उत्तर प्रदेश
पहले खराब सड़कों के लिए यूपी को सुनने पड़ते थे ताने, आज यह एक्सप्रेसवे प्रदेश बन चुका है : नरेन्द्र मोदी
वाराणसी | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से 6700 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी के लिए आज का दिन अत्यंत शुभ है और यह विकास की एक नई गाथा का साक्षी बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री ने बताया कि 6700 करोड़ रुपये के विभिन्न प्रोजेक्ट्स में एयरपोर्ट, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल और पर्यटन से जुड़े कई विकास कार्य शामिल हैं।
यूपी : एक्सप्रेसवे और एयरपोर्ट प्रदेश
प्रधानमंत्री ने यूपी के विकास की चर्चा करते हुए इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी पूरी टीम को बधाई दी। पीएम मोदी ने कहा कि कभी उत्तर प्रदेश को खराब सड़कों के लिए ताने सुनने पड़ते थे, लेकिन आज यह राज्य एक्सप्रेसवे प्रदेश के रूप में जाना जाता है। यूपी में सबसे अधिक इंटरनेशनल एयरपोर्ट हैं, और जल्द ही जेवर में एक भव्य इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी बनकर तैयार हो रहा है। प्रधानमंत्री ने योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि राज्य में तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं और यूपी अब निवेश और रोजगार का बड़ा केंद्र बनता जा रहा है।
परियोजनाओं से रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि इस बार की परियोजनाओं में यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के अलग-अलग एयरपोर्ट का भी शुभारंभ किया गया है, जिसमें बाबतपुर एयरपोर्ट के अलावा आगरा और सहारनपुर भी शामिल है। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से इन राज्यों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और नागरिकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
10 साल पहले सरकार के घोटालों की खबरें छाई रहती थीं
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब देश की जनता ने तीसरी बार उन्हें सेवा का अवसर दिया, तो उन्होंने तीन गुना गति से काम करने का वादा किया था। अभी केवल सवा सौ दिन ही हुए हैं, और इस दौरान 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं पर काम शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा, “10 साल पहले सरकार के घोटालों की खबरें छाई रहती थीं, जबकि आज देश के विकास की खबरें घर-घर में चर्चा का विषय हैं।”
10 वर्षों में देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास पर बड़ा काम हुआ
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य जनता का पैसा जनता पर ही खर्च करना है और इसे पूरी ईमानदारी से करना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने जोर दिया कि पिछले 10 वर्षों में देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास पर बड़ा काम हुआ है। हाईवे, रेलवे ट्रैक, और ब्रिज जैसी परियोजनाओं से नागरिकों को सुविधा मिल रही है और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं।
1 लाख नए युवाओं को राजनीति में लाएंगे
प्रधानमंत्री ने युवाओं को राजनीति में आगे लाने की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि वे 1 लाख नए युवाओं को राजनीति में लाएंगे, जिनका राजनीति से कोई पूर्व कनेक्शन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि युवाओं को परिवारवादियों से सतर्क रहना चाहिए क्योंकि वे देश और युवाओं का नुकसान करते हैं।
महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि समाज का विकास तभी हो सकता है जब महिलाएं और नौजवान सशक्त हों। उन्होंने बताया कि सरकार ने महिलाओं के लिए मुद्रा लोन जैसी योजनाओं के माध्यम से उन्हें व्यापार करने की सहूलियत दी है। गांव-गांव में महिलाएं अब लखपति दीदी और ड्रोन पायलट बन रही हैं। काशी की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी में मां अन्नपूर्णा स्वयं भगवान शिव को भिक्षा देती हैं, और इसलिए यहां नारी शक्ति का सम्मान और सशक्तिकरण विशेष महत्व रखता है। प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि सरकार जल्द ही 3 करोड़ और नए घर बनाने जा रही है, जिसमें वाराणसी की उन महिलाओं को भी शामिल किया जाएगा जिन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिला है। इसके अलावा, उन्होंने मुफ्त बिजली योजना की भी चर्चा की, जिससे महिलाओं के जीवन को और अधिक सरल बनाया जाएगा।
शहरी विकास की एक मॉडल सिटी बनता जा रहा है बनारस
वाराणसी में सारनाथ के विकास से जुड़ी करोड़ों रुपये की परियोजनाओं का भी लोकार्पण हुआ। प्रधानमंत्री ने कहा, “सारनाथ का पाली और प्राकृत भाषा से गहरा नाता है, और यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमने इन्हें शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया है।” काशी के विकास के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, और यह शहर अब शहरी विकास की एक मॉडल सिटी बनता जा रहा है। उन्होंने गंगा नदी पर अंग्रेजों के जमाने में बने मालवीय पुल के बगल में बनने वाले नये डबल डेकर ब्रिज की चर्चा करते हुए कहा कि इससे वाराणसी और चंदौली की जनता को बहुत लाभ मिलेगा।
काशी खेल, पर्यटन और शिक्षा का नया केंद्र
