Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

खादी महोत्‍सवः स्वदेशी उत्पाद लोगों को खूब आ रहे हैं पसंद, अब तक 2.33 करोड़ रुपए की हुई बिक्री

Published

on

Loading

लखनऊ। खादी महोत्‍सव लोगों के लिए इस बार बेहद ही खास है। दीवाली के मद्देनजर इंदिरा गांधी प्रतिष्‍ठान में 16 अक्‍टूबर से सजे खादी सिल्‍क महोत्‍सव 2021 में इस बार खादी के साथ सजावटी सामान लोगों को अपनी ओर लुभा रहे हैं।

जिसका नतीजा है कि अब तक खादी महोत्सव में लगभग दो करोड़ 33 लाख रुपए से अधिक की बिक्री हो चुकी है। महोत्‍सव में आए दुकानदारों ने बताया कि मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की अपील के बाद लोग इस बार पर्व के चलते स्‍वदेशी उत्‍पादों की खरीदारी ज्‍यादा कर रहे हैं।

पहले स्‍वदेशी उत्‍पादों की मांग धीरे धीरे कम हो गई थी पर प्रदेश सरकार की एक जनपद एक उत्पाद की योजना, माटी कला बोर्ड से जुड़ी योजनाओं से जुड़कर एक ओर लोग आत्‍मनिर्भर बन रहे हैं वहीं इन स्‍वर्णिम योजनाओं के चलते स्‍वेदेशी उत्‍पादों की मांग में तेजी से इजाफा हुआ है।

खादी के साथ सिल्‍क और माटी के बेहतरीन उत्‍पादों का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। खादी महोत्‍सव से ‘वोकल फॉर लोकल’ को बढ़ावा मिल रहा है। लखनऊ की चिकनकारी, भदोही की कालीन, वाराणसी का सिल्क, गोरखपुर का टेराकोटा, फिरोजाबाद का ग्लास, बंदायू की जरी जरदोजी जैसे उत्‍पादों की लोगों ने जमकर खरीदारी की। इसके साथ ही जूट, घास और बांस आदि के ईको फ्रेंडली उत्पाद लोगों को लुभा रहे हैं।

माटी कला बोर्ड घोल रहा स्‍वदेशी उत्‍पादों की मिठास

बाराबंकी के डिवाइन लाइफ हर्बल स्‍टाल पर बॉस से बना हार, इयररिंग, कप, स्पीकर, लैंप और अन्य सजावट का सामान की खरीदारी लोग जमकर कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल के स्‍टॉल पर 80 रुपये से लेकर 7000 तक की घास की चटाई उपलब्ध है। झांसी से आए भागीरथ प्रजापति ने बताया कि आदर्श माटी कला सहकारी समिति स्‍टॉल पर मिट्टी से बने हुए सभी प्रकार के बर्तनों की प्रदर्शनी लगाई है।

यहां पर मिट्टी के गिलास, प्रेशर कुकर और दाल हांडी की मांग काफी है। भगीरथ कहते हैं की हमारे आसन से लेकर 7,000 रुपये की पास 150 रुपये के मिट्टी के कप से लेकर 1,150 रुपये का प्रेशर कुकर बाम, फ्लोटिंग कैंडल और लिपबाम जैसे उत्पाद शामिल हैं।

इनकी कीमत 600 रुपये से 1400 रुपये के बीच है। भागीरथ प्रजापति ने बताया कि माटी कला बोर्ड के जरिए हम लोगों को काफी मदद मिली है। पीएम और सीएम की अपील के बाद कुम्‍हारों की जिंदगी आज कई सालों बाद खुशियों से रोशन हुई हैं। आज चीन के उत्‍पादों की अपेक्षा लोग दीवाली पर मिट्टी के बने उत्‍पादों को खरीद रहे हैं।

