प्रादेशिक
छत्तीसगढ़ में दालों की कीमत 100 रुपये के पार
रायपुर| छत्तीसगढ़ में खाद्य सामग्रियों की कीमत दिनोदिन बढ़ती जा रही है। मौजूदा समय में दाल की कीमत आसमान छूने लगी है। पिछले एक सप्ताह के अंदर इसकी कीमत में बेतहाशा वृद्धि हुई है। सूबे के कई जिलों में यह सैकड़ा पार कर चुकी है। इसको लेकर आम उपभोक्ता भी खासा परेशान हैं।
अनाज के थोक विक्रेता राम कोटवानी ने बताया कि दाल की आवक पहले से कम हो गई है। मांग की अपेक्षा कम आपूर्ति होने से कीमत में वृद्धि हुई है। यह वृद्धि आगे भी जारी रह सकती है।
छत्तीसगढ़ ,अरहर दाल ,90-100
अनाज विक्रेता सुरेश गांधी ने बताया कि पहली बार अरहर दाल की कीमत 100 रुपये को पार कर गई। दाम बढ़ने से व्यापारियों की लागत बढ़ जाती है और बिक्री कम हो जाती है। इससे थोक व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
रायपुर शहर के खुदरा बाजार में ही अरहर दाल की कीमत 100 से 110 रुपये किलो तक पहुंच गई है। यही कीमत हरी मूंग दाल की भी है। सफेद मूंग दाल 90 से 100 रुपये, मूंग मोंगर 110 से 120 रुपये, उड़द दाल 80 से 90 और चना दाल 50 से 55 रुपये बिक रही है।
15 दिन पहले अरहर दाल की कीमत 85 रुपए किलो थी, फिर 90 रुपये हुई, लेकिन पिछले एक सप्ताह में इतनी तेजी से वृद्धि हुई कि 100 रुपये पार कर चुकी है। इसी तरह की वृद्धि अन्य दालों की कीमत में हुई।
छत्तीसगढ़ में अधिकांश दाल की आवक महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से होती है। जानकारों का मानना है कि पिछले दिनों इन दोनों प्रदेश में जोरदार बारिश हुई। इससे बड़े पैमाने पर दलहन फसलों को नुकसान पहुंचा है। इस कारण इसकी कीमत में बेतहाशा वृद्धि हुई है।
दाल की कीमत पर बिक रहा है खंडा : दाल में बेतहाशा तेजी आने के कारण सूबे में अधिकांश लोगों ने इसे खाना बंद कर दिया है। कई लोग दाल की जगह इसके खंडे का इस्तेमाल कर रहे हैं। खंडा की मांग बढ़ने के कारण इसकी कीमत भी बढ़ गई है। माह भर पहले जितनी कीमत दाल की थी, उतनी कीमत में आज दाल का खंडा बिक रहा है। शहर के खुदरा बाजार में खंडा दाल का भाव 65 से 70 रुपये तक है।
काबुली चना में भी तेजी : दाल के साथ ही काबुली चना में भी भारी तेजी आई है। कुछ दिनों पहले 55 रुपये किलो बिकने वाला काबुली चना 65 रुपये तक पहुंच गया है। वैवाहिक कार्यक्रमों के कारण इसकी मांग बढ़ गई है, इसलिए इसकी कीमत में भी वृद्धि हो गई है। इसी तरह देसी चने के दाम में भी प्रति किलो सात रुपये तक की वृद्धि हुई है।
दालों की कीमत : अरहर दाल 100-110 रुपये, हरी मूंग दाल 100-110 रुपये, सफेद मूंग दाल 90-100 रुपये, उड़द दाल 80-90 रुपये, मूंग मोंगर 90-100 रुपये, चना दाल 50-55 रुपये, मसूर दाल 70-80 रुपये और काबुली चना 60-65 रुपये।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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