प्रादेशिक
दिल्ली की सरकारी स्कूल में पहुंची मेलानिया ट्रंप, तिलक लगाकर हुआ स्वागत
नई दिल्ली। अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पत्नी मेलानिया ट्रंप मंगलवार को दिल्ली के सरकारी स्कूल पहुंची। स्कूल पहुंचने पर उनका स्वागत भारतीय परंपरा के अनुसार तिलक लगाकर और आरती उतारकर किया गया।
बता दें कि इस कार्यक्रम में अमेरिका की प्रथम महिला अकेले पहुंची हैं, वहीं डोनाल्ड ट्रंप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता कर रहे हैं।
मेलानिया इस सरकारी स्कूल के बच्चों के साथ वक्त बिताएंगी इस दौरान उनकी दिलचस्पी इस चीज को देखने में रहेगी कि केजरीवाल सरकार की ये हैप्पीनेस क्लास बच्चों को कैसे टेंशन फ्री रखती है।
बता दें कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने अपने स्कूलों में हैप्पीनेस पाठ्यक्रम लागू किया है। इसके तहत नर्सरी से आठवीं तक के बच्चों को रोजाना पहले पीरियड में यानी कि लगभग 40 मिनट में हैप्पीनेस पर ध्यान दिया जाता है।
हैप्पीनेस क्लास में बच्चों से योग और ध्यान करवाया जाता है। उन्हें ज्ञानवर्धक, मनोरंजक और नैतिकता संबंधित कहानियां सुनाई जाती हैं।
#WATCH Delhi: First Lady of the United States, Melania Trump interacts with students and teachers at Sarvodaya Co-Ed Senior Secondary School in Nanakpura. pic.twitter.com/Tjn7t7dnAK
— ANI (@ANI) February 25, 2020
हैप्पीनेस क्लास का उद्देश्य नर्सरी से कक्षा 8 तक के बच्चों को भावनात्मक रूप से मजबूत करना है। इस क्लास में बच्चों के संपूर्ण व्यक्त्तिव विकास पर जोर दिया जाता है।
इसके लिए उन्हें मेडिटेशन, योग सिखाया जाता है। हैप्पीनेस करिकुलम कोर्स में बच्चों को कहानियों के जरिए अच्छी बातें सिखाई जाती हैं। उनके नैतिक शिक्षा पर ध्यान दिया जाता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस क्लास के जरिए बच्चों में गुस्सा, ईर्ष्या और नफरत जैसी नकारात्मक भावनाओं को कम करना है और मित्रता, परोपकार जैसी भावनाएं बच्चों में विकसित करना है।
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच
लखनऊ | योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।
लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।
कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान
राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।
हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश
टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।
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