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प्रादेशिक

बिहार : पूर्वोत्तर क्षेत्र में प्रलय बनकर आई आंधी, बारिश

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पूर्णिया (बिहार)| बिहार के पूवरेत्तर क्षेत्र वासियों के लिए मंगलवार रात किसी प्रलय से कम नहीं थी। तेज आंधी, बारिश और ओलावृष्टि ने यहां भारी तबाही मचाई है। आंधी ने 25 हजार घरों को नुकसान पहुंचाया एवं 42 लोगों की जानें लीं। पूर्णिया जिला शुरू होते ही तबाही के मंजर देखने को मिल रहे हैं। मक्की की फसल जमीन पर पड़ी है। ग्रामीण आंधी में उजड़े घरों की मरम्मत में लगे हुए हैं। वे कहते हैं कि 45 मिनट में सब बर्बाद हो गया। पूर्णिया जिले के सर्वाधिक प्रभावित डगरूआ प्रखंड के हरखेली गांव के पंकज यादव ने कहा, “75 साल में ऐहनो तबाही नाय देखने रहिए। करजा लेईके खेती करलिए सबे बर्बाद होई रहिए।” उन्होंने कहा कि 45 मिनट तक रही आंधी ने सब छीन लिया। किसानों के लिए तो यह दोहरी मार है। आंधी के बाद हुई बारिश-ओलावृष्टि में खेत में लगी गेहूं, सब्जी, मूंग, मक्का, आम, लीची सहित अन्य फसल भेंट चढ़ गईं। किसानों ने कहा कि 50 से 500 ग्राम वजनी ओले पड़े।

आंधी-बारिश में डगरूआ प्रखंड की अधखेली पंचायत में सबसे अधिक जानें गईं। पूरी पंचायत में मातम छाया हुआ है। लोग एक-दूसरे को ढांढस बंधाते नजर आ रहे हैं। हरखेली गांव के मोहम्मद अशफाकके लिए तो वो आंधी किसी कहर से कम नहीं थी। अशफाक का कच्चा घर था, जो आंधी में गिर गया, जिसमें दबने से उसके बेटे व बेटी की मौत हो गई। वह रुं धे गले से कहते हैं कि अल्लाह किसी को ऐसा दिन न दिखाए। उन्होंने कहा, “इस आंधी ने सब कुछ छीन लिया।” इतना कहते ही उनका गला भर्रा गया। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, राज्य के मधेपुरा, पूर्णिया, सहरसा, सुपौल, कटिहार, किशनगंज, दरभंगा और मधुबनी जिले में चक्रवाती तूफान से 25 हजार मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा किया। बुधवार रात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी हालात जानने के लिए मुख्यमंत्री से बातचीत की। उन्होंने हरसंभव मदद देने का भरोसा दिया। मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि दी जा रही है।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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