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उत्तर प्रदेश

समाज कल्याण की नीतियों और कार्यक्रमों से बढ़ रही राज्य की क्षमता और सामर्थ्य

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लखनऊ। योगी सरकार सामाज में सुधार लाने एवं नवीन प्रयोगों के जरिए भ्रष्टाचार को समाप्त कर केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ पात्र लाभार्थियों तक पारदर्शी तरीके से पंहुचाने के लिए तत्परता से कार्य कर रही है। सीएम योगी के निर्देश पर इस दिशा में अभिनव प्रयोग भी किए जा रहे हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को प्रदेश के समाज कल्याण विभाग, आईआईएम लखनऊ एवं नवोत्कर्ष पॉलिसी ग्रुप के संयुक्त तत्वावाधन में सोशल सेक्टर से संबंधित योजनाओं की पॉलिसी मेकिंग पर आधारित प्रशिक्षण एवं कार्यशाला का आयोजन लखनऊ स्थित आईआईएम कैंपस में आयोजित में किया गया। कार्यक्रम में सभी ने एक सुर में माना कि समाज कल्याण से जुड़ी विभिन्न नीतियों एवं कार्यक्रमों के माध्यम से राज्य की क्षमता एवं सामर्थ्य को बढ़ाने की आवश्यकता है।

योगीराज में बिना भेदभाव मिल रहा योजनाओं का लाभ

समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरूण ने कहा कि कार्यशाला का असली उद्देश्य तभी सफल होगा जब हम सब एकजुट, एकमत होकर पूर्ण मनोयोग से योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लाभार्थियों तक पहुंचा सकेंगे। उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए लाभार्थियों को निष्पक्ष एवं भ्रष्टाचार मुक्त प्रक्रिया अपनाते हुए लाभान्वित कैसे कराया जाय इस पर चिन्तन और मनन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कार्यशाला के निष्कर्षों को धरातल पर कैसे उतारा जाए इस पर भी गंभीर चिन्तन किया जाना चाहिए। समाज कल्याण मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि गरीबों एव वंचितो के लिए संचालित योजनाओं को उन तक बिना भेदभाव के पहुंचाया जाए, इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में सरकार पूरी दम से प्रयास कर रही है।

यह नए भारत का नया यूपी है

प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ0 कार्तिक मुरलीधरन, टाटा चान्सलर्स, प्रो0 ऑफ इकोनामिक्स यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया सैन्टियागों एवं को-फाउंडर सेन्टर फॉर इफेक्टिव गर्वनेन्स ऑफ इण्डियन स्टेट ने कहा कि यह नये भारत का नया उत्तर प्रदेश है। विगत लगभग 07 वर्षो में प्रदेश ने अवस्थापना सुविधाओं के विकास एवं नवाचार के क्षेत्र में नये-नये प्रयोग किये है। देश का सबसे बड़ा राज्य होने के बावजूद भी उत्तर प्रदेश विभिन्न नीतियों एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में प्रथम स्थान पर है।सरकारों द्वारा संचालित विभिन्न लाभार्थीपरक कार्यक्रमों का उद्देश्य उनका सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान है। उन्होंने इस तरह कि उच्च स्तरीय कार्यशाला एवं प्रशिक्षण आयोजित करने के लिए आयोजकों को बधाई दी।

कार्यक्रम में विधायक डॉक्टर सुरभि, श्री प्रतीक सिंह, टी. राम, एमएलसी अवनीश सिंह, सरोज कुरील के अतिरिक्त डॉ0 हरिओम, प्रमुख सचिव, समाज कल्याण विभाग, समीर वर्मा, सचिव, विभागीय अधिकारी एवं विभिन्न विभागों के मंत्री एवं विधायकगण उपस्थित शामिल थे।

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उत्तर प्रदेश

अखिलेश यादव का योगी सरकार पर निशाना, कहा- नौकरी भाजपा के एजेंडे का हिस्सा नहीं

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पीसीएस-प्री और आरओ-एआरओ परीक्षा को लेकर बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने सोमवार को प्रयागराज में जमकर प्रदर्शन किया। लोकसेवा आयोग के दफ्तर के सामने हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच धक्कामुक्की भी हुई। जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए अभ्यर्थियों को खदेड़ दिया था। इस घटना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर जोरदार हमला बोला है। अखिलेश ने कहा कि नौकरी भाजपा के एजेंडे में का हिस्सा नहीं है।

