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उत्तर प्रदेश

यूपी: मलिन बस्तियों का होगा कायाकल्प, बनेंगे बहुमंजिला भवन

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● मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने गुरुवार को नगर विकास विभाग के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक में विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की और अनेक भावी योजनाओं के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री जी द्वारा दिये गए प्रमुख दिशा-निर्देश…

● नगरों में वाहनों की पार्किंग एक चुनौती बनती जा रही है। इसके समुचित समाधान के लिए शासन, प्रशासन और जनता को मिलकर काम करना पड़ेगा। इसे सुनिश्चित करना ही होगा कि वाहन तय पार्किंग स्थल पर ही खड़े हों, सड़क किनारे नहीं। आवश्यकता पड़े तो इंफोर्समेंट की कार्रवाई भी की जाए।

● पार्किंग के लिए मल्टीलेवल पार्किंग प्रणाली उपयोगी सिद्ध हो रही है। मल्टीलेवल पार्किंग में कॉमर्शियल स्पेस जरूर रखें। नए पार्किंग स्थल के लिए स्थानीय आवश्यकताओं के अध्ययन करने के उपरांत ही कार्ययोजना तैयार करें। भविष्य के दृष्टिगत बेहतर पार्किंग सुविधा के लिए ‘पार्किंग स्थल नियम’ तैयार किये जाएं।

● यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी सड़क किनारे बाइक, कार, टैक्सी की पार्किंग न हो। स्ट्रीट वेंडरों को एक जगह नियोजित करें। अवैध टैक्सी स्टैंडों पर तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। नगरीय परिवहन में इलेक्ट्रिक बसों के उपयोग को प्रोत्साहित करें।

● मलिन बस्तियों के पुनरोद्धार के लिए नियोजित प्रयास किया जाना अपेक्षित है। प्रत्येक नगर निगम में एक-एक मलिन बस्ती को चिन्हित कर वहां बहुमंजिला आवासीय परिसर के विकास की योजना तैयार करें। इस आवासीय परिसर के समीप स्कूल, मार्केट, पार्क, आदि बुनियादी सुविधाएं होनी चाहिए। यहां जो बाजार विकसित करें, उसमें इसी मलिन बस्ती के परिवार को आवंटित करें। जो पार्क बनाएं, उसके संचालन की जिम्मेदारी भी इन्हें ही दी जाए। इस प्रकार चरणबद्ध रूप से पूरे प्रदेश में मलिन बस्तियों का पुनरोद्धार हो सकेगा। यहां के लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में यह प्रयास अत्यंत उपयोगी होगा।

● जलजमाव का सबसे बड़ा कारण है नालों/नालियों पर किया गया अतिक्रमण। नालियों/नालों पर जहां भी कहीं अतिक्रमण है, जनता के साथ संवाद बनाकर समाधान निकालें। कार्रवाई के समय इसका ध्यान जरूर रखें कि।संबंधित परिवार को मकान के भीतर आने-जाने में अनावश्यक असुविधा न हो।

● नगरीय क्षेत्रों में बेतरतीब लगे विज्ञापन होर्डिंग न केवल नगर की सुंदरता खराब करते हैं बल्कि आए दिन दुर्घटना का कारक बन रहे हैं। इसे व्यवस्थित किए जाने की आवश्यकता है। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी नगरीय क्षेत्र में किसी भवन के ऊपर होर्डिंग नहीं लगाई जानी चाहिए। वर्तमान में प्रचलित होर्डिंग के स्थान पड़ एलईडी डिस्प्ले को स्थान दें। तकनीक आधारित इस व्यवस्था से विज्ञापन एजेंसियों, विज्ञापन दाताओं, स्थानीय प्रशासन और जनता सभी को सहूलियत होगी। तय स्थान के अतिरिक्त और कहीं भी किसी प्रकार का विज्ञापन होर्डिंग नहीं लगाई जानी चाहिए।

● विगत वर्षों में नगरीय आबादी व जनसंख्या घनत्व में बढ़ोतरी तथा नगरीय निकायों के विस्तार आदि को दृष्टिगत रखते हुए नगरीय निकायों में कैडर पुनर्गठन की आवश्यकता है। नई व्यवस्था तय करते समय आबादी को आधार बनाएं।

● सभी नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों में व्यवस्था सुचारु रूप से चलती रहे, इसके लिए आवश्यक है कि वहां पर्याप्त मैनपॉवर की उपलब्धता हो। ईओ हो या सफाईकर्मी कहीं भी किसी की रिक्तता न हो। हर काम की जवाबदेही तय होनी चाहिए।

● ईज़ ऑफ लिविंग के भाव के साथ सभी नागरिकों को बुनियादी सुविधाओं से युक्त गुणवत्तापूर्ण जीवन के लिए ‘स्मार्ट विकल्पों’ के साथ बेहतर परिवेश उपलब्ध कराने के महत्वपूर्ण अभियान में ‘स्मार्ट सिटी मिशन’ की बड़ी भूमिका है। प्रदेश में 17 नगरों को स्मार्ट सिटी को रूप में अपग्रेड किये जाने की कार्यवाही चल रही है। हर एक योजना समय से पूरी हो, हर एक कार्य गुणवत्ता के मानकों को पूरा करता हो, इसे सुनिश्चित किया जाए। परियोजनाओं की गुणवत्ता का भौतिक सत्यापन भी कराएं।

● स्मार्ट सिटी के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिकों के व्यायाम, पठन-पाठन, जलपान, चर्चा-विमर्श तथा बैंकिंग आवश्यकताओं को पूरा करने आदि के लिए विशेष केंद्र की स्थापना कराई जा रही है। इसे यथाशीघ्र पूरा कराएं। यह वरिष्ठ नागरिकों के लिए अत्यंत उपयोगी होगा।

