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सनी पर अश्लीलता फैलाने का मामला दर्ज, हिंदू संगठन ने उठाई देश से निकालने की मांग

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ठाणे (महाराष्ट्र)। मुंबई पुलिस ने बॉलिवुड की हॉट एक्ट्रेस सनी लियोनी पर वेबसाइट और सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए अश्लीलता फैलाने और महिलाओं की गरिमा का अपमान करने के मद्देनजर मामला दर्ज किया है। सनी के खिलाफ यह मामला हिंदू जनजागृति समिति (एचजेएस) ने ठाणे के डोंबीवली स्थित रामनगर पुलिस थाने में दर्ज कराया गया है। इसके साथ ही एचजेएस ने सनी लियोन को देश से बाहर निकालने और भविष्य में उनके भारत में प्रवेश पर रोक लगाने की भी मांग की है।

एचजेएस के प्रवक्ता उदय धुरी ने कहा कि एचजेएस ने ठाणे के डोंबीवली स्थित रामनगर पुलिस थाने के प्रमुख सुनील शिवड़कर के पास प्राथमिकी दर्ज कराई है। धुरी ने कहा, “प्राथमिकी हमारी स्थानीय प्रतिनिधि अंजली पालन और अन्य के द्वारा दर्ज कराई गई है। इसके अलावा पिछले एक सप्ताह में हमने इसी तरह की दर्जन भर से अधिक शिकायतें महाराष्ट्र और गोवा के विभिन्न जिलों में दर्ज कराई है, लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।”

सनी लियोनी पर अपनी वेबसाइट द्वारा नग्न और भड़काऊ चित्रों के माध्यम से अश्लीलता को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि इससे भारतीय युवा बिगड़ रहे हैं और भारतीय महिलाओं का अपमान हो रहा है। उन्होंने कहा कि वेबसाइट पर हालांकि चेतावनी है, लेकिन यह व्यर्थ है क्योंकि बच्चे भी वेबसाइट की सामग्री को देख सकते हैं। धुरी ने कहा, “पिछले सप्ताह जब हमने नवी मुंबई में एक शिकायत दर्ज कराई तो पुलिस आयुक्त के.एल. प्रसाद ने कहा कि वह अपनी स्वयं की तस्वीरों का प्रचार कर रही हैं। उन्होंने हमें सुझाव दिया कि हम महिलाओं के लिए शौचालय जैसे अन्य मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करें।”

सनी किस तरह से लोगों को प्रभावित कर रही हैं इस बात का उल्लेख करते हुए धुरी ने हाल की खबरों का हवाला देते हुए कहा कि वह गूगल जैसे वैश्विक सर्च इंजन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को भी पार कर गई हैं। धुरी ने कहा, “यह आकंड़ा खतरनाक है।” एचजेएस ने उनकी वेबसाइट पर प्रतिबंध की मांग की और कहा कि लियोन को भारत से निष्कासित कर देना चाहिए और उनके देश में प्रवेश पर रोक लगा देनी चाहिए।

उत्तर प्रदेश

सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर एक्शन पर रोक के फैसले का मौलाना अरशद मदनी ने किया स्वागत

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नई दिल्ली। बुलडोजर एक्शन को लेकर सुप्रीम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कानूनी प्रक्रिया अपनाए बिना बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने यह भी बताया है कि अगर कोई अनधिकृत निर्माण किया गया है तो ऐसे केस में यह फैसला लागू नहीं होगा। कोर्ट ने कहा, घर बनाना संवैधानिक अधिकार है। राइट टू शेल्टर मौलिक अधिकार है।

मौलाना अरशद मदनी ने किया फैसले का स्वागत

कोर्ट के इस फैसले का जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने स्वागत किया है। मौलाना अरशद मदनी ने कहा, कोर्ट ने बिल्कुल सही स्टैंड अपनाया है। यह जमीयत उलेमा हिंद की बड़ी उपलब्धि है। हम मुबारकबाद देते हैं उन जजों को जिन्होंने लोगों की दिल की बात को सुना है, उनकी परेशानियां अपनी परेशानी समझी है। खुदा करें हमारे देश में इसी तरह गरीबों को सही हक देने के फैसले होते रहे। हम तो यह समझते हैं कि फैसला बहुत अच्छा आया है।

मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि, “कोई चीज वैध हो या अवैध “इसका फैसला न्यायपालिका करेगी। यहां फैसला आज सुप्रीम कोर्ट ने जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से गैरकानूनी बुलडोजर कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनाया है। मौलाना अरशद मदनी ने गैरकानूनी बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के इस फैसला का स्वागत करते हुए कहा कि उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशों से बुलडोजर कार्रवाई पर लगाम लगेगी।

बता दें कि इससे पहले इसी मामले पर समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने बयान देते हुए कहा था कि बुलडोजर कार्रवाई करने वाले आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का जानी चाहिए।

 

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