उत्तर प्रदेश
याेगी सरकार की अनूठी पहल से महिलाएं संभाल रहीं प्लंबर, फिटर और पंप ऑपरेटर की कमान
लखनऊ/लखीमपुर खीरी: याेगी सरकार आधी आबादी काे आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। ऐसे में प्रदेशभर में विभिन्न याेजनाएं चलाई जा रही हैं। योगी सरकार द्वारा जल जीवन मिशन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने एवं उन्हे ग्राम पंचायत स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए पांच ट्रेड क्रमश: प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, फिटर, पंप ऑपरेटर और मोटर मैकेनिक की ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके अलावा प्रदेश की 4 लाख से अधिक महिलाओं को वॉटर टेस्टिंग की ट्रेनिंग दी गयी है। वहीं राजगिरी मिस्त्री की ट्रेनिंग दी जा रही। सीएम योगी की अनूठी पहल को साकार करते हुए लखीमपुर खीरी में 168 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्लंबर, फिटर और पंप ऑपरेटर की ट्रेनिंग देने के साथ टूल किट वितरित की गयी। बता दें कि लखीमपुर खीरी पूरे प्रदेश में पहला ऐसा जिला होगा, जहां सबसे अधिक 168 महिलाएं प्लंबर, फिटर और पंप ऑपरेटर की कमान संभालेंगी।
प्रदेश में सबसे अधिक खीरी की 168 महिलाएं संभालेंगी प्लंबर, फिटर और पंप ऑपरेटर की जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप लखीमपुर खीरी में स्वयं सहायता समूह की 168 महिलाओं को चार दिवसीय प्रशिक्षण में प्लंबर, फिटर और पंप ऑपरेटर की ट्रेनिंग दी गयी। लखीमपुर खीरी की जिलाधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत पूरे प्रदेश में 1,297 महिलाओं को प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, फिटर, पंप ऑपरेटर, मोटर मैकेनिक और राजगिरी मिस्त्री की ट्रेनिंग दी गयी है। वहीं सीएम योगी की महिलाओं को जल मिशन के तहत रोजगार उपलब्ध कराने की अनूठी पहल को साकार करते हुए अकेले लखीमपुर खीरी में सबसे अधिक 168 महिलाओं को प्लंबर, फिटर और पंप ऑपरेटर की ट्रेनिंग दी गयी है। डीएम दुर्गाशक्ति नागपाल के अनुसार अक्सर देखने में आता है कि पुरुष दिन में काम करने चले जाते हैं। इस दौरान घर की महिलाओं को पानी से संबंधित समस्या जैसे नल का खराब हो जाना, पानी न आना का सामना करना पड़ता है। ऐसे में जब इसे ठीक करने पुरुष पहुंचते हैं तो वह असहज हो जाती हैं। इसे देखते हुए महिलाओं को नल को रिपेयर करने, टंकी का संचालन और फिटर की ट्रेनिंग दी गयी है। इससे जहां घर में मौजूद अकेली महिला सहज होंगी तो वहीं दूसरी ओर ये महिलाएं दूसरों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनेंगी।
प्रशिक्षुओं को दी गयी निशुल्क टूल किट
मिशन के तहत सभी महिलाओं को प्रशिक्षण के बाद प्लंबर ट्रेड की टूल किट में हथौड़ी, ब्लेड, इंची टेप, टेपलान टेप, छेनी, पाइप रिंच वितरित किया गया। इसी तरह फिटर ट्रेड में पाइप रिंच, हथौड़ा, पेचकस, कटर, पंप पंप और ऑपरेटर ट्रेड के लिए प्लास, ब्लेड, कटर, पेचकस, टेस्टर, रिंच, टेप टूलकिट का वितरण किया गया। प्रत्येक ट्रेड में 56-56 समूह की महिलाओं ने ट्रेनिंग प्राप्त की। डीएम ने बताया कि अटल सभागार में व्यावहारिक प्रशिक्षण लेने के बाद तहसील व ब्लॉक लखीमपुर के ग्राम पंचायत कालाआम में सभी 168 महिलाओं की कुशल प्रशिक्षकों की देखरेख में फील्ड विजिट कराकर हैंड्सऑन ट्रेनिंग भी कराई गई। इन महिलाओं ने गांव की परियोजना को न केवल देखा और समझा बल्कि जमीन पर भी काम को करके देखा।
उत्तर प्रदेश
दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण
संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।
संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।
ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।
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