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नेशनल

नौकरशाही में राजनीतिक हस्तक्षेप जरूरी : मोदी

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसेवकों से आग्रह किया कि वे अपना गैर सामंजस्यकारी रवैया छोड़ें और एक टीम के रूप में काम करें। लोक सेवा दिवस के अवसर पर लोकसेवकों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे आग्रह किया कि वे सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखें, प्रतिकूल परिस्थितियों को अवसर में बदलें और पूर्णता के लिए प्रयास करते रहें। उन्होंने कहा कि नौकरशाही में राजनीतिक हस्तक्षेप अनुचित है, लेकिन लोकतंत्र में जनता के अनुरूप शासन सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक हस्तक्षेप जरूरी हो गया है।

स्वतंत्र भारत के लोकसेवा पर सरदार वल्लभ भाई पटेल की परिकल्पना को याद करते हुए उन्होंने कहा कि सामाजिक-आर्थिक अन्याय मिटाना भी लोकसेवा का उद्देश्य होना चाहिए। मोदी ने कहा कि पूरे प्रशासनिक तंत्र को समाज की आवश्यकताओं की सेवा करने के लिए सक्षम बनाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने गोल्डमैन-सैश की एक रपट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि भारत को सरकार प्रभावशीलता के संबंध में एशियाई औसत तक पहुंचने में एक दशक का समय लगेगा।

मोदी ने कहा, “शीलम परम भूषणम (चरित्र सर्वोच्च गुण है)। उन्होंने लोकसेवकों से आग्रह किया कि वे सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखें और अपने परिवार के साथ भी अच्छा समय व्यतीत करें।” प्रधानमंत्री ने कहा कि आपका जीवन एक फाइल नहीं बनना चाहिए। उन्होंने इस दौरान 2012-13 और 2013-14 के लिए ‘अवार्ड फॉर एक्सीलेंस इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन’ प्रदान किए। सुशासन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए जवाबदेही, जिम्मेदारी और पारदर्शिता की कला की जरूरत होती है। प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ लोकसेवा अधिकारियों से आग्रह किया कि वे युवाओं को लोकसेवा से जुड़ने के लिए प्रेरित करें, ताकि सरकार को बेहतरीन प्रतिभाएं मिल सकें।

मोदी ने कहा कि सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने लोकसेवकों से संस्थागत स्मरणशक्ति विकसित करने का आग्रह किया। इस अवसर पर उन्होंने ‘बेस्ट प्रैक्टिसेज-टुमॉरो इज हियर’ पुस्तक का भी विमोचन किया।

उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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