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उत्तर प्रदेश

जनजाति भागीदारी उत्सव के साक्षी बनेंगे देश-विदेश के कलाकार

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लखनऊ |  योगी सरकार ने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर “जनजातीय गौरव दिवस” को “जनजाति भागीदारी उत्सव” के रूप में मनाने का फैसला लिया है। यह उत्सव 15 नवंबर से 20 नवंबर के बीच राजधानी में संगीत नाट्य कला अकेडमी तथा भागीदारी भवन में आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम में जनजातीय जीवन की झलक देखने को मिलेगी। कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से 300 से अधिक जनजातीय कलाकार प्रतिभाग करेंगे। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे।

22 राज्यों समेत विदेशों के जनजाति कलाकार उत्सव में होंगे शामिल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरुप जनजाति भागीदारी उत्सव में देश के 22 राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उड़ीसा, सिक्किम, त्रिपुरा, असम, गुजरात, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उत्तराखण्ड, झारखण्ड, जम्मू-कश्मीर, बिहार, मिजोरम, मेघालय, पश्चिम बंगाल एवं दिल्ली समेत अन्य देशों के कलाकार भाग लेंगे। इसमें जनजाति कलाकार, हस्त शिल्पी, बुनकर, चित्रकार आदि शामिल हैं। वहीं स्लोवाकिया एवं क्रोएशिया अंतरराष्ट्रीय देश के कलाकार भी उत्सव में भाग लेंगे। जनजातीय कलाकारों के साथ-साथ घुमन्तु जातियों, नट, बहरूपिया एवं भपंग वादन, कच्ची घोड़ी, लॉगमैन, कठपुतली के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रम में आदिवासी कलाकारों द्वारा निर्मित हस्तशिल्प, परिधान, व्यंजन, जनजातीय खेलों के अतिरिक्त आकर्षक शिल्प से सुसज्जित 100 दुकानों का शिल्प मेला लगाया जाएगा। जनजातीय वाद्य यंत्रों की प्रस्तुति एवं उनकी प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। जनजातीय हस्तशिल्प मेले में फोटो सेशन, लोक नृत्य, लोक कलाओं का अनूठा संगम दर्शकों के आकर्षण का केन्द्र रहेगा। विभिन्न प्रकार की रंगोली एवं झूले आदि लगाये जाने का प्रस्ताव है।

जनजाति द्वारा निर्मित उत्पादों की कर सकेंगे खरीदारी

जनजाति भागीदारी उत्सव के सफल आयोजन के लिए कार्यक्रम स्थल के साथ शहर के प्रमुख स्थानों पर होर्डिंग्स, बैनर, स्टैडिज लगवाने एवं एलईडी वैन के जरिये व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा। उत्सव में प्रदेशवासी जनजाति द्वारा निर्मित उत्पाद कपड़े, लकड़ी, जूट, मूज द्वारा निर्मित सामग्रियां एवं वन औषधि समेत अन्य उत्पादों की खरीदारी कर सकेंगे।

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उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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