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मनोरंजन

अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को सिनेमा के क्षेत्र में मिला सर्वोच्च सम्मान “दादा साहब फाल्के पुरस्कार”

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नई दिल्ली। अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को मंगलवार को सिनेमा के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यहां विज्ञान भवन में 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह के दौरान ‘मृगया’, ‘डिस्को डांसर’ और ‘प्रेम प्रतिज्ञा’ जैसी फिल्मों में अभिनय कर चुके चक्रवर्ती को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया।

तालियों की गड़गड़ाहट के बीच चक्रवर्ती ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘मैं आपके आशीर्वाद से एक बार फिर इस मंच पर आया हूं। मुझे कोई भी चीज थाली में परोस कर नहीं मिली, मैंने बहुत संघर्ष किया। लेकिन आज, यह पुरस्कार प्राप्त करने के बाद, मैंने शिकायत करना बंद कर दिया है। भगवान का शुक्र है, आपने ब्याज सहित मुझे सब कुछ वापस दे दिया।’’

उन्होंने भारत भर में उभरती प्रतिभाओं के लिए भी कुछ सुझाव साझा किए। अभिनेता ने कहा, ‘‘हमारे देश में कई प्रतिभाशाली लोग हैं, लेकिन उनके पास पैसा नहीं है। मैं उनसे कहना चाहूंगा कि आपके पास पैसा नहीं हो, लेकिन उम्मीद मत खोइए। सपने देखते रहिए। सोइए लेकिन अपने सपनों को सोने मत दीजिए।’

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मनोरंजन

मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर अभिनेता टीपी माधवन का निधन, 88 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

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तिरुवनंतपुरम। मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर अभिनेता टीपी माधवन का निधन हो गया। उन्होंने 88 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। वह आखिर समय में अपने होमटाउन केरल के कोल्लम के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे, जहां उनका निधन हुआ। 88 वर्षीय माधवन ने 40 साल की उम्र में पत्रकारिता छोड़कर फिल्म उद्योग में कदम रखा था। उनकी पहली फिल्म 1975 की प्रसिद्ध मलयालम फिल्म ‘रागम’ थी। इसके बाद उन्होंने 600 से ज्यादा फिल्मों में काम किया, जिनमें ज्यादातर मलयालम थीं।

माधवन एक बहुमुखी अभिनेता थे, जिन्होंने कॉमेडी और गंभीर भूमिकाओं को बड़ी आसानी से निभाया। 2016 में उन्होंने अपनी आखिरी फिल्म की थी, इसके बाद उनकी सेहत बिगड़ने लगी और तब से वह कोल्लम जिले के एक वृद्धाश्रम में रह रहे थे। अपने लंबे करियर में उन्होंने कई टीवी सीरियलों में भी काम किया।

निजी जीवन की बात करें तो उनकी शादी तलाक पर समाप्त हुई और उनके पीछे उनका एक बेटा है, जो मुंबई में फिल्म निर्देशक है। मशहूर निर्देशक कमल ने कहा कि माधवन अपनी शांत स्वभाव के लिए जाने जाते थे। उन्होंने कहा, “मैं उन्हें दशकों पहले तब मिला था जब मैं सहायक निर्देशक था। वह एक जबरदस्त पाठक थे और कई विषयों पर गहरी जानकारी रखते थे।”

अभिनेता जयराम ने कहा कि उन्होंने हाल ही में कवियूर पोनम्मा के अंतिम संस्कार में माधवन से मुलाकात की थी और वह तब अच्छे दिख रहे थे। जयराम ने कहा, “वह शूटिंग के समय हमेशा जीवंत रहते थे। लोग उनके इर्द-गिर्द जमा होकर लंबी बातचीत करते थे। मेरे पास उनसे जुड़ी बहुत अच्छी यादें हैं, क्योंकि वह एक बेहतरीन इंसान थे।” माधवन मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन (एएमएमए) के पहले महासचिव भी थे।

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