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प्रादेशिक

लखनऊः राजकीय पॉलीटेक्निक के दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं मेयर संयुक्ता भाटिया

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लखनऊ। राजकीय पॉलिटेक्निक लखनऊ में सोमवार को तीसरे दीक्षांत समारोह का आयोजन हुआ। इस दौरान संस्था के चार सौ पासआउट छात्र-छात्राओं को डिप्लोमा प्रमाण पत्र दिए जाने के साथ ही टॉपर्स को गोल्ड, सिल्वरऔर ब्रांज मेडल से सम्मानित किया गया।

 मुख्य अतिथि मेयर संयुक्ता भाटिया ने किया मेधावी छात्र छात्राओं को सम्मानित

दीक्षांत समारोह में मुख्यअतिथि के तौर पर राजधानी लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया शामिल हुईं। संस्था के प्रधानाचार्य डॉ. आरके सिंह ने उनका स्वागत किया। वहीं मेडल वितरण कार्यक्रम के संचालक गणित के प्रोफ़ेसर बलराम सिंह चौहान और संयोजक इलेक्ट्रॉनिक्स विभागाध्यक्ष राकेश कुमार सरोज रहे।

मेयर नहीं मां बन संयुक्ता भाटिया ने दी छात्रों को शुभकामनाएं

कार्यक्रम के दौरान महापौर संयुक्ता भाटिया ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा, ‘आप सबका इस नए भारत के विकास में बड़ा सहयोग होने वाला है, मैं मेयर नहीं बल्कि माँ के तौर पर आप सबको उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देती हूं।‘

दीक्षांत समारोह में जनसंचार विभाग, मैकेनिकल इंजी, सिविल समेत कुल 13 ब्रांचो के टॉप तीन मेधावी छात्रछात्राओं को मेडल से सम्मानित किया गया।

 13 ब्रांचों के ये रहे गोल्ड मेडलिस्ट

इनमें अंकुर दुबे(सीएचएन), आशुतोष वार्ष्णेय (पीएमटी), नीतू (इलेक्ट्रॉनिक्स), अंकित (मैकेनिकलऑटो), शशिभुषण (मैकेनिकल प्रो), मनाली (लाइब्रेरी साइंस), योगेश मिश्रा (मॉसकम्युनिकेशन), सौम्या (सिविल), अरशद (आर्किटेक्चर), सुभेन्द्र (पीजीडीसीए), ऋचा(वेब डिजाइनिंग), शशांक (इलेक्ट्रिकल), कविता (आईटी) को गोल्ड मेडल मिला। वहीं 82.03% प्राप्त कर मैकेनिकल प्रोडक्शन विभाग के शशिभूषण और 81.65 फीसदी अंक प्राप्त करसिविल की सौम्या संस्था के बालक-बालिका वर्ग के टॉपर रहे।

इनकी भी रही उपस्थिति

कार्यक्रम में विशेष सचिव धीरेन्द्र सिंह सचान, एआईसीटीई उत्तरी क्षेत्राधिकारी मनोज तिवारी, डॉ. एस के मेहता( बोर्ड अप्रेन्टिस ट्रेनिंग कानपुर) , संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के सचिव एसके वैश्य, पूर्व निदेशक ओपी वर्मा, पूर्व संयुक्त निदेशक शैलेन्द्र चौधरी और संस्था के प्रधानाचार्य डॉ. आरके सिंह मौजूद रहे।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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