प्रादेशिक
राजस्थान : शिक्षक की पिटाई से क्षुब्ध छात्र ने जान दी
जयपुर| राजस्थान में राज्य सरकार द्वारा संचालित एक स्कूल में कथित तौर पर एक शिक्षक द्वारा अपमान, उत्पीड़न और पिटाई से क्षुब्ध होकर 16 साल के एक छात्र ने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने सोमवार को बताया कि आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया है। राजधानी जयपुर से 290 किलोमीटर दूर स्थित बारन जिले के रामपुरिया गांव में का यह मामला शनिवार को प्रकाश में आया।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि बनस्थूनी गांव के सरकारी माध्यमिक विद्यालय के 10वीं कक्षा के छात्र दिलखुश सहरिया ने फांसी लगाकर जान दे दी।
पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस को फोन पर बताया, “हमने आरोपी शिक्षक मुकुट बिहारी सेन को रविवार की रात गिरफ्तार कर लिया और उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोपी बनाया है। उन्हें सोमवार को निचली अदालत में पेश किया जाएगा।”
पुलिस ने बताया कि सहरिया ने अपने सुसाइट नोट में लिखा है कि वह यह कदम शिक्षक सेन के उत्पीड़न और पिटाई करने से तंग आकर उठा रहा है।
पुलिस के मुताबिक उसने अपने सुसाइड नोट में लिखा, “एक बार जब मैं अपना गृहकार्य समय पर पूरा नहीं कर पाया था तो मेरे शिक्षक ने पूरी कक्षा के सामने मेरे से कहा था कि तुम मर क्यूं नहीं जाते ताकि तुम्हारे सर से यह बोझ कम हो जाए।”
सहरिया ने लिखा, “जब भी मैं अपना गृहकार्य समय पर पूरा नहीं कर पाता था, मेरे स्कूल के एक शिक्षक मुकुट जी मुझे सभी के सामने अपमानित करते थे और मेरी पिटाई करते थे। पुलिस अकंल कृपया आप उन्हें सजा जरूर देना। उन्हें आप माफ मत करना। मुझे आपसे बस यही चाहिए।”
राज्य में एक माह से भी कम समय के अंदर इस तरह का यह दूसरा मामला है।
इससे पहले इसी महीने में 12 साल के एक लड़के ने आत्महत्या कर ली थी। उसने अपने सुसाइड नोट में स्कूल के तीन अध्यापकों पर गृहकार्य पूरा न करने पर पिटाई करने का आरोप लगाया था।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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