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छत्तीसगढ़ : दावा, पिडमेल मुठभेड़ में 35 नक्सली मारे गए थे
रायपुर । छत्तीसगढ़ में आत्मसमर्पित जन मिलिशिया कमांडर सोढ़ी रामा ने खुलासा किया है कि 11 अप्रैल को हुई पिडमेल मुठभेड़ में 35 नक्सली मारे गए थे और 15 गंभीर रूप से घायल हुए थे। पुलिस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में एडीजे (नक्सल ऑपरेशन) आर.के. विज ने मंगलवार को बताया कि पिडमेल मुठभेड़ में शामिल जन मिलिशिया कमांडर सोढ़ी रामा ने 16 अप्रैल को थाना पोलमपल्ली में आकर आत्मसमर्पण किया है। उसने खुलासा किया कि 11 अप्रैल को पिडमेल में पुलिस व नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में बटालियन डिप्टी कमांडर सीतू व कोंटा एरिया कमेटी के सचिव अर्जुन सहित 35 नक्सली मारे गए व 15 घायल हुए।
सोढ़ी रामा उर्फ कन्ना (40) सुकमा जिले के चिंतागुफा थाने के करीगुंडम रहने वाला है। वह जन मिलिशिया कमांडर था और उसके जिम्मे ये सात गांव थे- पोलमपल्ली, टेकापारा, कसालपाड़, मट्टेमरका, करीमगुंडा, तिमेलवाड़ा, बुगलपारा व कसालपाड़। सोढ़ी रामा खुद इंसास हथियार के साथ मुठभेड़ में सम्मिलित था। बताया गया है कि सोढ़ी रामा वर्ष 2007 में नक्सलियों के संपर्क में आया। 2007 में कोंटा एरिया कमेटी के सदस्य रैगू द्वारा कोंटा एरिया कमेटी में दल सदस्य के रूप में भर्ती किया गया। इस दौरान सोढ़ी देसी कट्टा रखता था। वर्ष 2007 से 2009 तक कोंटा एरिया कमेटी में कार्यरत एसीएम रैंगू की सुरक्षा का कार्य किया।
एसीएम रैंगू द्वारा वर्ष 2007 में ही वीराभट्ठी में 30 नक्सलियों को 10 दिन की ट्रेनिंग दी गई, जिसमें वह भी शामिल था। प्रशिक्षण में पीटी, हथियार चलाना, एम्बुंश, हमला करना, कंसटीर्ना वायर को काटकर थाना अंदर घुसना और बारूदी सुरंग लगाना सिखाया गया। एडीजे आर.के. विज और आईजी दीपांशु काबरा ने कहा कि आत्मसमर्पित सोढ़ी रामा को सरकारी योजनाओं के मुताबिक सारी सुविधा दी जाएगी। विज ने कहा, “पुलिस जवानों की कार्रवाई से नक्सलियों का नीचे से ऊपर तक के काडर हिल गए हैं। कई नक्सल क्षेत्रों में हमारे जवान कैम्प करके उन्हें मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं।”
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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