Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

04 दिनों में 18 जनपदों से होकर काशी में पुनः विराजेंगी माँ अन्नपूर्णा

Published

on

Loading

लखनऊ। ब्रिटिश काल में 100 वर्ष पहले काशी से कनाडा गई माँ अन्नपूर्णा की दुर्लभ प्रतिमा एक बार फिर काशी में प्रतिष्ठापित होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोशिशों से भारत को वापस मिली प्रतिमा 11 नवम्बर को दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद को सौंपी जाएगी, जिसके बाद पुनर्स्थापना यात्रा के माध्यम से माँ अन्नपूर्णा 18 जिलों में भक्तों को दर्शन देते हुए 14 नवम्बर को काशी पहुंचेगी। अगले दिन (15 नवम्बर) देवोत्थान एकादशी के खास मौके पर श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के नवीन परिसर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधि-विधान से प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा करेंगे।

नई दिल्ली में प्रतिमा हस्तांतरित होने के बाद अगले 04 दिनों में भव्य शोभायात्रा गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, कासगंज, एटा, मैनपुरी, कन्नौज, कानपुर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी, अयोध्या, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़ और जौनपुर होते हुए 14 नवंबर को अपराह्न साढ़े चार बजे वाराणसी पहुंचेगी। माँ अन्नपूर्णा की शोभायात्रा को भव्य बनाने के लिए सभी सम्बंधित 18 जिलों में तैयारियां की जा रही हैं।

शोभा यात्रा के लिए तय रूट के मुताबिक पहले दिन का रात्रि विश्राम तीर्थ क्षेत्र सोरों कासगंज में होगा जबकि दूसरे दिन कानपुर और तीसरे दिन अयोध्या में रात्रि विश्राम के लिए रुकेगी। हर जिले में शोभायात्रा का स्वागत जनपद के स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रभारी मंत्री करेंगे। इसमें आम जनता की भी सहभागिता होगी। 15 नवम्बर को देवोत्थान एकादशी के शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में वाराणसी में भव्य समारोह आयोजित कर प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी।

भारत को अमेरिका से जल्द मिलने वाली हैं 157 और दुर्लभ धरोहर

बीते दिनों लखनऊ आए केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी.किशन रेड्डी ने बताया था कि पीएम मोदी के हालिया अमेरिका दौरे के बाद 157 ऐसी ही धरोहरों की वापसी का रास्ता साफ हुआ है। यह भी जल्द भारत लाई जाएगी। केंद्रीय मंत्री के मुताबिक 2014 के बाद से अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में 42 दुर्लभ धरोहरों की देश वापसी हो चुकी है, जबकि 1976 से 2013 तक कुल 13 दुर्लभ प्रतिमाएं-पेंटिंग ही वापस लाई जा सकी थीं।
—————————-
शोभायात्रा के महत्वपूर्ण पड़ाव

11 नवंबर- मोहन मंदिर, गाजियाबाद, दादरी नगर शिव मंदिर, गौतमबुद्ध नगर, दुर्गा शक्ति पीठ खुर्जा, बुलंदशहर, रामलीला मैदान, अलीगढ़, हनुमान चौकी, हाथरस और सोरों, कासगंज

12 नवम्बर- जनता दुर्गा मंदिर, एटा, लखोरा, मैनपुरी, मां अन्नपूर्णा मंदिर तिर्वा, कन्नौज, पटकापुर मंदिर कानपुर

13 नवम्बर- झंडेश्वर मंदिर, उन्नाव, दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर , लखनऊ, भिटरिया बाईपास, बाराबंकी, हनुमान गढ़ी, अयोध्या

14 नवंबर- दुर्गा मंदिर कस्बा केएनआईटी, मीनाक्षी मंदिर प्रतापगढ़, दौलतिया मंदिर जौनपुर, बाबतपुर चौराहा व शिवपुर चौक, वाराणसी।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार कराएगी छात्रों की शैक्षिक क्षमता का मूल्यांकन

