साइंस
जलवायु परिवर्तन के कारण आ रहे हैं तूफान
न्यूयार्क। हाल के वर्षों में आए कुछ विनाशकारी तूफानों की वजह जलवायु परिवर्तन हो सकते हैं। एक नए अध्ययन के बाद वैज्ञानिकों ने यह बात कही है। यह अध्ययन अमेरिका की अमेरिका की फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी में किया गया है। यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता प्रोफेसर जिम एल्सनर ने कहा कि हमने कुछ मामूली तूफान देखे, लेकिन अब जो हम देख रहे हैं, वह कहीं ज्यादा शक्तिशाली तूफान है।
शोधकर्ताओं ने पता लगाया कि पिछले 30 सालों में तूफानों की तीव्रता औसतन 1.3 मीटर प्रति सेकंड या 4.8 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ी है। इस शोध से पहले वैज्ञानिकों के बीच इस बात को लेकर चर्चा हुई थी कि समुद्र के तापमान में गर्माहट से किस प्रकार तूफान की तीव्रता प्रभावित हो सकती है। मौजूदा अध्ययन में शोधकर्ताओं ने हर साल आने वाले तूफानों की संख्या और उनकी प्रकृति के बारे में विस्तार से अध्ययन किया।
तूफान की उत्पत्ति तब होती है, जब समुद्री जल का तापमान 79 डिग्री फारेनहाइट (26.1 डिग्री सेल्सियस) से बढ़ जाता है। जैसे-जैसे गर्म जल वाष्प में बदलता है, यह प्रचंड तूफान के रूप में समाने आता है। उच्च तापमान से ऊर्जा का स्तर बढ़ता है, जो आखिर में हवाओं की गति को प्रभावित करता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि वार्षिक तापमान भी तूफान के खतरों को आंकने का अच्छा संकेत हो सकता है।
दक्षिण कोरिया के नेशनल टाइफून सेंटर के उप निदेशक नामयंग कांग ने कहा, “गर्म साल में शक्तिशाली मगर कम उष्णकटिबंधीय चक्रवात के आने की आशंका रहती है, जबकि ठंडे साल में कमजोर लेकिर ज्यादा उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की संभावना रहती है।” यह अध्ययन जर्नल ‘नेचर क्लाइमेट चेंज’ में प्रकाशित हुआ है।
साइंस
फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन, जानें कुछ उनके बारे में
नई दिल्ली। इंडियन न्यूक्लियर प्रोग्राम के जनक और फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन है। जे. भाभा, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) के फाउंडिंग डायरेक्टर और फिजिक्स के प्रोफेसर भी थे। होमी जहांगीर भाभा का जन्म 30 अक्टूबर 1909 में एक अमीर पारसी परिवार में हुआ था। होमी जहांगीर भाभा के पिता का नाम जहांगीर होर्मुस्जी भाभा और माता का नाम मेहरबाई भाभा था, इनके पिता एक जाने-माने वकील थे जबकि माँ एक गृहिणी थीं।
होमी भाभा ने 16 साल की आयु में ही सीनियर कैम्ब्रिज परीक्षा पास कर ली थी। फिर वे गोनविले और कैयस कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के लिए कैम्ब्रिज गए। इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज में कैवेंडिश लैब में रिसर्च करना शुरू किया और उनका पहला रिसर्च पेपर 1933 में प्रकाशित हुआ। दो साल बाद, उन्होंने अपनी पीएचडी हासिल की और 1939 तक कैम्ब्रिज में रहे।होमी भाभा ने छात्र के रूप में कोपेनहेगन में नोबेल पुरस्कार विजेता नील्स बोहर के साथ काम किया और क्वांटम सिद्धांत के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई।
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