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अन्तर्राष्ट्रीय

इटली ने चीन को दिया झटका, महत्वाकांक्षी BRI परियोजना से हुआ बाहर; 2019 में हुआ था शामिल

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Giorgia Meloni Italy bids adieu to China BRI initiative

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रोम/बीजिंग। इटली ने चीन के महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) से बाहर निकलने की पुष्टि कर दी है। प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के प्रशासन ने बीजिंग को सूचित कर दिया है कि BRI से बाहर हो रहा है। इटली 2019 में चीन की सबसे महत्वाकांक्षी व्यापार और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में से एक BRI पर हस्ताक्षर करने वाला एकमात्र प्रमुख पश्चिमी राष्ट्र था।

उस समय अमेरिका और अन्य देशों ने इटली के कदम की कड़ी आलोचना की थी। 2013 में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ओर से शुरू किए गए, BRI का उद्देश्य एशिया और यूरोप में अनुमानित 1 ट्रिलियन डॉलर का निवेश था।

इस परियोजना के तहत नई और उन्नत रेलवे लाइनों और बंदरगाहों का निर्माण कर चीन को यूरोप और एशिया के अन्य हिस्सों से जोड़ना है लेकिन BRI की शुरुआत से ही अमेरिका ‘कर्ज के जाल में फंसने वाली कूटनीति’ के उदाहरण के तौर पर आलोचना करता रहा है.

वाशिंगटन का कहना है कि चीन की योजनाओं में ऐसी बड़ी परियोजनाएं शामिल हैं जिन्हें देश वित्त पोषित करने में असमर्थ हैं, जिससे बीजिंग को अपने उद्देश्यों के लिए लाभ मिल रहा है। BRI पर हस्ताक्षर करने वालों में इटली यूरोपीय संघ के 18 सदस्यों में से सबसे बड़ा था।

इटली की BRI सदस्यता अगले साल मार्च में स्वचालित रूप से नवीनीकृत होने वाली थी। इससे पहले ही इटली ने इससे बाहर निकलने की आधिकारिक तौर पर पुष्टि कर दी है। इससे पहले मेलोनी ने BRI में शामिल होने के पूर्व सरकार के फैसले को “एक गंभीर गलती” करार दिया था और संकेत दिया था कि वह इस फैसले को वापस लेने के बारे में सोच रही हैं।

लेकिन उनकी सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि वह इस कदम के बावजूद चीन के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की कोशिश कर रही है। 2019 में शी द्वारा इटली में किए गए 20 बिलियन यूरो के निवेश के वादे का केवल एक हिस्सा ही ही पूरा हो पाया है।

इटली से चीन को निर्यात पिछले साल 16.4 अरब यूरो रहा, जबकि 2019 में यह 13 अरब यूरो था। इसके विपरीत, इटली को चीनी निर्यात इसी अवधि में 31.7 बिलियन यूरो से बढ़कर 57.5 बिलियन यूरो हो गया।

चीन यूरोजोन की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं और यूरोपीय संघ के सदस्यों फ्रांस और जर्मनी के साथ कहीं अधिक व्यापार करता है। हालांकि, ये बीआरआई के सदस्य नहीं है। पिछले साल सत्ता में आने के बाद से मेलोनी ने अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में अधिक पश्चिमी और नाटो समर्थक विदेश नीति पर जोर दिया है।

मेलोनी का यह कदम यूरोपीय संघ आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और शी के बीच गुरुवार यानी आज को होने वाली शिखर वार्ता से पहले आया है। बैठक के दौरान, श्रीमती वॉन डेर लेयेन की ओर से यूरोपीय संघ को सौर पैनलों और इलेक्ट्रिक कारों सहित सस्ते सामानों की आपूर्ति पर अंकुश लगाने के लिए चीनी राष्ट्रपति को चेतावनी देने की उम्मीद है।

अन्तर्राष्ट्रीय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी से की मुलाकात

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ब्राजील। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (स्थानीय समय) को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर अपने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने सांस्कृतिक और पब्लिक टू पब्लिक रिलेशन को मजबूत करने सहित व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।

पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि, रियो डी जनेरियो जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी से मुलाकात करके खुशी हुई। हमारी बातचीत रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी में संबंधों को गहरा करने पर केंद्रित थी। हमने इस बारे में भी बात की कि संस्कृति, शिक्षा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग कैसे बढ़ाया जाए। भारत-इटली मित्रता एक बेहतर ग्रह के निर्माण में बहुत योगदान दे सकती है।

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