ग्रामीण महिलाओं द्वारा बनाई गई जूट ज्‍वैलरी ने जीता सबका दिल

जूट आर्टिशंस गिल्ड के स्टाल पर जूट की ज्वेलरी आकर्षण का केंद्र है। यहां पर जूट से ही बने इयररिंग, गले का हार, मांग टीका का सेट समेत ऐसी तमाम चीजें मिल सकती है। इसके बारे में सृष्टि बताती हैं कि इन सभी उत्पादों को गांव की महिलाओं ने तैयार किया है। उन्‍हों कहा कि सीएम की स्‍वर्णिम योजनाओं का ही नतीजा है कि आज ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं आत्‍मनिर्भर बन रहीं हैं।

Continue Reading

IANS News

महाकुंभ में बिछड़ने वालों को अपनों से मिलाएंगे एआई कैमरे, फेसबुक और एक्स भी करेंगे मदद

Published

on

Loading

प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार पहली बार इतने व्यापक स्तर पर महाआयोजन का डिजिटलाइजेशन कर रही है। यहां एआई की मदद से ऐसे कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो 45 करोड़ श्रद्धालुओं की हिफाजत में 24 घंटे तैनात रहेंगे। एआई लाइसेंस वाले इन कैमरों के साथ ही फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म भी बिछड़ने वाले परिजनों को खोजने में तत्काल मदद करेंगे।

मदद करेगा डिजिटल खोया पाया केंद्र

इस बार महाकुंभ में देश विदेश से बड़ी संख्या में आने वाले लोगों को अपनों को खोने का डर नहीं सताएगा। मेला प्रशासन ने इसकी व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इसके लिए डिजिटल खोया पाया केंद्र को एक दिसंबर से लाइव किया जाएगा। इसके माध्यम से 328 एआई लाइसेंस वाले कैमरे पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखेंगे। इन सभी कैमरों का परीक्षण कर लिया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को इन विशेष कैमरों से लैस किया जा रहा है। योगी सरकार के निर्देश पर बड़े पैमाने पर कैमरे इंस्टॉल करने का काम अपने अंतिम चरण में है। मेला क्षेत्र की चार लोकेशन पर इन विशेष एआई कैमरों का परीक्षण भी किया जा चुका है।
महाकुंभ में अब कोई भी अपना बिछड़ने नहीं पाएगा।

पलक झपकते काम करेगी तकनीक

महाकुंभ 2025 में शामिल होने वाले श्रृद्धालुओं के लिए सरकार ने ऐसे डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की है, जो तकनीक के सहारे चलेंगे और पलक झपकते ही अपनों से मिलाएंगे। इसमें हर खोए हुए व्यक्ति का डिजिटल पंजीकरण तुरंत किया जाएगा। पंजीकरण होने के बाद एआई कैमरे गुमशुदा की तलाश में जुट जाएंगे। यही नहीं, गुमशुदा की जानकारी को फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी शेयर किया जाएगा। यह व्यवस्था महाकुंभ मेले को न केवल सुरक्षित बनाएगी, बल्कि परिवारों को जल्दी और आसानी से अपने प्रियजनों से जोड़ने का काम करेगी।

फोटो से मिलान करेगा एआई

महाकुंभ में अपनों से बिछड़ने वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तत्काल काम करेगा। यहां 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। ऐसे में एआई कैमरे तत्काल फोटो खींचकर व्यक्ति की पहचान कर लेंगे। इस काम में सोशल मीडिया भी तत्पर रहेगा।

पहचान का देना होगा प्रमाण

जो भी व्यक्ति महाकुंभ मेले में अपनों से बिछड़ेगा, उसका सुरक्षित, व्यवस्थित और जिम्मेदार प्रणाली के तहत ख्याल भी रखा जाएगा। किसी भी वयस्क को बच्चे या महिला को ले जाने से पहले सुनिश्चित करना होगा कि वह उसे पहचानते हैं और उनकी पहचान प्रमाणिक है।

Continue Reading

Trending