प्रादेशिक
बंगाल : निकाय चुनाव के दौरान हिंसा, एक की मौत
कोलकाता | पश्चिम बंगाल में 91 स्थानीय निकायों के लिए कराए जा रहे चुनाव के दौरान शनिवार को हिंसापूर्ण घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई और दूसरा घायल हो गया। एक अधिकारी ने बताया कि शुरुआती चार घटों में हिंसा तथा भूकंप के बीच 42 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। बर्दवान के कटवा में तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ता इंद्रजीत सिंह की गोली लगने से मौत हो गई, जबकि उत्तर 24 परगना में एक व्यक्ति गोली लगने से घायल हो गया। बर्दवान की जिलाधिकारी सौमित्र मोहन ने बताया, “इंद्रजीत को एक अज्ञात व्यक्ति ने गोली मार दी। हमने घटना के संबंध में रिपोर्ट मांगी है, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद हैं और हम शांति एवं सुरक्षा बहाली के लिए हर संभव उपाय कर रहे हैं।” राज्य निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी सब्यसाची घोष ने बताया, “दोपहर 12 बजे तक 42 फीसदी मतदान हुआ है। हमें विभिन्न जिलों में हिंसक घटनाओं की खबर मिली है और हमारी उस पर नजर है तथा हम सुरक्षा के सभी उपाय कर रहे हैं।”
मुर्शिदाबाद और सिलीगुड़ी सहित विभिन्न जिलों में भूंकप के तेज झटके महसूस होने पर मतदान कुछ देर के लिए रोक दी गई। नेपाल और भारत के विभिन्न हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। नेपाल में इसकी तीव्रता 7.5 थी। मुर्शिदाबाद में पीठासीन अधिकारी ने बताया, “भूकंप के दौरान तबीयत खराब हो जाने के कारण चार बुजुर्गो को अस्पताल ले जाया गया। हमें कुछ देर के लिए मतदान रोकनी पड़ी, क्योंकि लोग घबरा रहे थे।” सिलीगुड़ी और उत्तर 24 परगना में भी भूकंप के कारण मतदान बाधित होने की खबर है। उत्तरी 24 परगना के टीटागढ़ में एक मतदाता के पैर में गोली मारी गई, जबकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता गोविंद पाल ने आरोप लगाया कि तृणमूल के गुंडों ने उन पर गोलियां चलाईं, लेकिन वह बच निकले। उत्तर 24 परगना, बर्दवान और बांकुड़ा जिले में कई स्थानों पर कच्चा बम फेंके जाने की खबरें हैं। बांकुड़ा जिले के सोनामुखी में पुलिस ने कई कच्चा बम बरामद किया है।
दार्जिलिंग से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद एस.एस.आहलुवालिया ने आरोप लगाया कि सिलीगुड़ी नगरपालिका चुनाव में उतरे विभिन्न पार्टियों के उम्मीदवार और कार्यकर्ताओं पर तृणमूल के डों ने हमला किया है। आहलुवालिया ने कहा, “आधी रात से ही तृणमूल के गुंडे हमारे लोगों पर हमला कर रहे हैं। हमारे उम्मीदवारों के साथ मारपीट की गई है, पार्टी कार्यकर्ता एवं मतदान एजेंटों पर हमला किया गया है। तृणमूल ने आतंक का माहौल बना दिया है।” वहीं, माकपा नेता सुजान चक्रवर्ती ने सत्तारूढ़ तृणमूल पर 18 अप्रैल के कोलकाता नगर निगम चुनाव की तरह इसे भी मजाक बनाने का आरोप लगाया। चक्रवर्ती ने कहा, “‘केएमसी चुनाव के बाद तृणमूल इस चुनाव को भी मजाक बनाने पर तुली हुई है। एकबार फिर राज्य निर्वाचन आयोग पूरी तरह असफल हो रहा है।” तृणमूल के महासचिव पार्थ चटर्जी ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि मतदान शांतिपूर्ण तरीके से जारी है।
