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प्रादेशिक

हिमाचल विश्वविद्यालय में नेत्रहीनों के लिए नियमों में छूट

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शिमला|शिमला ने नेत्रहीनों और विकलांगों को बड़ी राहत देते हुए उन्हें परीक्षाओं में अपनी योग्यता के निचले स्तर के व्यक्ति को लेखक रखने की अनुमति दी है। विश्वविद्यालय के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया, कुलपति ए.डी.एन. बाजपेई ने विकलांग छात्रों के लिए सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय के दिशानिर्देशों के आधार पर परीक्षा नीति को स्वीकृति दे दी है।

नियमों के अनुसार, परीक्षा में विकलांग परीक्षार्थी का लेखक उससे निचली कक्षा का होना चाहिए।

अब यह निरीक्षक की जिम्मेदारी होगी कि वह यह जांच करे कि लेखक उत्तर लिखने में अनुचित तरीके न अपनााए।

इसके अलावा, विश्वविविद्यालय, लेखक लाने के लिए विकलांग परीक्षकों से कोई शुल्क नहीं लेगा और परीक्षा के दौरान उन्हें एक घंटा अधिक देगा।

पुरानी नियमों को बदलने की सिफारिश करने वाली समिति के सदस्य सचिव अजय श्रीवास्तव ने बताया कि कॉलेज के प्राचार्य अब लेखक लाने की अनुमति देने के लिए अधिकृत हैं।

पहले केवल विश्वविद्यालय का परीक्षा नियंत्रक ही इसकी अनुमति दे सकता था। आपातकाल में परीक्षार्थी अपना लेखक बदल भी सकता है।

विश्वविद्यालय नेत्रहीन परीक्षार्थियों के लिए वैकल्पिक प्रश्न उपलब्ध कराएगा।

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IANS News

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्यपाल गुलाब चंद काटिया की तारीफ

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चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान वीरवार को मोहाली के डेराबस्सी के मुबारिकपुर में आयोजित जैन भगवती दीक्षा महोत्सव में शिरकत करने पहुंचे थे। यह कार्यक्रम जैन समुदाय की तरफ से आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मान ने कहा कि राज्य सरकार महान गुरुओं, संतों, ऋषियों, पैगंबरों और शहीदों के दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए जनता के कल्याण और राज्य के विकास के लिए कार्य कर रही है। कार्यक्रम में पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और उनकी पत्नी भी मौजूद रहीं।

मुख्यमंत्री ने पंजाब के राज्यपाल की तारीफ की। उन्होंने कहा कि पंजाब के गर्वनर गुलाब चंद काटिया ने जब से प्रदेश के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक का कार्यभार संभाला है, तब से प्रदेश में बहुत अच्छी तरह से सरकार चल रही है और चंडीगढ़ प्रशासन भी चल रहा है। राज्यपाल काफी तजुर्बे वाले इंसान हैं। इसलिए वह ‘ मेकर भी हैं और उनके पास बहुत अनुभव है। क्योंकि राज्यपाल महोदय केंद्र में मंत्री रहे हैं, राजस्थान की राजनीति में उनका लंबा अनुभव है, एमपी और एमएलए भी रहे हैं। सीएम मान ने कहा कि राज्यपाल के तजुर्बे का मुझे भी फायदा मिल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह विभिन्न प्रकार के फूलों की विविधता आंखों को सुखद अनुभव देती है, उसी तरह हर समाज में हर धर्म का शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व देश की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। प्रदेश सरकार इस महान उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध है और राज्य में सामुदायिक सद्भाव को मजबूत करने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।

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