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पंजाब

किसान आंदोलन को लेकर सीएम भगवंत मान का बड़ा बयान, बातचीत के जरिये मसले हल होते हैं, जिद से नहीं

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पंजाब। किसान आंदोलन को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। वहीं उच्चतम न्यायालय में सुनवाई से पहले पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानी आंदोलन को लेकर बड़ा बयान दिया है। मान ने कहा कि बातचीत के जरिये मसले हल होते हैं, जिद से नहीं। साथ ही कहा कि वह खुद चाहते हैं कि केंद्र सरकार की ओर से आंदोलनरत किसानों को बुलाकर उनसे बातचीत की जाए। पंजाब सरकार आज डल्लेवाल की सेहत के बारे में उच्चतम न्यायालय।

डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ी

खनौरी बॉर्डर पर 25 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत काफी नाजुक हो गई है। वीरवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे डल्लेवाल अपनी ट्राॅली के नजदीक बने स्नान घर में नहाने के लिए गए थे। जैसे ही वो बाहर निकले उनकी तबीयत खराब हो गई। चक्कर आने के बाद उन्हें उल्टियां आईं और वे बेहोश हो गए। करीब 10 मिनट तक होश नहीं आने पर अफरातफरी मच गई। डाॅक्टरों की टीम मौके पर पहुंची। देसी घी से उनके हाथ-पैरों की मालिश की गई। सभी जरूरी ब्लड टेस्ट किए गए। मंच को तुरंत बंद कर दिया गया और मौजूद संगत डल्लेवाल की सेहत ठीक होने की कामना को लेकर सतनाम वाहेगुरू का जाप करने लगी।

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पंजाब

किसानों ने शुरू किया रेल रोको आंदोलन, 30 दिसंबर तक पंजाब बंद का आह्वान

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चंडीगढ़। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को कहा कि किसानों ने 30 दिसंबर को ‘पंजाब बंद’ का आह्वान किया है। इसके साथ ही पंधेर ने प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र की आलोचना की। पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ का आह्वान करने का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया है। किसान नेता ने कहा, ‘‘इस महीने की 30 तारीख को पूर्ण ‘बंद’ रहेगा।’’

अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ के दौरान आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। उन्होंने व्यापारियों, कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों समेत अन्य लोगों से ‘बंद’ को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, जिस तरह रेल रोको विरोध सफल रहा। उसी तरह पंजाब बंद को भी सफल बनाया जाना चाहिए।

अपनी मांगों पर अड़े किसान

पजाब में बुधवार को रेल सेवाएं प्रभावित हुईं, क्योंकि किसानों ने फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए तीन घंटे के ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन के तहत 50 से अधिक स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया। फिरोजपुर रेलवे मंडल के अधिकारियों के अनुसार, 52 स्थानों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण 12 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं। उन्होंने बताया कि 34 रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं।

किसानों की क्या हैं मांगें?

किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, फसलों का मूल्य तय करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, कृषि को विश्व व्यापार संगठन से बाहर करने और कुछ अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और खेतिहर मज़दूरों के लिए पेंशन की भी मांग है। साथ ही बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की भी मांग की जा रही है।

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