अन्तर्राष्ट्रीय
कोरोना वायरस को लेकर डॉक्टरों में जगी नई उम्मीद, ब्रिटेन में हुआ ये चमत्कार!
नई दिल्ली। कोरोना वायरस चीन से निकलकर पूरी दुनिया के लोगों को अपना शिकार बना रहा है। कोविड-19 नाम से मशहूर यह वायरस दुनियाभर में अब तक के 1 लाख से ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतार चुका है। ब्रिटेन में भी यह महामारी हर रोज सैकड़ों लोगों की जान ले रही है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन खुद कोरोना से संक्रमित हो गए हैं जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इस बीच ब्रिटेन से एक चौंका देने वाली खबर आई है।
यहां कोरोनावायरस से संक्रमित हुई 102 वर्ष की महिला सभी बाधाओं को पार करते हुए उपचार के बाद पूर्ण रूप से अब स्वस्थ हो गई है। स्थानीय मीडिया ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि लिवरपूल के एंट्री अस्पताल में महामारी से संक्रमित महिला का इलाज चल रहा था, जो स्वस्थ हो चुकी हैं और उन्हें छुट्टी दे दी गई है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने शुक्रवार की अपनी रिपोर्ट में कहा कि वार्ड की सबसे बुजुर्ग मरीजों में से एक के स्वस्थ होकर घर जाने पर नर्सें इकट्ठा हुईं और हर्ष के साथ तालियां बजाकर उन्हें विदाई दी।
गौरतलब है कि कई शोध में यह जानकारी सामने आई है कि कोरोना वायरस बुजुर्गों को अपना शिकार सबसे पहले बनाता है। बुजुर्ग इस वायरस से लड़ नहीं पाते जिसकी वजह से उनकी मौत हो जाती है। यही कारण है कि बुजुर्गों को घरों से बाहर न निकलने और विशेष सावधानी बरतने के लिए कहा जाता है। ब्रिटेन में 102 साल की महिला का कोरोना से जड़ लड़कर जीत जाना किसी चमत्कार से कम नहींं।
अन्तर्राष्ट्रीय
पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।
इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।
जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।
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