गोरखपुर। गोरखपुर स्थित गीताप्रेस के शताब्दी वर्ष के औपचारिक समापन समारोह में शामिल होकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहली बार आर्ट पेपर पर प्रकाशित चित्रमय शिवपुराण व नेपाली में प्रकाशित शिव महापुराण का विमोचन किया। इस दौरान अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि गीता प्रेस विश्व का एकलौता प्रिंटिंग प्रेस है, जो एक संस्था नहीं है, जीवन आस्था है।
गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार, 100 वर्षों के विरासत का सम्मान
उन्होंने कहा गीताप्रेस किसी मंदिर से कम नहीं है। इसके नाम में भी गीता है, इसके काम में भी गीता है। गीता में कृष्ण हैं। गीता प्रेस की धार्मिक पुस्तके लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है। हमारी सरकार ने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार दिया है। यह सम्मान गीता प्रेस के 100 वर्षों के विरासत का सम्मान है।
पीएम मोदी ने श्रीहरि से शुरू किया संबोधन
पीएम मोदी ने अपना संबोधन श्रीहरि से शुरू किया। उन्होंने सभी का प्रणाम करते हुए कहा कि इस बार गोरखपुर में मेरी यात्रा विकास का उदाहरण है। अब मैं यहां से गोरखपुर रेलवे स्टेशन जाउंगा। मैंने सोशल मीडिया पर गोरखपुर स्टेशन की फोटो डाला तो लोग हैरान हो गए। पीएम ने कहा कि यह गीता प्रेस का कार्यालय करोड़ों लोगों के लिए मंदिर है। यहां गीता का नाम है, इसका मतलब यहां कृष्ण हैं।
सीएम योगी ने की पीएम मोदी की तारीफ
इससे पहले अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गीता प्रेस में 100 वर्षों में अनेक उतार-चढ़ाव को देखते हुए करीब 100 करोड़ प्रकाशन करने की ओर अग्रसर है। यह भारतीयों को सम्मानित करता है। नए भारत की नई ट्रेन वंदे भारत भी आज गोरखपुर से शुरू हो रही है। दुनिया का दादा समझने वाले अमेरिका में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जबरदस्त लोकप्रियता है।
सीएम योगी ने कहा कि पूरी दुनिया योग के रूप में भारत की तरफ देख रही है। गीता प्रेस अपने 100 साल के शानदार सफर को आगे बढ़ा रहा है। यहां 75 साल में कोई प्रधानमंत्री नहीं आया। पीएम मोदी की अध्यक्षता में गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार दिया गया।
उन्होंने कहा कि गोरखपुर बंद खाद कारखाना अब 110 प्रतिशत क्षमता के साथ उत्पाद कर रहा है। 2014 में गोरखपुर के पास एक फ्लाइट था, अब 14 से अधिक फ्लाइट उड़ान भर रही है। गोरखपुर में एम्स सपना था। वहीं रामगढ़ताल अपराधिक अड्डा बना गया था। अब यहां पूरे देश से लोग घूमने आ रहे हैं। वहीं वंदे भारत ट्रेन पूर्वांचल के लोगों के लिए उपहार है।