्थापना के बाद से बीते सवा साल से ज्यादा की अवधि में किये गये खास केसों के बारे में भी बताया कि किस तरह से उन्होंने एंजियोग्राफी-एंजियोप्लास्टी कर मरीजों की जान बचाने में सफलता प्राप्त की। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा हर उम्र के मरीजों की सफल एंजियोप्लास्टी की गयी है इनमें 27 वर्ष के युवक से लेकर 92 वर्ष के बुजुर्ग शामिल हैं।
अजंता अस्पताल के वरिष्ठ नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. दीपक दीवान ने इस मौके पर बताया कि हालांकि किडनी केवल .2 प्रतिशत ही शरीर का वजन रखती है लेकिन दिल में खून पंप करने में इसका सहयोग 25 प्रतिशत रहता है। इसका मतलब दिल और किडनी के बीच मिश्रित वार्ता होती है जो एक दिल के मरीज के लिए बहुत जरूरी होता है। उन्होंने यह साफ किया कि स्वस्थ दिल के साथ ही स्वस्थ किडनी भी एक सेहतमंद शरीर के लिए निहायत जरूरी है।
इस अवसर पर अजंता हॉस्पिटल के प्रबंध निदेषक डॉ. अनिल खन्ना ने दावा किया कि अजंता अस्पताल का समर्पित और अनुभवी तकनीकी स्टाफ और अत्याधुनिक कैथलैब एक शानदार विकल्प साबित हुआ है उन दिल के मरीजों के लिए जो समय रहते बेहतर इलाज चाहते हैं और सरकारी अस्पतालों की लंबी कतारों से मुक्ति भी।
उन्होंने कहा कि विगत 15 माह में हमारा मरीजों की जान बचाने की सफलता दर शानदार रही है। जनमानस में इस बीमारी के प्रति जागरूकता के लिए कई शिविरों का भी आयोजन किया गया है। दिल की बीमारियों में इलाज के बारे में डॉक्टरों के लिए अजंता अस्पताल में समय-समय पर मेडिकल एजुकेशन के सत्र(सीएमई) भी आयोजित कराए जाते हैं ताकि इस विधा में अति आधुनिक तकनीक से परिचित हों। इस सत्र के बाद गजल का भी एक दौर चला डॉक्टरों को तनाव से मुक्त कराने के लिए क्योंकि समाज में दिल तंदरुस्त हो इसके लिए पहले एक डॉक्टर का दिल स्वस्थ होना बहुत जरूरी है।
IANS News
सीएम योगी ने देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’, यूपी में टैक्स फ्री हुई फिल्म
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को बहुचर्चित फ़िल्म ‘ द साबरमती रिपोर्ट’ देखी। फिल्म देखने के बाद सीएम योगी ने कहा कि मैं “द साबरमती रिपोर्ट” की पूरी टीम को बधाई देता हूं जिन्होंने इस वास्तविक सच को देश की जनता के सामने फिल्म के माध्यम से बाहर लाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि हर भारतवासी को “द साबरमती रिपोर्ट” फिल्म को देखनी चाहिए और गोधरा का सच के नजदीक जाने का प्रयास करना चाहिए। सीएम योगी ने फिल्म को उत्तर प्रदेश में टैक्स फ्री करने की घोषणा की।
सीएम योगी ने कहा देश के खिलाफ और सरकारों के खिलाफ राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने के लिए समाज में वैमनस्यता पैदा करने के लिए देश में जो कृत्य हुए हैं उसे देश की जनता को जानने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि जो राजनीतिक स्वार्थ के लिए देश के खिलाफ षड्यंत्र कर रहे हैं उन चेहरों को पहचानने के साथ-साथ उनका पर्दाफाश करने की भी आवश्यकता है। सीएम योगी ने कहा कि फिल्म की टीम ने सत्य उजाकर करने के लिए अपने दायित्वों का निर्वहन किया है। फिल्म के माध्यम से वास्तविक सच को एक बड़े रूप में देश के सामने लाने का प्रयास किया गया है।
सीएम योगी ने कहा कि मामला अयोध्या से जुड़ा है, मैं घटना में मारे गए सभी राम भक्तों को श्रद्धांजलि देता हूं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के साहसिक कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए लोग इस सत्य को अधिक से अधिक देखें। सीएम योगी राज्य सरकार की ओर से ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म को टैक्स फ्री करने की घोषणा की।
इसके पहले सीएम योगी ने लखनऊ के प्लासियो मॉल के सिनेमाहॉल के ऑडी-07 में पूर्वाह्न 11:30 बजे के शो में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, महापौर सुषमा खर्कवाल, पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह सहित अनेक अनेक जनप्रतिनिधियों और शासन-प्रशासन के अधिकारियों के साथ फ़िल्म देखी। खास मौके पर फ़िल्म के मुख्य अभिनेता विक्रांत मैसी और फ़िल्म यूनिट से जुड़े लोगों की मौजूदगी रही। इससे पहले, बीते मंगलवार को विक्रांत मैसी ने सीएम योगी से भेंट की थी।
बता दें कि ‘द साबरमती रिपोर्ट’ एक सत्य घटना पर आधारित एक बॉलीवुड ड्रामा फिल्म है, जिसका निर्देशन रंजन चांडेल द्वारा किया गया है। फिल्म में विक्रांत मैसी, राशि खन्ना और रिद्धि डोगरा लीड रोल में हैं। यह फिल्म साल 2002 में हुई साबरमती एक्सप्रेस की दिल दहला देने वाली घटना से प्रेरित है। एकता कपूर इस फिल्म की निर्माता है। 15 नवंबर को रिलीज हुई इस फिल्म की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने भी तारीफ की है।
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