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उत्तर प्रदेश

भारतीय रेलवे परिवहन प्रबंधन संस्थान लखनऊ में CPR जागरूकता कार्यशाला आयोजित की गई

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लखनऊ। अचानक हृदयाघात (SCA) से भारत में हर साल लगभग 8-10 लाख लोगों की मृत्यु होती है और यह किसी को भी, कभी भी और कहीं भी हो सकता है। हालाँकि SCA पीड़ितों को आम लोगों द्वारा बचाया जा सकता है, लेकिन ऐसे आपातकालीन स्थितियों से निपटने के बारे में लोगों में कम जागरूकता और ज्ञान के कारण लगभग 95% पीड़ित बच नहीं पाते।

आसपास खड़े लोगों द्वारा जीवन रक्षक उपाय शुरू करने में हर 1 मिनट की देरी से बचने की संभावना 10% कम हो जाती है*। अगर आम लोगों को कार्डियो-पल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) करने के तरीके के बारे में जागरूक किया जाए, तो वे तुरंत इसे शुरू कर सकते हैं और जान बचाने में मदद कर सकते हैं*। CPR एक सरल जीवन रक्षक कौशल है और इसे आसानी से सीखा जा सकता है, जिससे मरीज को चिकित्सा सहायता आने तक कुछ महत्वपूर्ण मिनट अतिरिक्त मिल जाते हैं।

19.12.2024 को, नए अधिकारियों के लिए विशेष फाउंडेशन कोर्स के हिस्से के रूप में भारतीय रेलवे परिवहन प्रबंधन संस्थान, लखनऊ में CPR जागरूकता कार्यशाला आयोजित की गई। संजय गांधी पीजीआई के कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर आदित्य कपूर ने कार्डियक अरेस्ट पर व्याख्यान दिया और दर्शकों को केवल हाथों से सीपीआर करने की तकनीक का प्रशिक्षण दिया। इसके अलावा, अधिकारियों को निम्नलिखित से परिचित कराया गया:

• *अचानक कार्डियक अरेस्ट को कैसे पहचानें
• सीपीआर की तकनीक पर सुझाव
• ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर (एईडी) या शॉक मशीन नामक जीवन रक्षक उपकरण का उपयोग करने के सुझाव*
*इस अवसर पर श्री शिशिर सोमवंशी, डीन/आईआरआईटीएम और श्री स्वदेश सिंह, वरिष्ठ प्रोफेसर/आईआरआईटीएम भी मौजूद थे और उन्होंने दर्शकों को पूरे मन से भाग लेने के लिए प्रेरित किया।

दर्शकों ने उत्साहपूर्वक पुतले पर सीपीआर करने का तरीका सीखा और दर्शकों के सवाल-जवाब के साथ कार्यशाला का समापन हुआ। हमें उम्मीद है कि धीरे-धीरे, न केवल लखनऊ शहर, बल्कि पूरा उत्तर प्रदेश सीपीआर के प्रति जागरूक हो जाएगा और हम अधिक से अधिक लोगों की जान बचा पाएंगे। किसी की जान बचाने की शक्ति हम सभी में है। सीपीआर सीखकर, हम उन क्षणों में सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाले बन जाते हैं जब हर सेकंड मायने रखता है। आपातकालीन स्थिति में ज्ञान और सक्रिय दृष्टिकोण के माध्यम से, हम आम लोगों को असाधारण नायकों में बदल सकते हैं।

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उत्तर प्रदेश

अयोध्या में बोले सीएम योगी- जिस औरंगजेब ने मंदिरों को तोड़ा, उनके वंशज आज रिक्शा चला रहे हैं

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अयोध्या। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज अयोध्या में हैं। यहां वह सबसे पहले हनुमानगढ़ी पहुंचे, जहां उन्होंने हनुमान जी की आरती उतारी। इसके बाद वह राम मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने रामलला का आशीर्वाद लिया। इसके बाद सीएम योगी प्रसिद्ध पीठ अशर्फी भवन पहुंचे, जहां उन्होंने जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य महाराज के सानिध्य में चल रही पंचनारायण महायज्ञ में आहुति दी।

पंचनारायण महायज्ञ में आहुति देने के बाद उन्होंने कहा कि सनातन ही देश का राष्ट्रीय धर्म है। उन्होंने कहा कि अयोध्या धाम त्रेता युग की अवधारणा को जिंदा कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर विश्व को बचाना है तो सनातन धर्म को सुरक्षित करना ही होगा। मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि औरंगजेब की वंशजों का आज क्या हाल है। जिस औरंगजेब ने मंदिरों को तोड़ा उनका कुल और वंश खत्म हो गया। आज उनके वंशज रिक्शा चला रहे हैं। यह दुर्गति हुई है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर विश्व मानव सभ्यता को बचाना है तो सनातन का सम्मान करना होगा। हमारे ऋषि मनीषियों ने हजारों वर्ष पहले वसुधैव कुटुम्बकम की बात कही। सीएम योगी ने कहा “दुनिया के अंदर सनातन धर्म ही ऐसा धर्म है, जिसने हर मजहब को विपत्ति के समय शरण दिया है, लेकिन कभी हिंदुओ के साथ ऐसा हुआ क्या?? क्या हुआ बांग्लादेश में, उससे पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान में क्या हुआ था?”

योगी आदित्यनाथ ने काशी और अयोध्या के साथ संभल का जिक्र करते हुए कहा “कभी काशी विश्वनाथ धाम, कभी अयोध्या में, कभी संभल में कल्कि अवतार की हरिहर भूमि, कभी भोजपुर में। हर समय हिंदुओ के मंदिरों को तोड़ा गया। पता चला कि औरंगजेब के खानदान का व्यक्ति कोलकाता के पास रिक्शा चला रहा था। कभी उसने ईश्वर की दुर्गति नही की होती तो उसकी औलादों को ये दिन न देखना पड़ता।”

योगी आदित्याथ सहित अन्य नेता अयोध्या के साथ काशी और मथुरा का जिक्र करते रहे हैं। काशी और मथुरा दोनों जगह मंदिर और मस्जिद को लेकर विवाद है। हालांकि, संभल का जिक्र अब तक नहीं होता था। पिछले महीने स्थानीय अदालत के आदेश पर एएसआई की टीम सर्वे करने मस्जिद पहुंची थी। इस दौरान उग्र भीड़ और पुलिस के बीच झड़प हो गई। इस झड़प के बाद प्रशासन सख्त हुआ और आरोपियों पर कार्रवाई शुरू हुई। बिजली चोरी की जांच के बीच पुराना मंदिर मिला, जो 46 साल से बंद था। इस मंदिर के पास खुदाई में कुआं मिला और कुएं में मूर्तियां भी मिलीं। इसके बाद से संभल भी चर्चा में आ गया है। हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में भी मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी और जिस जगह पर मस्जिद बनी है, वहां पूजा करने का अधिकार हिंदुओं का है।

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