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स्मृति ईरानी के डिग्री विवाद में चलेगा केस या नहीं, आज होगा फैसला
नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधान मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ हलफनामे में अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में कथित तौर पर गलत जानकारी देने के मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट बुधवार को फैसला सुना सकता है।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आकाश जैन ने एक जून को इस मामले में मियाद से जुडे पहलू पर गौर किया और देखा कि क्या इसका संज्ञान लिया जा सकता है। इन बिन्दुओं पर दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था। अब यह कोर्ट तय करेगा कि इस मामले में आगे सुनवाई करे या नहीं। केंद्रीय मंत्री के खिलाफ यह शिकायत स्वतंत्र लेखक अहमेर खान ने दायर की थी। सुनवाई के दौरान खान के वकील ने कोर्ट मे कहा था कि ईरानी ने लोकसभा चुनाव और राज्यसभा चुनाव से पहले अपनी उम्मीदवारी के लिए नामांकन भरते समय आयोग में तीन हलफनामे दायर किए और अपनी शैक्षिक योग्यता के बारे में अलग-अलग ब्यौरा दिया। याचिकाकर्ता का कहना है कि दोनों हलफनामे में अलग-अलग जानकारी दी गई। एक हलफनामे में स्मृति ने कहा कि उन्होंने 1996 में दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ
कारस्पान्डन्स से बीए किया जबकि 11 जुलाई 2011 को गुजरात से राज्यसभा चुनाव के लिए एक अन्य हलफनामे में उन्होंने कहा कि उनकी सर्वोच्च शैक्षणिक योग्यता डीयू के स्कूल आफ कारस्पान्डन्स से बीकाम पार्ट वन है।
याचिका में आरोप लगाया गया है, उपरोक्त तथ्य और परिस्थितियां आरोपी की ओर से जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125ए के तहत अपराध की बात स्पष्ट करती है।
नेशनल
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की हार पर बोलीं कंगना रनौत, उनका वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को मिली प्रचंड जीत ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों को चारों खाने चित कर दिया है। महाराष्ट्र में पार्टी की प्रचंड जीत पर बीजेपी की सांसद कंगना रनौत काफी खुश हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की हार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा कि महिलाओं का अपमान करने की वजह से उनका ये हश्र हुआ है। मुझे उनकी हार का अनुमान पहले से ही था।
कंगना रनौत ने कहा, “मुझे उद्धव ठाकरे की हार का अनुमान पहले ही था। जो लोग महिलाओं का अपमान करते हैं, वे राक्षस हैं और उनका भी वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था। वे हार गए, उन्होंने महिलाओं का अपमान किया। मेरा घर तोड़ दिया और मेरे खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि वे सही और गलत की समझ खो चुके हैं।
बता दें कि कंगना रनौत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के बीच 2020 में तब कड़वाहट भरी झड़प हुई थी, जब तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। अपने बंगले में तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले रनौत ने यह भी कहा था कि उन्हें “मूवी माफिया” से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।
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