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अन्तर्राष्ट्रीय

कोरोना को कैसे मारना है इस देश से सीखे दुनिया, ऐसे वायरस को दी मात

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचा दिया है। इस वायरस की चपेट में आने से अबतक 18 हजार लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। कोरोना से मरने वाले सबसे ज्यादा इटली के हैं।

इटली की स्वास्थ्य सुविधा दुनिया में दूसरे नंबर पर है। फिर भी इटली कोरोना को रोकने में नाकाम रहा। आज हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बताने जा रहे हैं जो बाकी देशों की तुलना में बहुत छोटा है लेकिन कोरोना को रोककर उसने नजीर पेश की है।

इस देश ने जीती है कोरोना से जंग

हम बात कर रहे हैं ताइवान की। ताइवान चीन से महज 110 मील की दूरी पर है। ऐसे में इस देश पर कोरोना का खतरा सबसे ज्यादा था लेकिन ताइवान अपनी रणनीति के दम पर कोरोना को रोकने में सफल रहा।

यहां पहला केस जनवरी के अंत में आया था। हालांकि इससे एक माह पहले कोरोना वायरस चीन में दस्तक दे चुका था। चीन में अब तक 81 हजार से अधिक कोरोना संक्रमण के केस सामने आए हैं। वहीं चीन से सटे ताइवान में अभी तक कोरोना के मात्र 235 केस रिपोर्ट हुए हैं। ताइवान, कोरोना पर काबू पाने में कामयाब हुआ, इसकी एक प्रमुख वजह समय से पहले ही सचेत हो जाना रहा है।

चीन के मुकाबले ताइवान के पास संसाधन कम थे, लेकिन उसने अपने मौजूदा संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल कर कोरोना वायरस के संक्रमण को काफी हद तक आगे बढ़ने से रोक दिया।

ताइवान स्थित सेंट्रल एपिडेमिक कमांड सेंटर ने वहां के स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ एक ठोस योजना पर काम शुरू कर कोरोना को अपने देश में एक महामारी का रूप धारण करने से रोक दिया। कमांड सेंटर ने दिसंबर से ही ताइवान आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी।

खास बात है कि उस वक्त तक ताइवान में कोरोना का एक भी केस कंफर्म नहीं हुआ था। उसी वक्त कमांड सेंटर और स्वास्थ्य मंत्रालय ने फेस मास्क और एवं दूसरी वस्तुओं का निर्माण शुरू कर दिया। किसी दूसरे देश से ताइवान में आने वाले सभी लोगों के लिए दो सप्ताह का क्वारंटीन में जाना अनिवार्य कर दिया गया।

जैसे ही चीन में कोरोना फैला, तो ताइवान ने उसे अपने यहां आने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया। दूसरे देशों में सुरक्षा बलों को लॉकडाउन और शटडाउन को सफल बनाने की जिम्मेदारी दी जाती है, लेकिन ताइवान ने अपने सिपाहियों को उन फैक्ट्रियों में लगा दिया, जहां पर कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए विभिन्न चिकित्सा उपकरण जैसे मास्क, टेस्ट, सैनिटाइजर और दूसरी वस्तुएं बनाई जा रही थीं।

यहां बता दें कि ताइवान के सुरक्षा बल भी इतने कार्यकुशल थे कि उन्होंने पूर्ण रूप से अपनी जिम्मेदारी निभाई। इससे उन्हें तो मास्क आदि तो मिले ही, इसके अलावा आम लोगों को भी मास्क आसानी से उपलब्ध करा दिया।

टोबेको एंड लिकर कॉरपोरेशन ने कोरोना से बचाव के लिए 75 फीसदी अल्कोहल सैनिटाइजेशन के लिए उत्पादित किया। ताइवान में डिजिटल थर्मामीटर, मास्क और वेंटिलेटर आदि के निर्यात पर 04 मार्च से 31 मार्च तक बैन लगा दिया।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी से की मुलाकात

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ब्राजील। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (स्थानीय समय) को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर अपने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने सांस्कृतिक और पब्लिक टू पब्लिक रिलेशन को मजबूत करने सहित व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।

पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि, रियो डी जनेरियो जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी से मुलाकात करके खुशी हुई। हमारी बातचीत रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी में संबंधों को गहरा करने पर केंद्रित थी। हमने इस बारे में भी बात की कि संस्कृति, शिक्षा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग कैसे बढ़ाया जाए। भारत-इटली मित्रता एक बेहतर ग्रह के निर्माण में बहुत योगदान दे सकती है।

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