Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

कोरोना से बचने के लिए भारत के पास है बस इतने दिनों का समय! इसके बाद जो होगा…

Published

on

Loading

नई दिल्ली। चीन के वुहान शहर निकला कोरोना वायरस अब पूरी दुनिया में महामारी के रूप में फैल गया है। भारत में भी इस वायरस ने असर दिखाना शुरू कर दिया है।

इस खतरनाक वायरस से अब तक 85 लोगों संक्रमित हो चुके हैं जबकि 2 लोगों की मौत हो गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार देश में यह महामारी अभी दूसरे स्टेज में है और इसे रोकने के लिए सरकार ने ठोस कारगर कदम नहीं उठाए तो स्थिति बिगड़ सकती है।

भारतीय स्वास्थ्य शोध परिषद (आईसीएमआर) के मुताबिक अभी इसे अगले स्टेज से रोकने के लिए सरकार के पास एक महीने हैं।

आइए, जानते हैं कि किस स्टेज में कितना खतरनाक हो सकता है ये कोरोना वायरस:

पहला स्टेज: संक्रमित जगहों से वायरस फैलने के मामले सामने आते हैं

दूसरा स्टेज: स्थानीय लोगों में फैलना शुरू होता है, मामले बढ़ने लगते हैं

तीसरा स्टेज: बड़े पैमाने पर यह समुदायों, मोहल्लों में फैलने लगता है

चौथा स्टेज: बीमारी महामारी में बदल जाती है, कहना मुश्किल कि कब-कहां खत्म होगी

आईसीएमआर के निदेशक जनरल बलराम भार्गव के मुताबिक भारत में कोरोना वायरस को अगले स्टेज में पहुंचने से रोकने के लिए एक महीने का समय है। इस बीच पर्याप्त उपाय कर के इसे स्टेज-3 में पहुंचने से रोका जा सकता है। उनके मुताबिक सरकार इस दिशा में काम भी कर रही है।

जनरल भार्गव के मुताबिक स्टेज-3 में वायरस बड़े पैमाने पर लोगों में फैलने लगता है, जबकि स्टेज-4 में महामारी की स्थिति हो जाती है। चीन और इटली में कोरोना वायरस संक्रमण इससे भी अगले स्टेज में पहुंच चुका है। फिलहाल यह नहीं कहा जा सकता कि कोरोना वायरस खत्म कब होगा।

उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

Published

on

Loading

संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

Continue Reading

Trending