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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ में पुराने वृक्षों और वन्य जीवों का होगा संरक्षण, चलाया जाएगा रेस्क्यू ऑपरेशन

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महाकुम्भनगर: महाकुम्भ में पहली बार श्रद्धालुओं के साथ साथ वन्य जीवों और वन वनस्पतियों के भी हितों का ध्यान रखा जा रहा है। इसके अंतर्गत पुराने वृक्षों और वन्य जीवों के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जाने की तैयारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 100 से अधिक वर्ष की आयु पूरी कर चुके वृक्षों के संरक्षण की योजना बनाई गई है। इसके अंतर्गत रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर पुरातन वृक्षों को संरक्षित किया जाएगा। इसके अलावा सीएम के निर्देश पर वन्य जीवों को उनके प्रवाह स्थल तक पहुंचाने के लिए वन विभाग ने एक स्पेशल प्लान बनाया है। दूसरी ओर श्रद्धालुओं की सुविधा के मद्देनजर रोड, पार्किंग स्थल, टेंट क्षेत्र आदि में लगे पुराने वृक्षों को अपग्रेड करने का भी काम किया जा रहा है, जिससे देश दुनिया से महाकुम्भनगर आने वाले लोग इन प्राणवायु के दाता का महात्म प्रत्यक्ष रूप से देख सकें।

इस तरह चलेगा अभियान

महाकुम्भनगर में बड़ी तादात में 100 से अधिक वर्ष के वृक्ष हैं। इनको संरक्षित करने के लिए पूरे प्रदेश में योगी सरकार विशेष ध्यान दे रही है। इसी क्रम में प्रयागराज में वन विभाग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। इन वृक्षों का घेरा बनाकर उन्हें मजबूती दी जाएगी। इसके साथ ही उनके चारो तरफ मजबूत पक्की चौकी बनाए जाने की योजना है, जिससे पेड़ मजबूती से टिका रहे।

श्रद्धालुओं से भी वन्य जीवों की सुरक्षा का इंतजाम

संगम क्षेत्र में स्थित पुराने वृक्षों की सुरक्षा पर वन विभाग का विशेष जोर है। इसके अलावा श्रद्धालुओं के आवागमन को सुलभ बनाने के लिए पेड़ों की कटाई-छटाई भी बड़े पैमाने पर की जा रही है। इसके साथ ही पेड़ों के सौंदर्यीकरण का काम भी प्रमुखता से किया जा रहा है। वहीं, मेला क्षेत्र में वन्य जीवों की सुरक्षा और उनके रेस्क्यू का कार्य भी किया जा रहा है। इस परियोजना के लिए 20 लाख रुपए का बजट प्रस्तावित है। इसमें वन्य जीवों से श्रद्धालुओं की भी सुरक्षा प्रदान करना तथा वन्य जीवों को उनके प्रवाह स्थल तक पहुंचाए जाने का कार्य प्रमुख हैं।

शुद्ध जल, शुद्ध वायु और पॉलिथीन मुक्त महाकुम्भ के लिए आगे आए संत

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इस बार महाकुम्भ में श्रद्धालुओं को शुद्ध जल, शुद्ध वायु और पॉलिथीन मुक्त वातावरण मिलने जा रहा है। प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ अरुण कुमार सक्सेना ने बताया कि इस बार का महाकुम्भ पूरी तरह पॉलिथीन मुक्त रहेगा। श्रद्धालु शुद्ध जल और शुद्ध वायु का यहां पर पूरा आनंद ले सकेंगे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस अभियान के लिए साधु संतों का पूरा सहयोग लिया जा रहा है। इसके अलावा इस बार साधु संतों के साथ साथ श्रद्धालुओं से भी प्रसाद और फूल पॉलीथिन में नहीं लाने का आह्वान किया है।

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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