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उत्तर प्रदेश

माफिया अशरफ अहमद का साला सद्दाम गिरफ्तार, मिल सकती है शाइस्ता परवीन की जानकारी

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Mafia Ashraf Ahmed brother-in-law Saddam arrested, information about Shaista Parveen may be found

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बरेली/नई दिल्ली। प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड के बाद से फरार चल रहे माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ के साले सद्दाम को यूपी एसटीएफ की बरेली यूनिट ने दिल्ली के मालवीय नगर से गिरफ्तार किया है। सद्दाम पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित था।

माना जा रहा है कि सद्दाम की गिरफ्तारी के बाद फरार चल रही माफिया अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन के बारे में भी जानकारी मिल सकती है। यूपी एसटीएफ के डीएसपी अब्दुल कादिर के नेतृत्व में टीम ने महीनों से दिल्ली में डेरा डाला हुआ था, जिसके बाद सद्दाम को अब गिरफ्तार कर लिया गया।

जेल में अशरफ से अवैध मुलाकात कराने और सहूलियत पहुंचाने के मामले में सद्दाम के खिलाफ बरेली के बिथरी चैनपुर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। फिलहाल एसटीएफ उसे बरेली के थाना बिथरी चैनपुर लेकर पहुंची है। एसटीएफ और पुलिस की संयुक्त टीम सद्दाम से फिलहाल पूछताछ कर रही है और उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेजा जाएगा।

गिरफ्तारी से खुल सकते हैं कई राज

माना जा रहा है कि सद्दाम से अशरफ और अतीक अहमद के कई राज खुल सकते हैं। गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भी सद्दाम के न मिलने पर प्रयागराज में उसकी संपत्ति की कुर्की की तैयारी की जा रही थी।

लखनऊ और प्रयागराज की टीम भी उसकी तलाश में जुटी थी। आखिरकार यूपी एसटीएफ ने उसे दबोच लिया। बता दें कि उमेश पाल की हत्या की साजिश बरेली जिला जेल में ही रची गई थी। यहां बंद रहे माफिया अशरफ का साला सद्दाम तीन साल से बरेली में ही किराये पर रह रहा था।

वह प्रयागराज के रसूखदारों, शूटरों व अन्य जगह से आए लोगों की अशरफ से मुलाकात कराता था। यहां बरेली जिला जेल में अफसरों से लेकर सिपाही तक उसके नेटवर्क में थे और जीजा-साले दोनों मिलकर जेल प्रशासन को अंगुलियों के इशारे पर नचाते थे।

उमेश पाल के हत्यारों की जेल में अशरफ से करवाई थी मुलाकात

उमेश पाल की हत्या करने वाले शूटरों की अशरफ से मुलाकात कराने में भी सद्दाम और उसके खास गुर्गे बरेली निवासी लल्ला गद्दी की भूमिका सामने आई थी। बिथरी थाने में सद्दाम, लल्ला गद्दी और उसके अन्य गुर्गों पर मुकदमा दर्ज किया गया था।

दूसरा मुकदमा सद्दाम व उसके साथियों के खिलाफ बारादरी थाने में दर्ज हुआ था। दोनों मुकदमों की विवेचना के लिए सीओ तृतीय के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई थी। अशरफ व सद्दाम के गुर्गों को जेल भेजा गया था। जेल आरक्षी भी जेल गए थे। फिर नौ लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी।

उमेश पाल की हत्या के बाद से ही सद्दाम फरार हो गया था। बताया जा रहा है कि प्रयागराज में अतीक और अशरफ की पुलिस हिरासत में हत्या के बाद एनकाउंटर के डर से वह दुबई भाग गया था। फिलहाल सद्दाम की गिरफ्तारी के बाद अब उससे पुलिस पूछताछ कर रही है और माना जा रहा है कि शाइस्ता परवीन के भी कई राज खुलेंगे। शाइस्ता परवीन भी जल्द पुलिस की गिरफ्त में हो सकती है।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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