Published

on

Loading

लखनऊ। योगी सरकार ने अब शिक्षा गुणवत्ता मापने की दिशा में एक अहम कदम उठाने का निर्णय लिया है। योगी सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को समझने और उसमें नीतिगत सुधारों के लिए आधार तैयार करने के लिए शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार और एनसीईआरटी के सहयोग से 4 दिसंबर को परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024 का आयोजन कराने जा रही है। इसमें उत्तर प्रदेश में 9,715 चयनित विद्यालय शामिल हैं, जिनमें सरकारी, सहायता प्राप्त निजी विद्यालय, मदरसे और अन्य बोर्डों से मान्यता प्राप्त विद्यालय सम्मिलित हैं। बता दें कि यह सर्वेक्षण देशभर में शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों का मूल्यांकन करने के लिए आयोजित किया जाएगा।

इस स्तर के छात्रों का होगा मूल्यांकन

यह सर्वेक्षण प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों का आकलन करने के लिए किया जा जाएगा। सर्वेक्षण में कक्षा 3, 6 और 9 के छात्रों की उपलब्धियों को आंका जाएगा, जो सैंपल्ड विद्यालयों में किया जाना है।

ये हैं सर्वेक्षण के मुख्य बिंदु

कक्षा 3, 6 और 9 के लिए अलग-अलग विषयों को मूल्यांकन का आधार बनाया गया है। इनमें कक्षा 3 और कक्षा 6 के लिए भाषा, गणित और हमारे आस-पास की दुनिया तथा कक्षा 9 के लिए भाषा, गणित, सामाजिक विज्ञान और विज्ञान विषय को सर्वेक्षण का मुख्य बिंदु बनाया गया है।

किया गया है दायित्वों का निर्धारण

परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण के सम्बन्ध में जनपद स्तरीय समन्वयक, डायट प्राचार्य एवं जिला विद्यालय निरीक्षक के दायित्व निर्धारित किये गये हैं। इनमें जनपद स्तरीय समन्वयक द्वारा सर्वेक्षण का क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण सम्बन्धी समस्त दायित्वों का निर्वहन किया जाना शामिल है। इसके अलावा जनपद स्तरीय सहायक समन्वयक/मास्टर ट्रेनर द्वारा फील्ड इन्वेस्टीगेटर (FI) का प्रशिक्षण निर्धारित समयावधि के अंतर्गत कराने की जिम्मेदारी दी गयी है। सर्वेक्षण का कार्य प्रशिक्षित फील्ड इन्वेस्टीगेटर (FI) से ही कराया जाना सुनिश्चित है।

इंवेस्टिगेटर के दायित्व हैं सुनिश्चित

फील्ड इंवेस्टिगेटर के दायित्व भी निश्चित हैं। असेंबली से पहले स्कूल पहुँच कर ये सम्बन्धित विद्यालय के प्रधानाचार्य मिलेंगे और परख गाइडलाइन के अनुसार सर्वेक्षण सम्बन्धी गतिविधियाँ आरम्भ करेंगे। इन्हें यह भी सुनिश्चित करना है कि अचीवमेन्ट टेस्ट पैकेट सीलबंद है और सील टूटी हुई नहीं है। सेक्शन और छात्रों की आवश्यकता अनुसार सैंपलिंग करेंगे और कन्ट्रोल शीट भरना भी इनकी जिम्मेदारी होगी।

हापुड़, मुजफ्फरनगर, सुल्तानपुर, मुरादाबाद और एटा डायट में होगा इन जिलों का प्रशिक्षण

एससीईआरटी लखनऊ के संयुक्त निदेशक पावन सचान ने बताया कि गाजियाबाद, शामली, अमेठी, सम्भल और कासगंज में डायट नहीं हैं। इस वजह से इन जिलों हेतु संदर्भित सर्वेक्षण से सम्बन्धित समस्त कार्य क्रमशः प्राचार्य, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान हापुड़, मुजफ्फरनगर, सुल्तानपुर, मुरादाबाद तथा एटा द्वारा सुनिश्चित कराये जायेंगे।

बच्चों की समझ और प्रदर्शन का होगा आकलन: संदीप सिंह

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने बताया कि इस सर्वेक्षण में उत्तर प्रदेश के कक्षा 3, 6 और 9 के छात्रों की भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों में समझ और प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा। इससे न केवल छात्रों की वास्तविक शैक्षिक क्षमता का मूल्यांकन हो सकेगा बल्कि शिक्षा प्रणाली में सुधार की दिशा में ठोस कदम भी उठाये जा सकेंगे। यह प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता और गोपनीयता के साथ सुनिश्चित की जाएगी।

Continue Reading

Trending