उत्तराखंड
हल्द्वानी हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक को 2.44 करोड़ का नोटिस, छठे दिन भी जारी है कर्फ्यू
हल्द्वानी। उत्तराखंड के हल्द्वानी में बीते गुरुवार की शाम भड़की हिंसा के मामले में अब कार्रवाई शुरू हो गई है। आरोपियों की गिरफ्तारी का सिलसिला लगातार जारी है। 8 फरवरी को हल्द्वानी के बनभूलपुरा में अतिक्रमण हटाने के दौरान कर्मचारियों पर हमला हुआ था। इस मामले के बाद से बनभूलपुरा में कर्फ्यू लगाया गया।
शुक्रवार और शनिवार को हल्द्वानी के इलाके में भी कर्फ्यू जैसी स्थिति रही। हालांकि, पिछले दिनों कर्फ्यू में राहत दी गई। अब केवल वनभूलपुरा इलाके में कर्फ्यू लगाया गया है। वहीं, आरोपियों की धर-पकड़ लगातार जारी है।
मुख्य आरोपी और बनभूलपुरा हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक की गिरफ्तारी के लिए 6 विशेष टीमें बनाई गई हैं। अब्दुल मलिक को वनभूलपुरा हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई के लिए 2.44 करोड़ की वसूली का नोटिस जारी किया गया है। 15 फरवरी तक रकम जमा कराने के आदेश दिए गए हैं।
नगर निगम ने जारी किया है नोटिस
बनभूलपुरा कांड के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक से हिंसा के दौरान हुए नुकसान की वसूली का निर्णय लिया गया है। हिंसा के दौरान हुई सरकारी संपत्ति के नुकसान को लेकर नगर निगम ने अब्दुल मलिक को 2 करोड़ 44 लाख रुपए की वसूली का नोटिस जारी किया है। सोमवार को नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने यह नोटिस जारी किया। वसूली की रकम जमा करने के लिए मलिक को 15 फरवरी तक का समय दिया गया है।
नोटिस में कहा गया है कि बनभूलपुरा के मालिक का बगीचा क्षेत्र में किए गए अतिक्रमण को हटाने के दौरान हुई हिंसा और उपद्वव में नगर निगम की संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा है। मौके पर मौजूद नगर निगम के ट्रैक्टर और जीप के साथ ही लोडर वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया।
इसकी वसूली के लिए नगर निगम ने पुलिस की ओर से उपद्रव के मास्टरमाइंड बताए गए अब्दुल मलिक को नोटिस जारी किया है। नगर निगम ने प्रारंभिक आकलन में अपनी 2 करोड़ 44 लाख रुपये की संपत्ति के नुकसान का अनुमान लगाया है। निर्धारित समय सीमा 15 फरवरी तक रकम जमा नहीं करने पर अब्दुल मलिक कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
नोटिस के अनुसार, नगर निगम के लोडर वाहन, ट्रैक्टर, कूड़ा गाड़ियों, बोलेरो और यूटिलिटी वाहन को नुकसान पहुंचा है। नगर आयुक्त की ओर से नुकसान का आकलन किए जाने के बाद नोटिस जारी किया गया है।
लोगों के घरों से बाहर निकलने पर रोक
बनभूलपुरा इलाके में अभी भी लोगों को घरों से बाहर निकलने पर रोक लगाई गई है। नैनीताल डीएम वंदना सिंह की ओर से हल्द्वानी शहर में कर्फ्यू के क्षेत्र को घटाया गया था। इसके बाद से शहर में स्कूल और शिक्षण संस्थान खुल गए हैं। हालांकि, बनभूलपुरा में अभी भी माहौल गरमाया हुआ है। इलाके में कर्फ्यू लगाया गया है। इंटरनेट सेवाओं को बंद रखा गया है।
पिछले दिनों सीएम पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार में घोषणा की है कि अतिक्रमणमुक्त कराए गए मलिक का बगीचा इलाके में अब पुलिस थाना का निर्माण होगा। वहीं, कर्फ्यू की स्थिति के बीच आरोपियों की धर-पकड़ का अभियान लगातार जारी है। उपद्रव के आरोपियों की पहचान सीसीटीवी और मोबाइल वीडियो से की जा रही है।
हल्द्वानी में अब 1700 जवानों की तैनाती
हल्द्वानी में 8 फरवरी को हुई उपद्रव की घटना के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अर्द्धसैनिक बलों के आने से अब पुलिस जवानों की ड्यूटी रोस्टर 8- 8 घंटे की कर दी गई है। रविवार को आईटीबीपी और एसपी की अतिरिक्त कंपनी पहुंचने के बाद बनभूलपुरा में सर्च अभियान की टीमों में भी जवानों की संख्या बढ़ा दी गई है।
8 फरवरी को भड़की हिंसा के बाद 9 फरवरी को आईटीबीपी की दो कंपनी बनभूलपुरा में तैनात की गई थी। इसके बाद करीब 1100 सुरक्षा बलों की तैनाती की गई।
वहीं, अब क्षेत्र में चलाई जाने वाले सर्च अभियान में पीएसी और आईटीबीपी के जवानों को शामिल किया गया है। साथ ही, क्षेत्र में अलग-अलग स्थान पर स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए जवानों की ड्यूटी लगाई गई थी।
रविवार की शाम तीन कंपनी आईटीबीपी और एसएसबी भी हल्द्वानी पहुंच गई। अब यहां तैनात जवानों की संख्या 1700 हो गई है। सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह ने कहा है कि अर्द्धसैनिक बलों की ड्यूटी 8- 8 घंटे की रहेगी। साथ ही, क्षेत्र में चलाए जाने वाले सर्च और धर- पकड़ अभियान में पुलिस के साथ अर्द्धसैनिक बलों की भी प्रतिनियुक्ति की जा रही है।
उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।
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