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प्रादेशिक

ब्रिटेन को लिखे मेरे पत्र सार्वजनिक किए जाएं : चिदंबरम

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चेन्नई,कांग्रेस नेता पी.चिदंबरम,विदेश मंत्री सुषमा स्वराज,कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन,राजग,मोदी

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चेन्नई | कांग्रेस नेता पी.चिदंबरम ने बुधवार को आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी के मामले में बतौर तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री उनके तथा ब्रिटिश राजकोष के चांसलर जॉर्ज ओस्बोर्न के बीच हुए पत्र-व्यवहार को सार्वजनिक करने की मांग की। चिदंबरम ने यहां मीडियाकर्मियों से बातचीत में सरकार से अपील की कि वह उनके तथा ओस्बोर्न के बीच हुए पत्र व्यवहार को सार्वजनिक करे और उन्होंने पूछा कि ललित मोदी के पासपोर्ट को फिर से बहाल कर देने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय न जाने का निर्णय केंद्र सरकार के किस व्यक्ति ने लिया।

चिदंबरम ने पूछा, “सरकार पत्र को सार्वजनिक करने में क्यों शर्मा रही है?” उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री को ललित मोदी को अस्थायी यात्रा दस्तावेज के लिए ब्रिटेन स्थित भारतीय उच्चायोग से संपर्क करने की सलाह देनी चाहिए थी, क्योंकि वह भारतीय नागरिक हैं। चिदंबरम ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि क्यों सुषमा ने एक ब्रिटिश सांसद से मोदी की पुर्तगाल यात्रा की व्यवस्था करने के बारे में बात की। चिदंबरम ने पुरानी बातें याद करते हुए कहा कि उन्होंने अपने ब्रिटिश समकक्ष ओस्बोर्न को लिखा था कि ललित मोदी के खिलाफ भारतीय कानून के तहत जांच चल रही है और ब्रिटिश सरकार को उन्हें भारत वापस भेज देना चाहिए, क्योंकि भारत सरकार ने उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया है।

पूर्व वित्त मंत्री के अनुसार, मौजूदा वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि ललित की 16 मामले में जांच चल रही है, इनमें से 15 में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। चिदंबरम ने हालांकि, इसे भाजपा नीत केंद्र सरकार के अंतर्गत हुआ भ्रष्टाचार का मामला नहीं माना है और कहा कि यह सीधे तौरे पर पद के दुरुपयोग, भाई-भतीजावाद और नियमों के उल्लंघन का मामला है।  उन्होंने अपने सात सवालों के जवाब मांगे।

1. सरकार ब्रिटिश समकक्ष के साथ उनके पत्र-व्यवहार को सार्वजनिक क्यों नहीं कर रही?

2. मोदी के पासपोर्ट वापस करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सरकार की तरफ से किसने फैसला किया?

3. सुषमा ने मोदी को भारतीय उच्चायोग से संपर्क करने को क्यों नहीं कहा?

4. मोदी को नए पासपोर्ट देने का फैसला क्यों नहीं किया गया?

5. क्या भारत सरकार ने मोदी को दीर्घ अवधि का वीजा देने पर ब्रिटिश सरकार से विरोध जताया?

6. सुषमा ने इस बात पर जोर क्यों नहीं दिया कि मोदी को यात्रा दस्तावेज के लिए भारत आना होगा?

7. अगर भाजपा सरकार मोदी को सुरक्षा देने के काबिल नहीं है, तो फिर वह क्यों कह रहे हैं कि भारत में उनकी जान को खतरा है?

जेटली के बयान कि यह सरकार की सामूहिक जिम्मेदारी है, का उल्लेख करते हुए चिदंबरम ने कहा कि इसका मतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ललित मोदी के संबंध में लिए गए फैसले में जिम्मेदार हैं।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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