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प्रादेशिक

लापता मंत्री पर सवाल टाल गए पारसेकर

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पणजी | गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने शुक्रवार को पूर्व पुरालेख और पुरातत्व मंत्री फ्रांसिस्को उर्फ मिक्की पचेको का पता लगाने में अधिकारियों की असमर्थता के सवाल पर पल्ला झाड़ लिया है। स्थानीय पुलिस ने मंत्री को भगोड़ा घोषित करने के लिए निचली अदालत में याचिका दायर की है। मंत्रिमंडल की एक बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में पारसेकर ने कहा कि मंत्रिमंडल के एक सदस्य के कथित अनाचार का रहस्यमय संदेश चारों तरफ फैला हुआ है, जिसके कारण उनके पूरे 12 सदस्यीय मंत्रिमंडल को लेकर संदेह पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे आक्षेप को एक गंभीर मामला माना जा रहा है।

इससे पहले पारसेकर ने स्वीकारा था कि पचेको को पुलिस नहीं ढूंढ़ पा रही है। सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले महीने 2006 के हमले से संबंधित मामले में पचेको को दोषी करार दिया है। पारसेकर ने कहा, “उनसे संपर्क नहीं हो रहा है, यह सच है। कानून की नजर में सभी समान हैं और इसलिए कानून अपना काम करेगा। अगर वह अभी मंत्री होते, यह अलग मामला होता, उन्हें अलग किस्म की सुरक्षा मिली होती। मंत्रिमंडल से हट जाने के बाद कानून को अपने तरीके से काम करे। मैं हस्तक्षेप नहीं करूंगा।” दक्षिण गोवा के कोल्वा पुलिस थाने के अधिकारी पचेको को भगोड़ा घोषित किए जाने को लेकर निचली अदालत जा चुके हैं, क्योंकि पिछले सात दिनों के दौरान वे पचेको को गिरफ्तारी वारंट तामील नहीं करा पाए। पचेको राज्य की गठबंधन सरकार में शामिल गोवा विकास पार्टी (जीवीपी) के प्रमुख हैं। प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी (मार्गाओ) ने पिछले सप्ताह गोवा पुलिस को अगले सात दिनों के अंदर उन्हें गिरफ्तार करने के आदेश दिए थे।

2006 में बिजली विभाग के एक कनिष्ठ अभियंता पर हमला करने के आरोप में दोषी ठहराए गए पचेको को छह माह कारावास की सजा सुनाई गई है और साथ ही 1500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पचेको के भगोड़ा घोषित कर दिए जाने पर भी क्या जीवीपी से समर्थन लेना जारी रखेगी, इसपर पारसेकर ने कहा, “आप यह मेरी जुबान से क्यों सुनना चाहते हैं। आप जो चाहे, कयास लगा सकते हैं। मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।” पारसेकर ने मोबाइल संदेश के जरिए उनके मंत्रिमंडल के एक मंत्री पर झूठे लगाए जाने पर भी चिंता जाहिर की। मोबाइल संदेश में उनके मंत्री के ऊपर एक विधवा महिला का यौन शोषण करने के आरोप लगाए गए हैं। इसके परिणामस्वरूप मंत्रिमंडल के सभी सदस्य संदेह के दायरे में आ गए हैं।

IANS News

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया की तारीफ की

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चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान वीरवार को मोहाली के डेराबस्सी के मुबारिकपुर में आयोजित जैन भगवती दीक्षा महोत्सव में शिरकत करने पहुंचे थे। यह कार्यक्रम जैन समुदाय की तरफ से आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मान ने कहा कि राज्य सरकार महान गुरुओं, संतों, ऋषियों, पैगंबरों और शहीदों के दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए जनता के कल्याण और राज्य के विकास के लिए कार्य कर रही है। कार्यक्रम में पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और उनकी पत्नी भी मौजूद रहीं।

मुख्यमंत्री ने पंजाब के राज्यपाल की तारीफ की। उन्होंने कहा कि पंजाब के गर्वनर गुलाब चंद कटारिया ने जब से प्रदेश के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक का कार्यभार संभाला है, तब से प्रदेश में बहुत अच्छी तरह से सरकार चल रही है और चंडीगढ़ प्रशासन भी चल रहा है। राज्यपाल काफी तजुर्बे वाले इंसान हैं। इसलिए वह ‘ मेकर भी हैं और उनके पास बहुत अनुभव है। क्योंकि राज्यपाल महोदय केंद्र में मंत्री रहे हैं, राजस्थान की राजनीति में उनका लंबा अनुभव है, एमपी और एमएलए भी रहे हैं। सीएम मान ने कहा कि राज्यपाल के तजुर्बे का मुझे भी फायदा मिल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह विभिन्न प्रकार के फूलों की विविधता आंखों को सुखद अनुभव देती है, उसी तरह हर समाज में हर धर्म का शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व देश की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। प्रदेश सरकार इस महान उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध है और राज्य में सामुदायिक सद्भाव को मजबूत करने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।

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