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उत्तर प्रदेश

मोदी जो कहता है उसे पूरा करने के लिए जीवन खपा देता है : प्रधानमंत्री ने अयोध्या में जनसभा को किया संबोधित

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पीएम मोदी ने की देश की जनता से अपील, 22 जनवरी को घर घर जलाएं रामज्योति, जगमग हो भारत

अयोध्या। मोदी की गारंटी में इतनी ताकत इसलिए है क्योंकि मोदी जो कहता है, उसे पूरा करने के लिए अपना जीवन खपा देता है। दिन और रात एक कर देता है। अयोध्या नगरी इस बात की साक्षी है। ये बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को यहां महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के पास जनसभा स्थल से अपने संबोधन में कही।

प्रधानमंत्री मोदी एक दिवसीय दौरे पर अयोध्या पहुंचे, जहां उन्होंने 15700 करोड़ की 46 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। पीएम मोदी ने अयोध्या धाम जंक्शन और महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का लोकार्पण करने के साथ ही 6 वंदे भारत और 2 अमृत भारत ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश के दोनों डिप्टी सीएम ने प्रधानमंत्री को बाल रामलला की मूर्ति भेंटकर उनका स्वागत एवं अभिनंदन किया। साथ ही अयोध्या धाम जंक्शन और बदलती अयोध्या पर आधारित वृत्तचित्रों का भी प्रधानमंत्री ने अवलोकन किया।

भारत के कण-कण और जन-जन का पुजारी हूं

अपने उद्बोधन में प्रधानमंत्री ने अयोध्यावासियों को भरोसा दिलाया कि इस पवित्र धाम के विकास में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया उत्सुकता के साथ 22 जनवरी के ऐतिहासिक क्षण का इंतजार कर रही है। ऐसे में अयोध्या वासियों में ये उत्साह उमंग बहुत स्वाभाविक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे भारत की मिट्टी के कण कण और भारत के जन जन के पुजारी हैं। उन्होंने कहा कि मैं भी अपकी तरह उतना ही उत्सुक हूं।

अयोध्या नगरी से मिल रही विकसित भारत के अभियान को ऊर्जा

प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण को गति देने के अभियान को अयोध्या नगरी से नई ऊर्जा मिल रही है। उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई भी देश हो अगर उसे विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचना है, तो उसे अपनी विरासत को संभालना होगा। हमारी विरासत हमें प्रेरणा देती है। हमें सही मार्ग दिखाती है।

आज का भारत पुरातन और नूतन को आत्मसात करते हुए आगे बढ़ रहा है। एक समय था जब अयोध्या में रामलला टेंट में विराजमान थे। आज पक्का घर सिर्फ रामलला को ही नहीं बल्कि देश के चार करोड़ गरीबों को भी मिला है। भारत अपने तीर्थों को संवार रहा है तो वहीं डिजिटल टेक्नोलॉजी में भारत छाया हुआ है।

काशी विश्वनाथ धाम के पुनर्निमाण के साथ ही 30 हजार से ज्यादा पंचायत भवन भी बना रहा है। सिर्फ केदारधाम का पुनरोद्धार ही नहीं 300 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज भी देश में बने हैं। सिर्फ महाकाल के लोक का ही निर्माण नहीं हो रहा, बल्कि स्वच्छ पेयजल के लिए दो लाख से ज्यादा टंकियों का भी निर्माण हुआ। हम एक तरफ चांद और सूरज की दूरी नाप रहे हैं, तो वहीं हमारी पौराणिक मूर्तियों को भारत में वापस ला रहे हैं।

अनंत काल तक रहेगा अयोध्या में श्रीराम मंदिर

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज अयोध्या में विकास की भव्यता दिख रही है, कुछ दिन बाद विरासत की भव्यता और दिव्यता दिखने वाली है। उन्होंने कहा कि विकास और विरासत की साझा ताकत ही भारत को 21वीं सदी में सबसे आगे ले जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि 22 जनवरी का ऐतिहासिक क्षण बहुत भाग्य से हमारे जीवन में आने वाला है।

पीएम मोदी ने प्रभु श्रीराम की नगरी से 140 करोड़ देशवासियों से हाथ जोड़कर प्रार्थना की कि 22 जनवरी को अयोध्या आने का प्रयास ना करें, इसकी जगह जब अयोध्या में प्रभु श्रीराम विराजमान हों, तो सभी लोग दीपावली मनाएं और अपने अपने घरों में श्रीरामज्योति जलाएं। 22 की शाम पूरा हिन्दुस्तान जगमग होना चाहिए। उन्होंने अपील की कि जब हमने साढ़े पांच सौ साल इंतजार किया है तो कुछ दिन और इंतजार करना होगा। सुरक्षा और व्यवस्था के लिहाज से अयोध्या आने में जल्दबाजी ना दिखाएं क्यों कि अब यहां श्रीराम का मंदिर अनंतकाल तक रहेगा।

14 से 22 जनवरी तक देश के सभी छोटे बड़े मंदिरों में चले स्वच्छता अभियान

प्रधानमंत्री ने अयोध्यावासियों से आग्रह भी किया कि आपको आपको देश और दुनिया के अनगिनत अतिथियों के स्वागत लिए तैयार होना होगा। अब यहां अनंत काल तक लाखों की संख्या में आते रहेंगे। ऐसे में अयोध्यावासियों को संकल्प लेना होगा कि अयोध्या नगर को भारत का सबसे स्वच्छ शहर बनाएंगे।

वहीं प्रधानमंत्री ने देश के सभी तीर्थस्थलों और सभी छोटे बड़े मंदिरों से आग्रह किया कि 14 जनवरी से 22 जनवरी तक स्वच्छता अभियान चलाएं। उन्होंने कहा कि प्रभु राम पूरे देश के हैं, वो जब आ रहे हैं तो हमारे एक भी मंदिर और तीर्थस्थल के आस पास गंदगी नहीं होनी चाहिए।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, ज्योतिरादित्य सिंधिया, वीके सिंह, यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, प्रदेश सरकार के मंत्री सूर्य प्रताप शाही, जितिन प्रसाद, दयाशंकर सिंह, जयवीर सिंह, सांसद लल्लू सिंह, विधान परिषद सदस्य हरिओम पांडेय, विधायक वेदप्रकाश गुप्त, डॉ. अमित सिंह चौहान, महापौर गिरीश पति त्रिपाठी, जिला पंचायत अध्यक्ष रोली सिंह आदि की मौजूदगी रही।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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