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नेशनल

मीडिया के खिलाफ दिल्ली सरकार के सर्कुलर पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

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Arvind-Kejriwal

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मानहानि के मामलों को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर दोहरा मानदंड अपनाने का आरोप लगाया और दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के इससे संबंधित परिपत्र पर स्थगनादेश दिया। केजरीवाल ने अपने खिलाफ आपराधिक मानहानि प्रक्रिया पर अदालत से स्थगनादेश की मांग की है, जबकि मीडिया समूह पर मानहानि संबधी खबर प्रकाशित करने की स्थिति में कार्रवाई करने संबंधी परिपत्र जारी किया है।

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा एवं न्यायमूर्ति प्रफुल्ल सी. पंत की पीठ ने कहा, “क्या आपको नहीं लगता कि अपने खिलाफ मानहानि से संबंधित धारा 499 एवं धारा 500 को चुनौती देने और खुद मीडिया समूह पर मानहानि से संबंधित खबरें प्रकाशित करने पर कार्रवाई करने संबंधी परिपत्र जारी किए जाने के बीच विरोधाभास है?” कोर्ट ने यह बात अमित सिब्बल की उस याचिका पर सुनवाई के दौरान कही, जिसमें केजरीवाल के खिलाफ मानहानि संबंधी मामले पर कार्यवाही पर लगी रोक हटाने की मांग की गई है।

केजरीवाल एवं अन्य आप नेताओं ने आरोप लगाया था कि पूर्व दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल और उनके बेटे अमित के बीच जिम्मेदारियों को लेकर हितों में टकराव है। आरोप उस समय लगाया गया था, जब अमित टेलीफोन संचालकों की तरफ से कोर्ट में वकालत कर रहे थे और कपिल दूरसंचार मंत्री थे। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा ने स्थगनादेश को अस्वीकार करते हुए कहा, “हम मानहानि प्रक्रिया पर स्थगन में छूट नहीं दे रहे, लेकिन सरकार के परिपत्र पर स्थगनादेश जारी कर रहे हैं।”

केजरीवाल सरकार ने छह मई को एक परिपत्र जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि यदि किसी को मीडिया संस्थान द्वारा प्रकाशित या प्रसारित खबर से परेशानी हो, तो वह यह मामला दिल्ली गृह विभाग के समक्ष रख सकता है, जिसके बाद गृह विभाग विधि विभाग से परामर्श कर अभियोजन की मंजूरी दे सकता है और मानहानि का मुकदमा कर सकता है।

केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा 15 मई 2013 को एक संवाददाता सम्मेलन में उनके द्वारा कहे शब्दों के लिए किया गया है, जिसमें उन्होंने हितों के टकराव का आरोप लगाते हुए कहा था कि अमित सिब्बल ने वोडाफोन की तरफ से सर्वोच्च न्यायालय में वकालत की थी और वह भी उस समय, जब उनके पिता दूरसंचार मंत्री थे।

नेशनल

पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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