नेशनल
शाह ने मंदिर मुद्दा सुलझाने के लिए मांगीं 370 सीटें, ब्लैक मनी लाने पर भी जताई प्रतिबद्धता
नई दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण जैसे अहम मुद्दों को सुलझाने के लिए पार्टी को संसद में दो तिहाई बहुमत यानी 370 सीटें चाहिए। मोदी सरकार के एक साल पूरे होने के अवसर पर भाजपा मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में शाह ने कहा कि मोदी सरकार काले धन के मुद्दे के समाधान के लिए भी प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार ने हर मोर्चे पर पिछले एक साल में बेहतर काम किया है और उसके शासनकाल में हर वर्ग को राहत मिली है।
संवाददाता सम्मेलन में शाह से पूछा गया कि मोदी सरकार के एक साल होने के बाद भी पार्टी के अहम मुद्दों पर कोई प्रगति नहीं हुई। इसके जवाब में भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कोर मुद्दों को सुलझाने के लिए पार्टी को लोकसभा में दो तिहाई बहुमत यानी 370 सीटें चाहिए। उल्लेखनीय है कि भाजपा के प्रमुख मुद्दों में अनुच्छेद 370 हटाना, देश में समान नागरिक संहिता लागू करना और अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण शामिल है। पार्टी पर आरोप लग रहे हैं कि सत्ता में रहने के लिए उसने इन मुद्दों को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार एक विजिबल सरकार है जिसके काम में पूरी तरह पारदर्शिता है। पिछले दस साल में पीएम पद की गरिमा खत्म हो गई थी जिसे नरेंद्र मोदी ने फिर से बहाल किया है। पहले पीएम को कोई पीएम नहीं मानता था लेकिन अब ऐसा नहीं है। मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री कार्यालय का गौरव बहाल किया।
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन अंतर्राष्ट्रीय संधियों के कारण सरकार दोषी लोगों के नामों का खुलासा नहीं कर सकती। शाह ने कहा, “हमने काले धन पर कानून बनाया है और हम इसे वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। लेकिन अगर भाजपा की सरकार उन लोगों के नामों का खुलासा करती है जिनके पास काला धन है तो अंतर्राष्ट्रीय संधियों के मुताबिक हमें इसके संबंध में आगे कोई भी जानकारी नहीं मिलेगी।”
काले धन के मुद्दे पर पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार पर हमला बोलते हुए शाह ने कहा, “कांग्रेस ने 60 सालों तक देश की सत्ता में रहते हुए काला धन वापस लाने के लिए क्या किया?” उन्होंने कहा, “आपकी रुचि क्या है। सुर्खियां बनना अथवा उन लोगों को बचाना जिनके बारे में हमारे पास अभी तक कोई जानकारी नहीं है।” उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में राजग सरकार ने अच्छा काम किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में बिल्कुल भी भ्रष्टाचार नहीं है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में हमने वादा किया था कि हम भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेकेंगे। हम ऐसा करने में सक्षम हैं। यहां तक कि हमारे राजनीतिक विरोधी भी एक साल में किसी भी घोटाले को लेकर हमारी ओर उंगली नहीं उठा पाए हैं। शाह ने भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए राजग सरकार की सराहना की और कहा कि वित्तीय घाटा नियंत्रण में हैं, व्यापार बढ़ा है और विदेशी निवेश पिछले 10 सालों में सबसे अधिक रहा है, साथ ही कीमतों को नियंत्रण में लाया गया है।
उन्होंने कहा, “जब अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में राजग की सरकार बनी थी, तो अर्थव्यवस्था की विकास दर 4.4 फीसदी थी। जब वे सत्ता से बाहर गए तब आर्थिक वृद्धि दर 8.4 फीसदी थी। संप्रग कार्यकाल में आर्थिक वृद्धि दर गिरकर 4.4 फीसदी रह गई। जबकि मोदी सरकार के एक साल बाद अब आर्थिक वृद्धि दर 5.7 फीसदी है।” भाजपा नेता ने यह भी कहा कि सरकार ने देश में विभिन्न अवसंरचना परियोजनाएं शुरू की हैं। शाह ने कहा, “हमारी सरकार सक्रिय और पारदर्शी है। पूरे विश्व में आज भारत की प्रगति और विकास को स्वीकार किया जा रहा है।”
भाजपा अध्यक्ष ने कहा, “यह सरकार पारदर्शी सरकार है। इससे पहले सरकार को ढूंढ़ने की आवश्यकता होती थी। मेरा मानना है कि हमारी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि विश्वास के संकट को दूर करना है।” शाह ने कहा कि मोदी की सरकार के अलावा किसी और सरकार ने भारत के संघीय ढांचे को सुधारने की कोशिश नहीं की। इस दौरान भाजपा अध्यक्ष ने घोषणा की कि पार्टी अगले तीन माह में आठ करोड़ घरों तक पहुंचने का प्रयास करेगी। उन्होंने कहा, “हमारा मानना है कि मोदी सरकार द्वारा एक साल में किए गए कामकाज का लेखाजोखा लोगों को दिया जाए।”
उत्तर प्रदेश
संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट
संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.
कैसे भड़की हिंसा?
24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.
दावा क्या है?
हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.
किस आधार पर हो रहा है दावा?
दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.
किस आधार पर हो रहा है विरोध?
अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
संभल का धार्मिक महत्व
शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.
इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.
धार्मिक विश्लेषण
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.
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