मुख्य समाचार
आंचलिक विज्ञान नगरी में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस समारोह
लखनऊ। आंचलिक विज्ञान नगरी में सोमवार को अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाया गया। इस मौके पर छात्रों को बताया गया कि पृथ्वी खुद ही एक बड़ा संग्रहालय है। इसके जटिल तथ्यों और इतिहास को समझने के लिए विविध भाषाओं में अध्ययन करने की जरूरत है। यहां छात्रों को विश्व और भारतीय संग्रहालयों के महत्वपूर्ण चलचित्रों व तस्वीरों को भी दिखाया गया। इस दौरान हैदराबाद के सालारजंग और चंडीगढ़ के रॉक गार्डन जैसे संग्रहालयों का विशेष रूप से जिक्र किया गया।
आंचलिक विज्ञान नगरी में सोमवार को ‘‘संधारणीय समाज के लिए संग्रहालय’’ विषय पर एक विज्ञान व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस मौके पर भू-विज्ञान सर्वेक्षण के पर्यवेक्षक व भूवैज्ञानिक डा. अमित धारवाडकर ने छात्रों का ज्ञानवर्धन किया। उन्होंने कहा कि संग्रहालय इतिहास को कैसे जोड़ते हैं यह समझने के लिए छात्र ‘नाईट ऐट द म्यूजियम’ जैसे चलचित्र को देखें। संग्रहालय की व्याख्या करते हुए उन्होंने बताया कि संग्रहालय एक सक्रिय संस्था है जो हमें भूत, वर्तमान तथा भविष्यकालों से जोड़ता है। संग्रहालय लोगों को टिकाऊ समाज जिसका मतलब उस समाज से है जो प्रकृति, संसाधनों एवं विकास में संतुलन बनाये रखकर आगे प्रगति करता है, के बारे में जागरूक करने के लिए आवश्यक उपकरण हैं। उन्होंने संग्रहालय के महत्व पर भी ज़ोर दिया जो ज्ञान, संसाधन एवं प्रस्तुतीकरण के केन्द्रविन्दु होते हैं।
इसके पहले आंचलिक विज्ञान नगरी के परियोजना समायोजक ने अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस की महत्तता एवं संसाधनों के सरंक्षण एवं समाज के टिकाऊ विकास के बारे में विद्यार्थियों एवं जनसामान्य को जागरूक करने के लिए संग्रहालयों की भूमिका की चर्चा की। व्याख्यान के दौरान लगभग 150 विद्यार्थी, अभिभावक और अन्य लोग उपस्थित थे। यहां छात्रों ने वक्ताओं से कई सवाल भी पूछे।
आंचलिक विज्ञान नगरी में सोमवार से ही ग्रीष्मकालीन अवकाश अभिरुचि शिविर के प्रथम कैम्प की भी शुरूआत हुई। इस कैम्प में लगभग 100 छात्र भाग ले रहे हैं जो क्रियेटिव साइंस, इन्नोवेटिव क्राफ्ट, साइंटिफिक ट्वॉय मेकिंग और ऐस्ट्रोलैब आदि श्रेणियों में आयोजित किया जा रहा है।
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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