● नगरों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के प्रयास के अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। अपराध नियंत्रण में यह उपयोगी साबित हुए हैं। इस कार्य में जनता से भी अच्छा सहयोग मिला है। इसे और विस्तार दिए जाने की आवश्यकता है।

● नगरीय क्षेत्रों में हरित आच्छादन बढ़ाने के लिए और बेहतर प्रयास किया जाना आवश्यक है। हमारा प्रयास हो कि उत्तर प्रदेश के नगर पर्यावरण अनुकूल हों और लोगों का जीवन बेहतर हो। जनसहभागिता से ही यह प्रयास सफल होगा। इस भाव के साथ दृष्टिगत रखते शहरी हरित और उद्यान विकास नीति तैयार करें।

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उत्तर प्रदेश

अयोध्या के कुम्हारों के जीवन में ‘दीप’ जला रही योगी सरकार

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अयोध्या। रामनगरी के दीपोत्सव ने अयोध्या के कुम्हारों का जीवन बदल दिया है। कभी रोजी-रोटी के लिए परेशान दिखने वाले कुम्हार अब दीपोत्सव के दौरान ही एक-एक लाख रुपये कमा लेते हैं। दीपोत्सव शुरू होने के बाद कुम्हार परिवार के युवा बाहर जाने के बजाय अब इलेक्ट्रिक चाक घुमाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। जयसिंहपुर गांव में दीपोत्सव को लेकर व्यापक तैयारियां शुरू हो गई हैं।

2017 में प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनते ही सर्वप्रथम अयोध्या को सजाने-संवारने का बीड़ा उठाया। इसके बाद भगवान राम के वनवास से लौटकर आने की खुशी में मनाई जाने वाली दीवाली ओर दीपोत्सव कराने का ऐलान कर दिया। हर वर्ष राम की पैड़ी पर इसका आयोजन होता है। इस दौरान लाखों की संख्या में दीप प्रज्ज्वलित होते हैं। दीयों की खरीदारी के लिए भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले के कुम्हारों को वरीयता दी। नतीजा यह है कि इन वर्ष दीपोत्सव का आठवां संस्करण होने जा रहा है। कुम्हारों ने बड़ी संख्या में दीयों को बनाने का काम शुरू कर दिया है। इस बार रामलला भव्य मंदिर में विराजमान हो गए हैं। इसलिए कहा जा रहा है कि आठवां दीपोत्सव और भी भव्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने 25 लाख दीपों का जलाने का ऐलान किया है।

जलने हैं 25 लाख दीये, जुटा हुआ है परिवार

अयोध्या के विद्याकुण्ड के निकट स्थित जयसिंहपुर गांव में बड़े स्तर पर कुम्हार दीयों को बनाने में जुटे हुए हैं। यहां का 40 परिवार दीपोत्सव के लिए दीप बना रहा है। उनका मानना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका जीवन बदल दिया। दीपोत्सव में बिक्री होती ही है, लेकिन स्थानीय कुम्हारों के लिए की गई अपील के बाद लोग मिट्टी के दीयों को प्राथमिकता दे रहे हैं।

30 से 35 हजार दीये बेच देते हैं: लक्ष्मी

जयसिंहपुर गांव की लक्ष्मी प्रजापति बताती हैं कि योगी सरकार की योजना ने हमारे घर को रोशन कर दिया है। दीपोत्सव में दीये बनाने का ऑर्डर मिलते ही पूरा परिवार जुट जाता है। 30 से 35 हजार दीये बनाकर बेचे जाते हैं।

सीएम के ऐलान के बाद बढ़ी आमदनी: राकेश

जयसिंहपुर गांव के राकेश प्रजापति बताते हैं कि अभी हमें ठेका नहीं मिला है, लेकिन विगत वर्षों में मिले आर्डर को देखते हुए हम लोगों ने दीये बनाने शुरू कर दिए हैं। सीएम के ऐलान के बाद हमारी आमदनी बढ़ी है।

पहले लोग चाइना की झालर से सजाते थे घर: आशा

गांव की आशा बताती हैं कि हम लोग हर वर्ष 20 से 25 हजार दीये बनाकर दीपोत्सव के लिए देते हैं। दीपोत्सव शुरू होने के बाद शहर के लोग दीयो से अपना घर सजाते हैं। नहीं तो लोग चाइना की झालरों का प्रयोग करते थे।

सीएम योगी ने दिलाई प्रजापतियों को पहचान: राजेश

गांव के राजेश प्रजापति ने बताया कि ये सीएम योगी की ही देन है कि दीपोत्सव के बाद से प्रजापति की भी पहचान हो गई है। नहीं तो हमें कोई पहचानता नहीं था। अभी टेंडर नहीं हुआ है, लेकिन हम लोगों ने अब तक 2 लाख से अधिक दीप तैयार कर लिए हैं।

शुरू हो चुका है दीपोत्सव का काउंट डाउन

आठवें दीपोत्सव का काउंट डाउन शुरू हो चुका है। अब सिर्फ कुछ ही दिन बचे हैं। उसके बाद अयोध्या नगरी एक नया कीर्तिमान रच देगी। दीपोत्सव को लेकर प्रशासनिक तौयारियाँ शुरू हो गई हैं। प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा अवध विश्वविद्यालय प्रशासन और वहां के छात्र भी जुट गए हैं।

दीपोत्सव में कब कितने दीप जले
सन-दीप
2017- 1.71 लाख
2018- 3.01 लाख
2019- 4.04 लाख
2020- 6.06 लाख
2021- 9.41 लाख
2022- 15.76 लाख
2023-22.23 लाख

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