Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

उप्र : बस अड्डों पर गंदगी फैलाने पर 500 रुपये जुर्माना

Published

on

Loading

लखनऊ। केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत अभियान का दामन अब उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने भी थाम लिया है। अब प्रदेश के बस अड्डों पर थूकने, धूम्रपान करने या फिर कचरा फैलाने पर 500 रुपये का अर्थदंड देने का प्रावधान कर दिया गया है। परिवहन निगम मुख्यालय सभाकक्ष में सोमवार को सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों और सेवा प्रबंधकों की समीक्षा बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में प्रबंध निदेशक मुकेश कुमार मेश्राम भी उपस्थित थे। मेश्राम ने आदेश दिया कि प्रदेश में बस अड्डों को स्वच्छ रखा जाए और रोडवेज की सुविधाएं और पुख्ता की जाएं।

समीक्षा बैठक के दौरान मेश्राम ने सभी आरएम व एसएम से चालक व परिचालकों के साथ बैठक कर उनके व्यवहार में सुधार लाने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों के खर्चो में कटौती लाने को भी कहा।  बैठक में उन्होंने आदेश दिया कि प्रतिदिन प्रति बस आय कम से कम 10000 रुपये हो और स्मार्ट-कार्ड के प्रचार-प्रसार पर भी जोर दिया जाए। उन्होंने स्मार्ट कार्ड को जल्द से जल्द चालू कराने के लिए आईसीआईसीआई बैंक के अधिकारियों से भी बात की। बैठक में उन्होंने एटा व हरदोई में वर्कशॉप और श्रावस्ती में बस अड्डा बनाने का भी आदेश दिया। प्रबंध निदेशक ने सेवा प्रबंधकों को बसों की सफाई-धुलाई, टूटे शीशे और फटी हुई सीटों को जल्द से जल्द ठीक कराने के निर्देश दिए।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

Published

on

Loading

लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

Continue Reading

Trending