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नया पैन कार्ड बनाने के लिए कैसे करे ऑनलाइन अप्लाई, जानें प्रोसेस

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नई दिल्ली। पैन यानी परमानेंट अकाउंट नंबर, एक सरकारी दस्तावेज़ है जिसमें किसी संस्था द्वारा किए गए सभी वित्तीय लेन-देन का विवरण होता है, चाहे वह कोई व्यक्ति हो, ट्रस्ट हो या कोई संगठन हो। इसका इस्तेमाल बैंक खाता खोलने, अपना टैक्स रिटर्न दाखिल करने, वित्तीय साधनों में निवेश करने, ऋण या क्रेडिट कार्ड लेने या किसी भी वित्त-संबंधी गतिविधि को संचालित करने के लिए भी किया जाता है। अगर आप भी अपना पैन कार्ड बनवाना चाहते हैं तो ऑनलाइन भी अप्लाई कर सकते हैं।

कैसे करे अप्लाई

पैन कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन के लिए NSDL या UTIITSL की वेबसाइट पर जाएं।

New PAN विकल्प चुनें।

पैन कार्ड फॉर्म 49A चुनें, जिसे व्यक्तियों के लिए चुना जाना चाहिए, चाहे वे भारतीय नागरिक हों, NRE/NRI या OCI व्यक्ति हों।
इस फॉर्म को व्यक्ति के विवरण के साथ भरना चाहिए।

फॉर्म जमा करने के बाद आवेदक को प्रोसेसिंग शुल्क ऑनलाइन या डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से देना होगा, ताकि फॉर्म की प्रोसेसिंग शुरू हो सके।

शुल्क का भुगतान करने और पैन फॉर्म 49A जमा करने के बाद, एक रसीद तैयार की जाती है, जिसमें 15 अंकों की रिसिप्ट संख्या होती है।

आप आधार OTP प्रमाणीकरण का उपयोग करके आवेदन पर ई-साइन कर सकते हैं या ऑनलाइन जमा करने के 15 दिनों के भीतर कूरियर द्वारा NSDL पैन कार्यालय या UTIITSL कार्यालय को आवश्यक दस्तावेजों के साथ फॉर्म 49A आवेदन भेज सकते हैं।

रिसिप्ट संख्या को संबंधित कार्यालय में कूरियर करने के बाद, पैन नंबर का सत्यापन किया जाता है और NSDL/UTIITSL पैन सत्यापन के बाद कार्ड तैयार किया जाता है।

भौतिक पैन कार्ड 15 दिनों की अवधि के भीतर फॉर्म में उल्लिखित ग्राहक के पते पर भेजा जाता है।

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मध्य प्रदेश के शहडोल में अनोखे बच्चों ने लिया जन्म, देखकर उड़े लोगों के होश

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शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ऐसे बच्चों ने जन्म लिया है, जिनके 2 शरीर हैं लेकिन दिल एक ही है। बच्चों के जन्म के बाद से लोग हैरान भी हैं और इस बात की चिंता जता रहे हैं कि आने वाले समय में ये बच्चे कैसे सर्वाइव करेंगे।

क्या है पूरा मामला?

एमपी के शहडोल मेडिकल कालेज में 2 जिस्म लेकिन एक दिल वाले बच्चे पैदा हुए हैं। इन्हें जन्म देने वाली मां समेत परिवार के लोग परेशान हैं कि आने वाले समय में इन बच्चों का क्या भविष्य होगा। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन-पोषण करेंगे।

परिजनों को बच्चों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा इन्हें रीवा या जबलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे इनका उचित उपचार हो सके। ऐसे बच्चों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।

जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी वर्षा जोगी और पति रवि जोगी को ये संतान हुई है। प्रेग्नेंसी के दर्द के बाद परिजनों द्वारा महिला को मेडिकल कालेज लाया गया था। शाम करीब 6 बजे प्रसूता का सीजर किया गया, जिसमें एक ऐसे जुडवा बच्चों ने जन्म लिया, जिनके जिस्म दो अलग अलग थे लेकिन दिल एक ही है, जो जुड़ा हुआ है।

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