उत्तराखंड
देहरादून: संदिग्ध परिस्थितियों में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत
देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के सहसपुर में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। एक महिला अपने दो बेटों समेत घर में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत मिली। तीनों की मौत की खबर से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस प्रथम दृष्टया जहर खाने से तीनों की मौत होना मान रही है।
जानकारी के अनुसार, घटना जस्सोवाला गांव में देर रात की है। इंद्रपाल सेलाकुई स्थित कंपनी में काम करता है। वह रोज की तरह बीते सोमवार को भी काम पर गया था। रात जब वह ड्यूटी से घर लौटा तो घर का दरवाजा उसे बंद मिला। आवाज लगाने के बाद भी जब अंदर से कोई जवाब नहीं आई, तो उसने आनन-फानन दरवाजे के ताले की कुंडी तोड़ी और अंदर गया।
कमरे के अंदर बेसुध पड़े थे तीनों
अंदर का दृश्य देख उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। पत्नी सरोजा (32) बेटा अंश पाल (12) और शिवापाल (8) एक कमरे में बेसुध स्थिति में पड़े थे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने तीनों को सीएचसी सहसपुर में भर्ती कराया। जहां डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया।
एसएसपी दलीप सिंह कुवंर ने भी घटनास्थल का मुआयना किया। थाना अध्यक्ष गिरीश नेगी ने बताया कि घटनास्थल पर खाना भी रखा हुआ था। उल्टियां भी की गई थीं। प्रथम दृष्टया मौत जहर खाने से हुई है। उन्होंने बताया कि मामले को लेकर इंद्रपाल से पूछताछ की जा रही है।
उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।
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