उन्होंने कहा कि माहौल ‘योगी बनाम प्रतियोगी’ छात्र हो चुका है। आज उप्र के प्रतियोगी परीक्षाओं के हर अभ्यर्थी, हर छात्र, हर युवक-युवती की ज़ुबान पर यही है कि नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं। अखिलेश ने कहा कि उन्होंने चलवाया लाठी-डंडा, नौकरी नहीं जिनका एजेंडा। नहीं चाहिए अनुपयोगी सरकार। भाजपा सरकार नहीं धिक्कार है। अयोग्य लोगों का अयोग्य आयोग’ नहीं चाहिए।

सपा मुखिया ने कहा कि भाजपा के लोग, जनता को रोज़ी-रोटी के संघर्ष में उलझाए रखने की राजनीति करते हैं, जिससे भाजपाई साम्प्रदायिक राजनीति की आड़ में भ्रष्टाचार करते रहें। सालों-साल वैकेंसी या तो निकलती नहीं है या फिर परीक्षा की प्रक्रिया पूरी नहीं होती है। भाजपा ने छात्रों को पढ़ाई की मेज से उठाकर सड़कों पर लाकर खड़ा कर दिया है।

उन्होंने कहा कि यही आक्रोशित अभ्यर्थी और उनके हताश-निराश परिवार वाले अब भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन रहे हैं। नौकरीपेशा, पढ़ा-लिखा मध्यवर्ग अब भावना में बहकर भाजपा के बहलावे-फुसलावे में आनेवाला नहीं। अब तो व्हाट्सएप ग्रुप के झूठे भाजपाई प्रचार के शिकार अभिभावकों को भी समझ आ गया है कि अपनी सत्ता पाने और बचाने के लिए भाजपा ने कैसे उनका भावनात्मक शोषण किया है। अब ये लोग भी भाजपा की नकारात्मक राजनीति के झांसे में आने वाले नहीं और बांटने वाली साम्प्रदायिक राजनीति को नकारकर ‘जोड़नेवाली सकारात्मक राजनीति’ को गले लगा रहे हैं। अब कोई भाजपाइयों का मानसिक गुलाम बनने को तैयार नहीं हैं।

अखिलेश ने कहा कि अब सब समझ गये हैं, भाजपा सरकार के रहते कुछ भी नहीं होनेवाला। भाजपा के पतन में ही छात्रों का उत्थान है। भाजपा और नौकरी में विरोधाभासी संबंध है। जब भाजपा जाएगी, तभी नौकरी आएगी।

उन्होंने कहा कि अब क्या भाजपा सरकार छात्रों के हॉस्टल या लॉज पर बुलडोज़र चलाएगी। भाजपाई जिस शिद्दत से नाइंसाफ़ी का बुलडोजर चला रहे हैं, अगर उसी शिद्दत से सरकार चलाई होती तो आज भाजपाइयों को छात्र आक्रोश से डरकर, अपने घरों में छुपकर नहीं बैठना पड़ता। आंदोलनकारियों के ग़ुस्से से घबराकर भाजपाइयों के घरों, दुकानों, प्रतिष्ठानों और गाड़ियों से भाजपा के झंडे उतर गये हैं। आंदोलनकारी युवा ऊँची आवाज़ में पूछ रहे हैं ‘अब कहाँ गायब हैं दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी का दावा करने वाली भाजपा के नेता और कार्यकर्ता?’ क्या ये सिर्फ़ समाज को बाँटने के लिए बाहर निकलते हैं। जिस समय छात्रों की आवाज में आवाज मिलाने का समय है, उस समय ये भाजपाई, कहीं दबे-छिपे काट रहे हैं सत्ता की मलाई। सपा प्रमुख ने कहा कि नकारात्मक भाजपा और उसकी नकारात्मक झूठी राजनीति का समय पूरा हो गया है। जन-जन कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा।

 

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