Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

एक साल के लिए बढ़ा संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष आचार्य डॉ. वाचस्पति मिश्र का कार्यकाल

Published

on

Loading

लखनऊ। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष आचार्य डॉ. वाचस्पति मिश्र को उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री आदरणीय श्री योगी आदित्यनाथ जी ने संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार एवं प्रशासनिक कार्यों के संस्कृत क्षेत्र में नई ऊर्जा के साथ सहज रूप से संचालन हेतु अध्यक्ष पद पर दिनांक 14 सिंतबर 2020, सोमवार को एक वर्ष के लिए पुनः नामित किया है। श्री मिश्रा पहली बार 25 सितंबर 2017 को प्रथम बार संस्थान के अध्यक्ष नामित हुए थे, श्री मिश्रा जी अपने कुशल मार्गदर्शन से तीन वर्ष के कार्यकाल में संस्थान को नित नई ऊचाइयों को स्पर्श कराकर एक नया आयाम प्रदान किया साथ ही साथ देव भाषा संस्कृत को जन भाषा बनाने के लिए उसके प्रचार में उन्नत तकनीक का आश्रय लिया ।

संस्थान चला रहा है प्रशिक्षण कार्यशालाएं एवं जागरूकता कार्यक्रमों से बढ़ रही है संस्कृत की परिधि।

श्री मिश्रा जी जिस निष्ठा और सङ्कल्पित-भावना से कार्यभार सम्भाल रहें हैं । वास्तव में इनके सानिध्य में संस्कृत भाषा का प्रचार-प्रसार निरन्तर गतिमान है । उत्तरप्रदेश में संस्कृत के लिए इतनी बड़ी-2 योजनाओं और कार्यशालाओं को डॉ मिश्र जी के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक सञ्चालित किया जा रहा है । साथ-साथ निरन्तर भाषा-शिक्षकों की नियुक्ति योग्यता और मानदेय पर कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा पिछले 3 साल के कार्यकाल में डॉ मिश्रा जी के द्वारा कृत कार्य अधोलिखित हैं।

*प्रदेश के प्रत्येक जिले में मेरिट के आधार पर एक संस्कृत पाठशाला को कम्प्यूटर, मेज, अलमारी इत्यादि का वितरण ।

*विगत एक वर्ष से संस्कृत विषय के साथ UPSC परीक्षाओं की सम्पूर्ण तैय्यारी पूर्णतया निःशुल्क करा रहा है । संस्कृत-छात्रों के लिए तीन हजार की मासिक अध्येता-वृत्ति भी एतदर्थ दी जा रही है ।

*संस्कृत पाठशाला के छात्रों को छात्रवृत्ति

* डायट केन्द्रों पर प्राइमरी शिक्षकों को संस्कृत सम्भाषण सिखाया ।

* नवोदय विद्यालयों में प्रथम बार संस्कृत शिक्षकों की नियुक्ति के अवसर ।

* नई शिक्षा नीति 2020 पर अंतर्राष्ट्रीय एव अखिल भारतीय वेबिनार ।

*प्रत्येक जिले में योग-ज्योतिष-पौरोहित्य एवं सरल संस्कृत सम्भाषण शिविरों के लघु अवधि के पाठ्यक्रम।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending