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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ से पहले मदन मोहन मालवीय पार्क का होगा सौंदर्यीकरण, पार्क में लगेगी उनकी प्रतिमा

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 महाकुम्भनगर। महाकुम्भ 2025 का आयोजन प्रयागराज में 13 जनवरी, पौष पूर्णिमा की तिथि से होने जा रहा है। इसे लेकर महाकुम्भ मेला क्षेत्र और प्रयागराज शहर में निर्माण कार्य, जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण के कार्य तीव्र गति से हो रहे हैं। इसी क्रम में वन विभाग यमुना बैंक रोड पर स्थित महामना मदन मोहन मालवीय पार्क का सौंदर्यीकरण का कार्य करा रहा है। पार्क में प्रयागराज की महान विभूति महामना मदन मोहन मालवीय जी की प्रतिमा भी लगाई जाएगी। इसके साथ ही पार्क के नये प्रवेशद्वार, वन्य जीवों की कलाकृतियां और महिला व पुरुष प्रसाधन का भी निर्माण किया जाएगा। यह महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं के सुखद अनुभव और उन्हें प्रयागराज की महान विभूतियों से परिचित करवाने का प्रयास है।

पार्क में लगाई जाएगी महामना मदन मोहन मालवीय जी की प्रतिमा

प्रत्येक बारह वर्ष पर महाकुम्भ का आयोजन प्रयागराजवासियों के लिए हमेशा गर्व और सम्मान का विषय रहा है। प्राचीन काल से महाकुम्भ के आयोजन में साधु, संन्यासी, राजा-महाराज और तीर्थपुरोहितों के साथ प्रयागराज की महान विभूतियों ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिये हैं। उनमें से महामना मदन मोहन मालवीय जी का नाम सर्वप्रथम है। महामना ने अंग्रेजों के विदेशी शासन के दौर में भी महाकुम्भ की सनातन परंपरा को खण्डित नहीं होने दिया बल्कि अंग्रेज शासकों को महाकुम्भ का आयोजन करने के लिए सशर्त तैयार भी किया। सीएम योगी की नीति राष्ट्रीय संस्कृति के निर्माण में योगदान देने वाले महापुरुषों का सम्मान करने की रही है। इसी क्रम में प्रयागराज की महान विभूति महामना मदन मोहन मालवीय जी की प्रतिमा लगाई जाएगी। उनकी प्रतिमा वन विभाग के यमुना बैंक स्थित मदन मोहन मालवीय पार्क में लगाई जाएगी।

वन विभाग करा रहा है लगभग 2 करोड़ रुपए की लागत से सौंदर्यीकरण का कार्य

प्रयागराज के जिला वन अधिकारी अरविंद यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में महाकुम्भ के अवसर पर मदन मोहन मालवीय पार्क का लगभग 2 करोड़ रुपए की राशि से सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है। पार्क में महामना की मूर्ति निर्माण के साथ पार्क के मुख्य प्रवेश द्वार का भी निर्माण किया जाएगा। साथ ही पार्क में बच्चों के ज्ञानवर्धन और मनोरंजन के लिए वन्य जीवों की कलाकृतियां भी बनाई जाएगी। जिनसे परिचित हो कर बच्चे वन्य जीवों के संरक्षण की ओर प्रेरित होंगे। इसके अतिरिक्त पार्क में आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए महिला और पुरुषों के टॉयलेट भी बनवाए जाएंगे। सीएम के निर्देश के मुताबिक ये कार्य महाकुम्भ से पहले ही पूरा कर लिया जाएगा।

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उत्तर प्रदेश

अयोध्या में बोले सीएम योगी- जिस औरंगजेब ने मंदिरों को तोड़ा, उनके वंशज आज रिक्शा चला रहे हैं

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अयोध्या। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज अयोध्या में हैं। यहां वह सबसे पहले हनुमानगढ़ी पहुंचे, जहां उन्होंने हनुमान जी की आरती उतारी। इसके बाद वह राम मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने रामलला का आशीर्वाद लिया। इसके बाद सीएम योगी प्रसिद्ध पीठ अशर्फी भवन पहुंचे, जहां उन्होंने जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य महाराज के सानिध्य में चल रही पंचनारायण महायज्ञ में आहुति दी।

पंचनारायण महायज्ञ में आहुति देने के बाद उन्होंने कहा कि सनातन ही देश का राष्ट्रीय धर्म है। उन्होंने कहा कि अयोध्या धाम त्रेता युग की अवधारणा को जिंदा कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर विश्व को बचाना है तो सनातन धर्म को सुरक्षित करना ही होगा। मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि औरंगजेब की वंशजों का आज क्या हाल है। जिस औरंगजेब ने मंदिरों को तोड़ा उनका कुल और वंश खत्म हो गया। आज उनके वंशज रिक्शा चला रहे हैं। यह दुर्गति हुई है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर विश्व मानव सभ्यता को बचाना है तो सनातन का सम्मान करना होगा। हमारे ऋषि मनीषियों ने हजारों वर्ष पहले वसुधैव कुटुम्बकम की बात कही। सीएम योगी ने कहा “दुनिया के अंदर सनातन धर्म ही ऐसा धर्म है, जिसने हर मजहब को विपत्ति के समय शरण दिया है, लेकिन कभी हिंदुओ के साथ ऐसा हुआ क्या?? क्या हुआ बांग्लादेश में, उससे पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान में क्या हुआ था?”

योगी आदित्यनाथ ने काशी और अयोध्या के साथ संभल का जिक्र करते हुए कहा “कभी काशी विश्वनाथ धाम, कभी अयोध्या में, कभी संभल में कल्कि अवतार की हरिहर भूमि, कभी भोजपुर में। हर समय हिंदुओ के मंदिरों को तोड़ा गया। पता चला कि औरंगजेब के खानदान का व्यक्ति कोलकाता के पास रिक्शा चला रहा था। कभी उसने ईश्वर की दुर्गति नही की होती तो उसकी औलादों को ये दिन न देखना पड़ता।”

योगी आदित्याथ सहित अन्य नेता अयोध्या के साथ काशी और मथुरा का जिक्र करते रहे हैं। काशी और मथुरा दोनों जगह मंदिर और मस्जिद को लेकर विवाद है। हालांकि, संभल का जिक्र अब तक नहीं होता था। पिछले महीने स्थानीय अदालत के आदेश पर एएसआई की टीम सर्वे करने मस्जिद पहुंची थी। इस दौरान उग्र भीड़ और पुलिस के बीच झड़प हो गई। इस झड़प के बाद प्रशासन सख्त हुआ और आरोपियों पर कार्रवाई शुरू हुई। बिजली चोरी की जांच के बीच पुराना मंदिर मिला, जो 46 साल से बंद था। इस मंदिर के पास खुदाई में कुआं मिला और कुएं में मूर्तियां भी मिलीं। इसके बाद से संभल भी चर्चा में आ गया है। हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में भी मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी और जिस जगह पर मस्जिद बनी है, वहां पूजा करने का अधिकार हिंदुओं का है।

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