वाराणसी में खेल और शिक्षा के क्षेत्र में भी कई नई परियोजनाओं का उद्घाटन हुआ। प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी अब खेलों का एक बड़ा केंद्र बनता जा रहा है। उन्होंने सिगरा स्टेडियम का उदाहरण दिया, जहां ओलंपिक और राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए खिलाड़ी प्रशिक्षण लेंगे। इसके अलावा, गंजारी स्टेडियम, सुंदर गलियों और साफ-सुथरे घाटों ने काशी की पहचान को और मजबूती दी है।
परिवारवादियों ने काशी को विकास से वंचित रखा
अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने यह सवाल उठाया कि आखिर क्यों काशी को इतने लंबे समय तक विकास से वंचित रखा गया। उन्होंने परिवारवाद और जातिवाद की राजनीति पर प्रहार करते हुए कहा कि 10 साल पहले तक बनारस को विकास के लिए तरसाया गया, और उन लोगों ने इसे विकास से दूर रखा जो यूपी और दिल्ली में सत्ता में थे। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र पर चलती है, और हम योजनाओं में भेदभाव नहीं करते।” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि काशी एक बार फिर से देश को गति देने का माध्यम बन रही है। वाराणसी में हो रहे विकास कार्य न केवल इस शहर की समृद्धि को बढ़ाएंगे, बल्कि पूरे देश के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
घरे आवे क मौका मिलल ह
प्रधानमंत्री ने भोजपुरी में जनता को संबोधित करते हुए वाराणसी और पूरे देश को विकास की नई ऊंचाई पर ले जाने का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा, “घरे आवे क मौका मिलल ह। आज चेतगंज में नकटैया क मेला भी ह। धनतेरस, दीपावली और छठी मइया क त्योहार आवत ह। आज काशी विकास के पर्व क साक्षी बनत ह। आप सबके बहुत बधाई।”
इस अवसर पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, सीएम योगी आदित्यनाथ, वर्चुअल माध्यम से अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रीगण और राज्यपाल, केंद्रीय मंत्रीगण, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेश सरकार में मंत्रीगण और विधायकगण मौजूद रहे।
वाराणसी की ₹3,200 करोड़ से अधिक की 16 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वाराणसी से राष्ट्र को ₹6,700 करोड़ की 23 विकास परियोजनाओं की सौगात दी। इस अवसर पर उन्होंने वाराणसी की ₹3,200 करोड़ से अधिक की 16 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। ये परियोजनाएं शहर में आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाने, रोजगार के नए अवसर पैदा करने और नागरिकों की जीवनशैली को बेहतर बनाने में सहायक होंगी। प्रधानमंत्री ने वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के विस्तार के लिए भी महत्वपूर्ण घोषणा की। लगभग ₹2,870 करोड़ की लागत से हवाईअड्डे के रनवे के विस्तार, एक नए टर्मिनल भवन के निर्माण और संबद्ध कार्यों की आधारशिला रखी गई। इससे हवाईअड्डे की क्षमता और सुविधाओं में विस्तार होगा, जिससे पर्यटकों और व्यापारियों के लिए वाराणसी और पूर्वांचल का कनेक्टिविटी और विकास में महत्वपूर्ण योगदान होगा।
वाराणसी की इन परियोजनाओं का हुआ लोकार्पण और शिलान्यास
खेल प्रतिभाओं को बढ़ाने के लिए 219 करोड़ की लागत से वाराणसी स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स के फेज दो और तीन का लोकार्पण। नेशनल सेंटर ऑफ एक्सिलेंस, खिलाड़ियों और कोच के लिए हॉस्टल सुविधा, क्रिकेट और फुटबॉल मैदान, शूटिंग रेंज, डॉ भीमराव अंबेडकर स्टेडियम में 100 बेड के हॉस्टल के साथ ही पवेलियन का निर्माण। 4 करोड़ की लागत से भरथरा और चिरईगांव में स्वास्थ्य केंद्रों का लोकार्पण। 20 पार्कों के सौंदर्यीकरण और नवनिर्माण। सारनाथ में 90 करोड़ से सौंदर्यीकरण। गुरुधाम ओर बाणासुर मंदिर का सौंदर्यीकरण। दो करोड़ से टॉउनहाल शॉपिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण। 7 करोड़ से आईटीआई की हाईटेक लैब। 14 करोड़ से सीपैट में छात्रावास। 6 करोड़ से करसड़ा में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट कार्य। ककरमता में 1 करोड़ से प्ले एक्टिविटी जोन। सेंट्रल जेल में 11 करोड़ की लागत से कारागार बैरक। 4 करोड़ से कस्तूरबा गांधी में एकेडमिक ब्लॉक।
उत्तर प्रदेश
भगवान रामलला के मंदिर में मुख्यमंत्री ने जलाए श्रद्धा के दीप
अयोध्या| 22 जनवरी 2024 को रामलला 500 वर्ष बाद अपने दिव्य-भव्य मंदिर में विराजमान हुए। इसके बाद 30 अक्टूबर को पहला दीपोत्सव हुआ, जब लला स्वयं के महलों में विराजमान होकर अपनी नगरी को अपलक निहारते रहे। अयोध्या का सौंदर्य देख रामलला खुद भी भाव-विह्वल हो उठे। योगी सरकार के आठवें दीपोत्सव में राममंदिर की अनुपम छटा हर किसी को आह्लादित कर रही थी।
रामलला की मौजूदगी में बुधवार को पहला दीपोत्सव मनाया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार शाम श्रीराम मंदिर भी पहुंचे। मुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का दर्शन किया, फिर उनके चरणों में श्रद्धा निवेदित की। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने प्रभु के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किए। बाहर भी मुख्यमंत्री ने पांच-पांच दीप जलाए। वहीं मंदिर प्रांगण में हजारों दीप प्रज्ज्वलित किए गए।
श्रीराम मंदिर में दीप प्रज्ज्वलन के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव संजय प्रसाद, श्रीराम तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्टी अनिल मिश्र, गोपाल जी, विनोद जी आदि भी रहे।
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