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व्यापमं घोटाले के 32 से ज्यादा संदिग्धों की हो चुकी मौत

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भोपाल। मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले के 32 से ज्यादा संदिग्धों की मौत हो चुकी है, मरने वालों में अधिकांश को दलाल व मध्यस्थ बताया जा रहा है, इन मौतों के कारण जांच पर भी असर पड़ रहा है।

राज्य मे विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में दाखिले की प्रवेश परीक्षा और नौकरियों की भर्ती परीक्षा व्यापमं द्वारा आयोजित की जाती हैं। व्यापमं की परीक्षाओं में घपलों का खुलासा होने के बाद से वर्ष 2012 से जांच चल रही है। जबलपुर उच्च न्यायालय के निर्देश पर गठित एसआईठी की देखरेख में विशेष कार्य बल (एसटीएफ ) कर रही है। एसटीएफ ने दो हजार से ज्यादा को आरोपी बनाया हैं। अभी बड़ी संख्या में आरोपी एसटीएफ की पकड़ से बाहर है। एसआईटी के प्रमुख सेवानिवृत्त न्यायाधीश चंदेश भूषण ने बुधवार को कहा कि एसटीएफ से उन्हें पता चला है कि विभिन्न मामलों में पकड़े गए आरोपियों ने कई ऐसे लोगों के नाम बताए थे, जिन्होंने उनकी मदद की थी, इनमें से 32 से ज्यादा ऐसे मददगार हैं, जिनकी मौत हो चुकी है।

भूषण ने आगे कहा कि पकड़े गए आरोपियों में से तो कई ने एक और एक से ज्यादा ऐसे लोगों के नाम बताए हैं, जिनकी मौत हो चुकी है। इससे जांच पर असर पड़ता है। उन्हें आशंका है कि आरोपियों द्वारा मृतकों के नाम किसी साजिश या जांच को भटकाने के मकसद से बताए गए हैं। एसआईटी और एसटीएफ के बीच विभिन्न मसलों को लेकर चल रहे मतभेद के सवाल पर भूषण का कहना है कि ऐसा कुछ भी नहीं है। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जब संदिग्धों की मौत का सवाल किया गया तो सीधे तौर पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया, और कहा, “आगे-आगे देखिए होता है क्या।”

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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