Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

साइंस

पृथ्वी दिवस पर डूडल पर उतरा ‘नीला गृह’

Published

on

नई-दिल्ली,सर्च-इंजन-गूगल,पृथ्वी-दिवस,पृष्ठभूमि,कैलिफोर्निया,अमेरिकी-सीनेटर-गेलॉर्ड-नेलसन,राष्ट्रीय,अंतर्राष्ट्रीय 

Loading

नई दिल्ली | सर्च इंजन गूगल ने बुधवार को पर्यावरण संरक्षण के समर्थन के प्रतीक पृथ्वी दिवस पर अपने होम पेज पर एक प्यारा सा डूडल बनाया, जिसने बिना कहे पूरी कहानी बयां कर दी। यह डूडल अपने आप में चर्चा का विषय है। पृथ्वी दिवस एक वार्षिक आयोजन है, जो हर साल दुनियाभर में 22 अप्रैल को मनाया जाता है।

दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल ने पृथ्वी दिवस को देखते हुए अपने होम पेज पर उकेरे जाने वाले छह वर्णो यानी ‘जी’, ‘ओ’, ‘ओ’, ‘जी’, ‘एल’, व ‘ई’ को पूरी तरह पर्यावरण के रंगों में रंग दिया। उसने अपने दूसरे ‘ओ’ के स्थान पर नीले गृह यानी पृथ्वी को दर्शाया। यही नहीं उसे अपनी धुरी पर लगातार घूमते भी दिखाया। इसके अलावा गूगल के बाकी वर्णो में अंतरिक्ष, वनस्पतियों व अन्य वन्य जीव-जंतुओं को उकेरा। उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल का पृथ्वी से सीधे-सीधे कोई लेना-देना नहीं है। जब पृथ्वी दिवस का विचार सामने आया, तो पृष्ठभूमि में विद्यार्थियों का एक राष्ट्रव्यापी आन्दोलन था। वियतनामी युद्ध विरोध में उठ खड़े हुए विद्यार्थियों का संघर्ष! 1969 में सान्ता बारबरा (कैलिफोर्निया) में बड़े पैमाने पर बिखरे तेल से आक्रोशित विद्यार्थियों को देखकर अमेरिकी सीनेटर गेलॉर्ड नेलसन के दिमाग में ख्याल आया कि यदि इस आक्रोश को पर्यावरणीय सरोकारों की तरफ मोड़ दिया जाए, तो कैसा हो।

नेलसन, विसकोंसिन से अमेरिकी सीनेटर थे। उन्होंने इसे देश को पर्यावरण हेतु शिक्षित करने के मौके के रूप में लिया। उन्होंने इस विचार को मीडिया के सामने रखा। अमेरिकी कांग्रेस के पीटर मेकेडलस्की ने उनके साथ कार्यक्रम की सह-अध्यक्षता की। डेनिस हैयस को राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किया गया। पृथ्वी दिवस का विचार देने वाले गेलॉर्ड नेलसन ने एक बयान में कहा था, “यह एक जुआ था, जो काम कर गया।” सचमुच ऐसा ही है। आज दुनिया के करीब 184 देशों के हजारों अंतर्राष्ट्रीय समूह इस दिवस के सन्देश को आगे ले जाने का काम कर रहे हैं।

Success Story

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

Published

on

Loading

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

Continue Reading

Trending