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प्रादेशिक

बच्चों में संक्रमण फैलने के कोई भी ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैः रोशन जैकब

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लखनऊ। वरिष्ठ नोडल अधिकारी कोविड 19 लखनऊ डॉ रोशन जैकब द्वारा बताया गया कि समाज में कोविड की तीसरी लहर और बच्चों में संक्रमण फैलने जैसी भ्रामक बाते फैली हुई हैं जो कि एकदम निराधार है।

बच्चों में संक्रमण फैलने के कोई भी ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नही है, उन्होंने बताया कि जनपदवासीध्अभिभावक बिल्कुल भी इन बातों को लेकर न घबराए। विशेषज्ञों की माने तो पहली और दूसरी लहर की पैटर्न के अनुसार बच्चे बहुत ही कम संक्रमित होते है और अगर होते भी है तो उनके लक्षण हल्के (माइल्ड) ही रहते है।

उन्होंने बताया कि अभी तक कोई भी ऐसा संकेत नही प्राप्त हुआ है जिसमे बच्चों पर ज्यादा असर हो या लक्षण गंभीर (सीवियर) हो। सभी सम्भावनाओ को लेकर सरकार व प्रशासन  द्वारा किसी भी आपातस्थिति से निपटने के लिए सभी तैयारियां की जा रही है।

उन्होंने बताया कि कोविड संक्रमण और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के मद्देनजर सरकार व प्रशासन द्वारा सभी व्यवस्थाएं जैसे मेडिकल उपकरण, संसाधन, मूलभूत सुविधाएं, बच्चों व महिलाओ के लिए अलग से स्पेशिलिटी वार्ड आदि व्यवस्थाए कराई जा रही है। लोगों को जरा भी घबराने की आवश्यकता नही है।

सरकार व प्रशासन द्वारा लोगो की सभी प्रकार की मदद की जाएगी। प्रशासन जनपदवासियों की सुविधाओं/मदद के लिये निरंतर प्रयासरत है।

उन्होंने बताया कि संकट की इस घड़ी में जनपदवासियों द्वारा अद्भुत साहस और संयम का परिचय दिया गया। अपनो को खोने के बावजूद भी लोगो ने एक दूसरे की मदद करते हुए एक दूसरे को संभाला।

जनपदवासियों की सतर्कता और जागरूकता के फलस्वरूप जहां पर एक समय संक्रमण की दर 30 प्रतिशत थी वह घट कर वर्तमान में 1.3 प्रतिशत ही रह गई और प्रतिदिन नए केस की संख्या लगभग 200 के करीब हो गई है। साथ ही साथ सक्रिय केसों की संख्या 58000 से घट कर अब सिर्फ 4643 ही बची है।

जनपदवासियों के साथ साथ विभिन्न समाजसेवी संगठनो व अन्य समूहों ने आगे आ कर कोविड प्रबन्धन एवं लोगो की मदद करते हुए प्रशंसनीय कार्य किया।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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