अन्तर्राष्ट्रीय
अमेरिका में विरोध प्रदर्शन के लिए भेदभाव जिम्मेदार : ओबामा
वाशिंगटन | अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि पुलिस द्वारा अश्वेत नागरिकों की हत्या के बाद उनके मन में पैदा हुए भेदभाव और कमजोरी की भावना ने देश में विरोध प्रदर्शनों को बढ़ाने में मदद की है।
ओबामा ने सोमवार को न्यूयॉर्क में एक गैर लाभकारी संगठन ‘माइ ब्रदर्स कीपर अलायंस’ के लांच के मौके पर कहा, “लगभग प्रत्येक स्तर पर एक औसतन युवा अश्वेत युवक को जिंदगी में मिलने वाले मौके उसके समकक्षों की तुलना में अधिक खराब हैं।” यह नया अभियान 2014 में शुरू हुए ‘माइ ब्रदर्स कीपर’ के प्रयासों पर ही आधारित है, जिसमें युवा पुरुष और श्वेत लड़ाकों की मदद की जाती है, विशेष रूप से जिन्हें स्कूलों और कार्यस्थलों से बाहर निकाले जाने का खतरा हो। ओबामा ने कहा, “अवसरों में यह अंतराल जल्दी ही शुरू हो जाता है, आमतौर पर जन्म के साथ ही और इन दूरियों को कम करना उनके लिए मुश्किल होता जाता है। जिस वजह से कई युवा पुरुष और महिलाएं ये महसूस करने लगते हैं कि वे अपने सपनों को कभी हासिल नहीं कर पाएंगे।”
“भेदभाव और असहायता की यह भावना कि उनकी आवाज नहीं सुनी जा रही है, इसी भावना के कारण विरोध प्रदर्शनों को बढ़ावा मिलता है। बाल्टीमोर, फग्र्युसन और न्यूयॉर्क जैसे स्थानों पर इन विरोध प्रदर्शनों को देखा जा सकता है।” ओबामा उन आंकड़ों की ओर इशारा करते हैं, जिनसे पता चलता है कि देश में अश्वेतों और लैटिन मूल के निवासियों के साथ कानूनी स्तर पर अलग बर्ताव किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “इन विरोध प्रदर्शनों को इस बात से बढ़ावा मिला है कि इस देश में कानून सभी पर समान रूप से लागू नहीं हो रहा है।”
ओबामा ने इन अश्वेतों की तुलना स्वयं से करते हुए कहा, “अमेरिका के प्रत्येक समुदाय में अद्भुत प्रतिभाशाली युवा लोग हैं, लेकिन उन्हें उस तरह के अवसर नहीं मिले, जो मुझे मिले। ये लोग मेरी ही तरह प्रतिभाशाली और होशियार हैं, लेकिन इन्हें अवसर नहीं मिले।” उन्होंने आगे कहा, “मैं पिता के स्नेह के बिना बड़ा हुआ। मैं जब बड़ा हो रहा था तो कभी-कभी सबसे अलग-थलग भी था। जीवन में सही मार्ग की समझ नहीं थी। मेरे और उन अन्य लोगों के बीच अंतर यही था कि मैं एक ऐसे माहौल में बड़ा हुआ, जहां माफ करना सिखाया गया था।”
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इजरायल सेना की एक और बड़ी सफलता, हमास सरकार के प्रमुख नेता रावी मुश्ताहा और दो वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों को मार गिराया
नई दिल्ली। इजरायल की सेना ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। गुरुवार को इजरायली सेना ने घोषणा की कि उसने गाजा में तीन महीने पहले किए गए हवाई हमलों में हमास सरकार के प्रमुख नेता रावी मुश्ताहा और दो वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों को मार गिराया। इजरायली सेना के अनुसार, उत्तरी गाजा में एक भूमिगत परिसर को निशाना बनाते हुए इस हमले को अंजाम दिया गया, जिसमें मुश्ताहा के साथ-साथ कमांडर समेह अल-सिराज और समी औदेह भी मारे गए।
इजरायल ने लेबनान पर भी लगातार बमबारी जारी रखी है। ताजा हवाई हमलों में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई, जबकि सात लोग घायल हुए। समाचार एजेंसी के मुताबिक, गुरुवार सुबह बेरूत के बाचौरा इलाके में संसद के पास एक इमारत को निशाना बनाकर हमला किया गया। यह इजरायल का लेबनान की सरकार के मुख्यालय के सबसे करीब किया गया हमला है।
इजरायली सेना ने यह हमला ईरान की तरफ से मिलाइलें दागने के बाद किया था। इजरायली सेना की ओर से किए गए हमलों में कम से कम 51 लोग मारे गए थे। मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। हमास द्वारा बीते साल सात अक्टूबर को किए गए आतंकी हमले के बाद इजरायल ने गाजा में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर हमले जारी रखे हैं।
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