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उत्तर प्रदेश

सुशासन का प्रतीक माने जाते हैं अटल जीः मुख्यमंत्री

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लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अटल जी सुशासन का प्रतीक माने जाते हैं। राजनीतिक अस्थिरता को स्थिरता में बदलना, सुशासन के लक्ष्यों को प्राप्त करना, देश के अंदर अंत्योदय की योजना, हर गरीब-वंचित को अधिकार मिले, अंत्योदय कार्ड-राशन उपलब्ध कराने की कार्रवाई हो, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, अनुसूचित जाति-जनजाति या पिछड़े वर्ग को उनका अधिकार दिलाने के साथ ही स्वर्णिम चतुर्भुज, विश्व स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर व हाईवे अटल जी की देन है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को संगीत नाटक अकादमी में सुशासन सप्ताह का शुभारंभ किया। सीएम ने अटल जी के व्यक्तित्व, कृतित्व पर लगाई गई प्रदर्शनी का शुभारंभ व अवलोकन किया। अटल जी के जन्मदिवस की 100वीं वर्षगांठ पर 25 दिसंबर तक सुशासन सप्ताह मनाया जाएगा।

बलरामपुर व लखनऊ से अटल जी ने संसद में उत्तर प्रदेश का किया प्रतिनिधित्व

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत मां के महान सपूत, पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी का यह जन्म शताब्दी वर्ष है। पीएम मोदी की प्रेरणा से आज से पूरे देश-प्रदेश में सुशासन सप्ताह का शुभारंभ हो रहा है। अटल जी की पैतृक जन्मभूमि उत्तर प्रदेश है। उन्होंने अपनी कर्मभूमि के रूप में भी उत्तर प्रदेश को ही चुना। बलरामपुर व लखनऊ से कई बार उन्होंने संसद में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया। विदेश मंत्री, प्रधानमंत्री के रूप में भी उन्होंने देश को सक्षम नेतृत्व प्रदान किया। अटल जी कवि, पत्रकार, साहित्यकार व राजनेता थे। वे समन्वय के साथ सबको लेकर चलने का सामर्थ्य रखते थे। वे भारतीय राजनीति के अजातशत्रु कहे जाते थे। अटल जी का छह दशक का सार्वजनिक जीवन बिना किसी कलंक के रहा।

25 दिसंबर को प्रतिभाओं का होगा सम्मान, अटल जी की कविताओं पर आधारित काव्य पाठ करेंगे नवोदित कवि

सीएम योगी ने कहा कि आज से हर जनपद में कार्यक्रम प्रारंभ हुए है, जो सप्ताह भर (25 दिसंबर) चलेंगे। स्कूली बच्चों के लिए सुशासन पर निबंध लेखन, उच्च शिक्षा स्तर पर भाषण, पेंटिंग प्रतियोगिता, ग्रामीण क्षेत्र में संगोष्ठी के आयोजन हो रहे हैं। इसके साथ ही पूरे वर्ष भर भी आयोजन होंगे। विजेताओं को 25 दिसंबर को सम्मानित किया जाएगा। इस दिन शाम को अटल जी की कविताओं पर आधारित काव्य संध्या भी हर जनपद, स्कूलों-कॉलेजों में होगी। इसमें नवोदित कवियों को मंच प्रदान किया जाएगा।

अटल जी की सेवाएं व कृतित्व देशवासियों के लिए प्रेरणा

मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल जी की सेवाएं व कृतित्व देशवासियों के लिए प्रेरणा है। सुशासन सप्ताह के शुभारंभ अवसर पर प्रदेश के हर स्कूल-कॉलेज, संस्थान में इससे संबंधित कार्यक्रम होंगे। श्रद्धेय अटल जी के आदर्शों से प्रेरणा हम सभी का मार्गदर्शन होगा। अटल जी ने सुशासन के जिन लक्ष्यों को देखा और सोचा था, पीएम मोदी के नेतृत्व में देश इसे प्रभावी ढंग से लागू भी कर रहा है। यह लक्ष्य प्रदेश भी प्राप्त करेगा।

इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, संस्कृति व पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह आदि मौजूद रहे।

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उत्तर प्रदेश

अयोध्या में बोले सीएम योगी- जिस औरंगजेब ने मंदिरों को तोड़ा, उनके वंशज आज रिक्शा चला रहे हैं

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अयोध्या। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज अयोध्या में हैं। यहां वह सबसे पहले हनुमानगढ़ी पहुंचे, जहां उन्होंने हनुमान जी की आरती उतारी। इसके बाद वह राम मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने रामलला का आशीर्वाद लिया। इसके बाद सीएम योगी प्रसिद्ध पीठ अशर्फी भवन पहुंचे, जहां उन्होंने जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य महाराज के सानिध्य में चल रही पंचनारायण महायज्ञ में आहुति दी।

पंचनारायण महायज्ञ में आहुति देने के बाद उन्होंने कहा कि सनातन ही देश का राष्ट्रीय धर्म है। उन्होंने कहा कि अयोध्या धाम त्रेता युग की अवधारणा को जिंदा कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर विश्व को बचाना है तो सनातन धर्म को सुरक्षित करना ही होगा। मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि औरंगजेब की वंशजों का आज क्या हाल है। जिस औरंगजेब ने मंदिरों को तोड़ा उनका कुल और वंश खत्म हो गया। आज उनके वंशज रिक्शा चला रहे हैं। यह दुर्गति हुई है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर विश्व मानव सभ्यता को बचाना है तो सनातन का सम्मान करना होगा। हमारे ऋषि मनीषियों ने हजारों वर्ष पहले वसुधैव कुटुम्बकम की बात कही। सीएम योगी ने कहा “दुनिया के अंदर सनातन धर्म ही ऐसा धर्म है, जिसने हर मजहब को विपत्ति के समय शरण दिया है, लेकिन कभी हिंदुओ के साथ ऐसा हुआ क्या?? क्या हुआ बांग्लादेश में, उससे पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान में क्या हुआ था?”

योगी आदित्यनाथ ने काशी और अयोध्या के साथ संभल का जिक्र करते हुए कहा “कभी काशी विश्वनाथ धाम, कभी अयोध्या में, कभी संभल में कल्कि अवतार की हरिहर भूमि, कभी भोजपुर में। हर समय हिंदुओ के मंदिरों को तोड़ा गया। पता चला कि औरंगजेब के खानदान का व्यक्ति कोलकाता के पास रिक्शा चला रहा था। कभी उसने ईश्वर की दुर्गति नही की होती तो उसकी औलादों को ये दिन न देखना पड़ता।”

योगी आदित्याथ सहित अन्य नेता अयोध्या के साथ काशी और मथुरा का जिक्र करते रहे हैं। काशी और मथुरा दोनों जगह मंदिर और मस्जिद को लेकर विवाद है। हालांकि, संभल का जिक्र अब तक नहीं होता था। पिछले महीने स्थानीय अदालत के आदेश पर एएसआई की टीम सर्वे करने मस्जिद पहुंची थी। इस दौरान उग्र भीड़ और पुलिस के बीच झड़प हो गई। इस झड़प के बाद प्रशासन सख्त हुआ और आरोपियों पर कार्रवाई शुरू हुई। बिजली चोरी की जांच के बीच पुराना मंदिर मिला, जो 46 साल से बंद था। इस मंदिर के पास खुदाई में कुआं मिला और कुएं में मूर्तियां भी मिलीं। इसके बाद से संभल भी चर्चा में आ गया है। हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में भी मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी और जिस जगह पर मस्जिद बनी है, वहां पूजा करने का अधिकार हिंदुओं का है।

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