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नेशनल

तेलंगाना में राहुल की पदयात्रा‚ किसान के परिवार को दिया एक लाख का चेक

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निर्मल (तेलंगाना)। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आर्थिक विपन्नता के कारण आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवार वालों को सांत्वना देने के लिए शुक्रवार को तेलंगाना के अदिलाबाद जिले में ‘पदयात्रा’ की शुरुआत की। राहुल गुरुवार रात महाराष्ट्र के नांदेड़ पहुंचे थे, जहां से वह निर्मल आए हैं और शुक्रवार सुबह यहां से चार किलोमीटर दूर कोरातिकल गांव से ‘किसान संदेश यात्रा’ शुरू की। राहुल के साथ कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह और तेलंगाना की कांग्रेस इकाई के शीर्ष पदाधिकारी भी मौजूद थे।

कांग्रेस नेता दो मई को फसल की बर्बादी के कारण खुदकुशी कर लेने वाले किसान वेल्मा राजेश्वर के घर गए। उन्होंने किसान की पत्नी और बच्चे से मुलाकात की तथा उनके प्रति संवेदना जताई। राहुल से किसान के परिवार ने तेलुगू में बात की, जबकि कांग्रेस पार्टी के तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष उत्तम कुमार रेड्डी ने उन्हें उनकी समस्या को समझाने में मदद की। कांग्रेस नेता ने परिवार को एक लाख रुपये की वित्तीय मदद भी दी। सैकड़ों कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ राहुल फिर लक्ष्मणानंद गांव दो किसानों के परिवार वालों से मिलने गए, जिन्होंने खुदकुशी कर ली थी। उन्होंने खुदकुशी करने वाले किसान बांदला लिंगाना के घर का दौरा किया और उनकी पत्नी तथा बच्चों को सांत्वना दी। परिवार के सदस्यों के साथ घर के फर्श पर बैठकर राहुल ने उनसे उनकी समस्याओं के बारे में पूछा।

लिंगाना की पत्नी ने कांग्रेस नेताओं को बताया कि उनके पति ने फसल की बड़ी क्षति और पांच लाख रुपये का ऋण महाजन को न चुका पाने के कारण खुदकुशी कर ली थी। राहुल ने उसके परिवार को दो लाख रुपये का चेक दिया और उनसे तीनों बेटियों की उचित शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा। वह पदयात्रा में 12 किलोमीटर के दायरे में पांच गांवों का दौरा करेंगे। वह किसानों से मिलेंगे तथा खेतों का भी दौरा करेंगे। राहुल ने पंजाब और महाराष्ट्र में भी ऐसी ही पदयात्रा की थी, वह वडियाल में एक बैठक को संबोधित करेंगे, जहां उनकी पदयात्रा का अंत होगा। राहुल हैदराबाद आकर निर्मल जाने वाले थे, लेकिन अंतिम क्षण में उनका कार्यक्रम बदल गया।

वह गुरुवार रात सात बजे के करीब नांदेड़ पहुंचे और सड़क मार्ग से निर्मल के लिए रवाना हुए। वह रात 10 बजे निर्मल पहुंचे। आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद यह राहुल का पहला तेलंगाना दौरा है। उनकी इस यात्रा से राज्य में पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ गया है और पार्टी कार्यकतओं में काफी उत्साह है, जिसकी झलक पदयात्रा में भी दिखी, जहां बड़ी संख्या में कार्यकर्ता नजर आए। पदयात्रा में कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद हैं। राज्य की सभी 119 विधानसभाओं से करीब दो-दो सौ कार्यकर्ता इसमें हिस्सा ले रहे हैं।

उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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