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ज्ञानवापी सर्वे: मीडिया रिपोर्ट में दावा- मिले हैं हिंदू आस्था से जुड़े कई निशान

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Gyanvapi Case

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वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे की रिपोर्ट क्या है? क्या मंदिर को तोड़कर बनाया गया था? आज लोगों के जेहन में सबसे बड़ा सवाल यही है। आज गुरुवार को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में 14 से 16 मई के बीच हुए सर्वे की रिपोर्ट पेश होगी।

इससे पहले पूर्व कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र ने 6 और 7 मई को हुई कमीशन की कार्यवाही का ब्योरा बुधवार को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की कोर्ट में पेश कर दिया। अदालत ने दो पेज की रिपोर्ट को रिकॉर्ड में ले लिया है।

वैसे तो यह रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं हुई है लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में इसको लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि अजय मिश्र ने कोर्ट के सामने जो रिपोर्ट पेश की है उसमें हिंदू आस्था से जुड़े कई निशान और प्रमाण मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक, ज्ञानवापी परिसर में टूटी हुई मूर्तियां, मंदिर के अवशेष और कमल का फूल दिखा है।

अजय कुमार मिश्र ने रिपोर्ट में कहा है कि इन सभी चित्रों पर भगवा रंग है। चार हिंदू देवता के आकार दिखे हैं। दीवारों पर हिंदू आस्था से जुड़े निशान हैं। इस्तेमाल हुए दीये के अवशेष और शेषनाग की तस्वीर भी दिखी है। इससे पहले मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग मिलने का भी दावा किया गया था। इसके बाद कोर्ट ने इस इलाके को सील कर दिया था।

मस्जिद के बाहरी हिस्से पर केंद्रित है अजय मिश्र की रिपोर्ट

पूर्व कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र ने बुधवार को सिविल जज की कोर्ट में अपनी जो सर्वे रिपोर्ट पेश की है, वह ज्ञानवापी मस्जिद के बाहरी हिस्से पर अधिक केन्द्रित है। इस रिपोर्ट के अंदर की बातें जानने के लिए लोगों में उत्सुकता बढ़ गई है।

गुरुवार को जब सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में 14 से 16 मई के बीच हुए सर्वे की रिपोर्ट पेश होगी, तब पूर्व कमिश्नर की रिपोर्ट पर भी विचार होगा।

गौरतलब है कि प्राचीन आदि विश्वेश्वर परिसर के बारे में राखी सिंह आदि बनाम प्रदेश सरकार आदि के वाद में सिविल जज रवि दिवाकर ने कोर्ट कमीशन का आदेश दिया था। राखी आदि वादियों ने शृंगार गौरी व अन्य विग्रहों की वस्तुस्थिति जानने व उनके दर्शन के अधिकार को याचिका दायर की थी।

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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग

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नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।

विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।

चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।

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