दो नगर निगमों (सिलीगुड़ी और चंदननगर), 88 नगरपालिकाओं तथा एक अधिसूचित इलाके में स्थित 1,946 वार्डो के लिए कराए जा रहे चुनाव में 7,636 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इस इलाके में करीब 74 लाख मतदात हैं। मतदान के लिए कुल 8,756 मतदान केंद्र बनाए गए हैं जिसमें से 2,318 संवेदनशील और 2,142 अत्यधिक संवेदनशील घोषित किए गए हैं। सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों, केंद्रीय सुरक्षा बलों की 35 टुकड़ियों को तैनात किया गया है। चुनाव के नतीजे 28 अप्रैल को घोषित होंगे।
IANS News
काबू में रहेंगे दाम, चाइनीज लहसुन की तस्करी पर लगेगी लगाम
लखनऊ। देशी लहसुन का उत्पादन बढ़ेगा। मांग और आपूर्ति में संतुलन रहने पर कीमतें काबू में रहेंगी। ऐसे में चीन से जरिए तस्करी आने वाले लहसुन की इंट्री अपने आप बंद हो जाएगी। चूंकि भारत लहसुन का निर्यात भी करता है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के किसानों को भी निर्यात की संभावनाओं का लाभ मिलेगा। योगी सरकार इसके लिए प्रदेश में वैश्विक स्तर की बुनियादी संरचना (एक्सप्रेस वेज) तैयार कर चुकी है। साथ ही जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास ही सरकार किसानों और बागवानों के हित में एक्सपोर्ट हब की भी स्थापना कर रही है। इसे कहते हैं,एक तीर से कई निशाने।
उल्लेखनीय है कि प्याज और लहसुन एक दूसरे के पूरक हैं। भोजन की लज्जत बढ़ाने में दोनों का समान रूप से महत्व है। रही औषधीय गुणों की बात तो लहसुन,प्याज पर भारी पड़ता है। बावजूद इसके प्याज की तुलना में लहसुन को सुर्खियां कम मिलती हैं। अलबत्ता देशी लहसुन की कीमतों के आसमान छूने पर चाइनीज लहसुन की तस्करी पर इसे थोड़ी सुर्खियां मिल जाती हैं। इस साल ही लहसुन 400 रुपए प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड भाव पर बिका। लहसुन की मंहगाई की वजह से आम आदमी की भोजन की लज्जत प्रभावित न हो इसके लिए योगी सरकार एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत विशेष योजना के तहत लहसुन की खेती को बढ़ावा दे रही है।
किसानों को लागत का 40 फीसद अनुदान दे रही सरकार
योजना के तहत प्रदेश में प्रति हेक्टेयर 30,000 रुपये की अनुमान्य इकाई लागत तय की गई है। इसमें किसानों को प्रति हेक्टेयर अधिकतम 12,000 रुपये (40 फीसद)का अनुदान दिया जाएगा। योजना के तहत करीब 10,000 हेक्टेयर अतिरिक्त रकबे पर किसानों को लहसुन की खेती को विस्तार देना है। किसी भी फसल की उत्पादकता में गुणवत्तापूर्ण बीज का योगदान करीब 25 फीसद होता है। इसीलिए सरकार ने फैसला लिया है कि किसानों को बीज राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान, ( नई दिल्ली )द्वारा किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। एक किसान न्यूनतम 0.2 हेक्टेयर और अधिकतम 4.0 हेक्टेयर तक लहसुन की खेती पर योजना का लाभ ले सकता है। बीज की कीमत 370 से 390 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच रखी गई है।
पात्रता पहले आओ,पहले पाओ की है
किसान इस योजना का लाभ प्रथम आवक-प्रथम पावक के आधार पर प्राप्त कर सकते हैं। इच्छुक किसानों को अपने जनपद के जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय में संपर्क करना होगा। इसके साथ ही, किसान योजना में पंजीकरण करने के लिए विभाग की आधिकारिक वेबसाइट http://dbt.uphorticulture.in पर भी ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं।
मसाला क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम के तहत 45 जिलों का चयन
परंपरागत रूप में उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर लहसुन की खेती मध्य प्रदेश और राजस्थान से लगे कुछ जिलों में होती है। सरकार ने इसे विस्तार देते हुए 45 जिलों को खेती के लिए चुना है। इन जिलों में सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बुलन्दशहर, गाजियाबाद, बरेली, मुरादाबाद, आगरा, मथुरा, मैनपुरी, हाथरस, कानपुर, इटावा, कन्नौज, लखनऊ, उन्नाव, सीतापुर, रायबरेली, बाराबंकी, सुल्तानपुर, प्रयागराज, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलिया, कुशीनगर, महराजगंज, बांदा, हमीरपुर, जालौन, चित्रकूट, महोबा, ललितपुर, मिर्जापुर, सोनभद्र, भदोही, गोरखपुर, झांसी, अयोध्या एवं फर्रूखाबाद शामिल हैं।
इस योजना में आने वाले खर्च का 60 फीसद केंद्र और 40 प्रतिशत राज्य सरकार वहन करेगी।
उल्लेखनीय है कि अक्टूबर के लास्ट से नवंबर तक लहसुन की बुआई की जाती है। बुआई के करीब दो से तीन हफ्ते में इसकी पत्तियां इस्तेमाल योग्य हो जाती है। अगले दो तीनमहीने तक मन करे तो इन पत्तियों का चटनी बनाएं या तड़के के लिए इस्तेमाल करें। फसल परिपक्व होने पर इसके बल्ब का कायदे से भंडारण कर साल भर इसका उपयोग कर सकते हैं। इसका आचार और पेस्ट भी बनाया जा रहा सकता है।
लहसुन के औषधीय गुण
अपने एंटीबैक्टीरियल और एंटीफ़ंगल गुणों के कारण यह कई तरह के संक्रमणों से लड़ने में मदद करता है। एंटीऑक्सीडेंट होने के नाते यह शरीर में ऑक्सीडेटिव क्षति को रोकने में भी मददगार है। इसी खूबी के नाते इसके प्रयोग से डेमेंशिया और अल्ज़ाइमर की संभावना कम हो जाती हैं।
लहसुन में विटामिन सी, विटामिन बी6, मैंगनीज़, और सेलेनियम जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। इसमें मौजूद सल्फ़र कम्पाउंड ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करते हैं और हृदय रोगों के खतरे को कम करते हैं। बालों को स्वास्थ्य में भी सल्फर की अहम भूमिका होती है। एंटी-इंफ़्लेमेटरी होने के नाते यह जोड़ों के सूजन और दर्द में राहत देता है।
लहसुन के निर्यात में भारत दुनियां में दूसरा नंबर
लहसुन की खेती की संभावनाओं के मद्देनजर किसानों में इसकी खेती के प्रति रुचि है। पिछले 25 वर्षों में इसके उत्पादन में करीब चार गुना (2.1 लाख टन से68.34 लाख टन) वृद्धि इसका प्रमाण है।
भारत, लहसुन का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश भी है। मुख्य रूप से इंडोनेशिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, वियतनाम, मलेशिया, और ब्राज़ील आदि देशों को भारत लहसुन निर्यात करता है। साल 2023-2024 में भारत ने 56,823 मीट्रिक टन लहसुन का निर्यात किया था, जिसका मूल्य 27.96 बिलियन डॉलर था।
यह पहली बार था जब भारत ने लहसुन का निर्यात 50,000 टन के आंकड़े को पार किया।
-
प्रादेशिक3 days ago
कक्षा 12 के छात्रों ने शिक्षिका की कुर्सी के नीचे लगाया बम, कर दिया विस्फोट
-
छत्तीसगढ़3 days ago
CRPF 241 बस्तियां बटालियन पहुंचे सीएम विष्णु देव साय, जवानों को भोजन परोसा, बढ़ाया हौसला
-
उत्तराखंड2 days ago
उत्तराखंड सरकार ने भू-कानून के उल्लंघन पर अपनाया सख्त रुख
-
उत्तराखंड2 days ago
जगद्गुरु रामभद्राचार्य अस्पताल में भर्ती, सांस लेने में तकलीफ
-
झारखण्ड3 days ago
भाजपा सिर्फ जाति-धर्म के नाम पर उन्माद फैलाने की कोशिश करती है : हेमंत सोरेन
-
उत्तर प्रदेश3 days ago
एनडीए सरकार बनने पर घुसपैठियों को लात मारकर निकालेंगेः योगी
-
उत्तर प्रदेश3 days ago
महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम
-
उत्तराखंड3 days ago
वायु सेना ने उत्तराखंड सरकार को भेजा 213 करोड़ का बिल, आपदा के दौरान की थी सहायता